तालाब कब्जाने वाले दबंगों ने बरपाया महिला प्रधान पर कहर
तालाब से दबंगों का कब्जा हटवाया तो घर में घुस कर पीटा, जान की धमकी
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई तो लेनी पड़ी न्यायालय की शरण
अमरोहा। सरकार की मंशानुरूप कानून का पालन कराना वाल्मीकि महिला ग्राम प्रधान को भारी पड़ गया। ग्राम पंचायत के तालाब पर कब्जा करने वाले दबंगों ने घर में घुस कर प्रधान को गालियां देते हुए पीटा और इज्जत उतारने की कोशिश भी की। शोर सुनकर पहुंचे लोगों के सामने आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए। रही सही कसर थाना पुलिस ने पूरी कर दी। शिकायत के बावजूद रिपोर्ट दर्ज न होने पर पीड़ित महिला प्रधान को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।
जनपद अमरोहा के थाना रहरा अंतर्गत ग्राम जयतौली की ग्राम प्रधान श्रीमती रजनी पत्नी नाजिम ने बताया कि वह वाल्मीकि जाति से है और सरकार की मंशानुरूप अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही है। आरोप है कि ग्राम जयतौली के ही इशरत पुत्र जाफर अली, वसी पुत्र साबिर अली, रिफाकत पुत्र नजाकत और ग्राम शकरगढ़ी के कदीम पुत्र खलील अहमद ने गांव के तालाब पर कब्जा किया हुआ है। प्रधान श्रीमती रजनी के अनुसार उसने प्रशासनिक स्तर पर अवैध कब्जे के विरुद्ध कार्यवाही की। इस बात को लेकर उक्त चारों आरोपी उससे रंजिश रखते हैं।

दिनांक 19 अक्तूबर 2022 को शाम करीब 6 बजे वह अपने घर पर घरेलू कार्य कर रही थी। तभी अचानक इशरत, वसी, रिफाकत व कदीम नाजायज़ हथियारों से लैस होकर उसके घर में जबरदस्ती घुस आए और गाली गलौच करते हुए पिटाई की और उसके कपड़े फाड़ दिये। शोर मचाने पर पहुंचे गाँव के नौशाद पुत्र एवज, फरमान पुत्र चन्दा व अन्य काफी लोगों ने चारों आरोपियों को घर से निकाला। जाते समय प्रधान को धमकी देते गए कि अगर तालाब से उनका कब्जा हटवाया तो जान से मार देंगे। पीड़ित महिला प्रधान ने घटना की सूचना थाना पुलिस को दी, लेकिन पुलिस के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। अगले दिन पुलिस अधीक्षक अमरोहा को भी शिकायती पत्र दिया गया लेकिन फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस पर मजबूर होकर पीड़िता ने न्यायालय की शरण ली। अब कहीं जाकर कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।