पल भर को “आभा” विकसा कर हो जाते हैं अंतर्ध्यान…
संसारी आशाएं जिन का मानव मन में मोह अपार, या तो मिट्टी में मिल जातीं या फलतीं केवल पल चार।

जैसे धूलि भरे मरू मुख पर हिम के कण होते छविमान, पल भर को “आभा” विकसा कर हो जाते हैं अंतर्ध्यान…
update रहें…हर दम, हर पल
पल भर को “आभा” विकसा कर हो जाते हैं अंतर्ध्यान…
संसारी आशाएं जिन का मानव मन में मोह अपार, या तो मिट्टी में मिल जातीं या फलतीं केवल पल चार।
जैसे धूलि भरे मरू मुख पर हिम के कण होते छविमान, पल भर को “आभा” विकसा कर हो जाते हैं अंतर्ध्यान…
पूर्व क्राइम रिपोर्टर बिजनौर/इंचार्ज तहसील धामपुर दैनिक जागरण। महामंत्री श्रमजीवी पत्रकार यूनियन। अध्यक्ष आल मीडिया & जर्नलिस्ट एसोसिएशन बिजनौर। View more posts