जिलाधिकारी उमेश मिश्रा व पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह की अध्यक्षता में की गई उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति के संबंध में गोष्ठी
महात्मा विदुर सभागार कक्ष कलक्ट्रेट परिसर में संपन्न बैठक में दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश
नई पर्यटन नीति 2022 से 05 वर्ष में 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश व 10 लाख रोजगार के सृजन का लक्ष्य- जिलाधिकारी
बिजनौर। प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए विभिन्न निवेश आयामों पर प्रदेश सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है। पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाओं को देखते हुए नई पर्यटन नीति 2022 बनाई गई है, जिससे आगामी 05 वर्षों में 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश व करीब 10 लाख रोजगार के सृजन का लक्ष्य रखा गया है। यह जानकारी कलक्ट्रेट स्थित महात्मा विदुर सभागार में आयोजित नई पर्यटन नीति 2022 की एक दिवसीय कार्यशाला के अवसर पर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने दी। इस अवसर पर लखनऊ से पर्यटन विभाग द्वारा कार्यशाला पर प्रस्तुतीकरण दिया गया, जिसे सभी उद्यमियों ने सराहा।
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने बताया कि नई पर्यटन नीति 2022 प्रदेश में पूँजी निवेश बढाये जाने के उद्देश्य से 10-12 फरवरी 2023 में उ०प्र० ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में निवेशकों व उद्यमियों द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में भागीदारी बढाये जाने एवं उन्हें अधिक लाभ पहुँचाने हेतु नई पर्यटन नीति 2022 लागू की जा रही है। उद्यमी ऑनलाइन एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित कर नई पर्यटन नीति 2022 के समस्त लाभ उठा सकते हैं। नई पर्यटन नीति में भारी अनुदान दिये जाने की व्यवस्था की गई है। पर्यटन के क्षेत्र में प्रोजेक्ट लगाये जाने पर 25 से 30 प्रतिशत तक अनुदान, भूमि खरीदने पर स्टांप ड्यूटी की छूट, भू उपयोग परिवर्तन शुल्क एवं विकास शुल्क से पूर्ण छूट मिलने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त स्किल डेवलपमेंट, रोजगार की व्यवस्था, इनोवेशन आदि करने पर भी काफी छूट मिलेगी।
जिलाधिकारी ने उद्यमियों से कहा कि वह आगे बढ़ें, शासन व प्रशासन आपके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि बिजनौर में पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं उन्होंने कहा कि वह आगे आकर बिजनौर की तरक्की में अपना अपेक्षित सहयोग दें व निवेश करें। उन्होंने कलक्ट्रेट में निवेश के संबंध में विभिन्न अनापत्ति प्रमाण पत्र व अन्य सहयोग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम स्थापित करने की भी घोषणा की।
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा कि गत एक वर्ष में पर्यटन पर कार्य किया है। एक अच्छे जनपद के लिए अच्छी सड़कें, अच्छे अस्पताल, अच्छे स्कूल आदि होने चाहिए। यह सभी बिजनौर के पास उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि बिजनौर दिल्ली के समीप है यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, इसका लाभ उठाएं। बिजनौर किसी भी मामले में किसी से पीछे नहीं है।
उन्होंने बताया कि 04 लेन स्वीकृत हो गई हैं। मुख्यमंत्री की नजर में बिजनौर प्रमुख है। ऐसी वृहद पर्यटन नीति पहली बार आई है। समय के साथ नहीं चलेंगे तो पीछे रह जाएंगे। नई पर्यटन नीति की घोषणा के उपरांत अमानगढ, बैराज आदि विभिन्न पर्यटन स्थलों पर कार्य हो सकेगा।
लखनऊ से विशेष सचिव पर्यटन ने कहा कि कैबिनेट द्वारा नई पर्यटन नीति 2022 प्रख्यापित की गई है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का मानना है कि पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। बिजनौर एक नई कारपोरेट का गेट बनकर उभर रहा है।
लखनऊ से उन्मुखीकरण कार्यशाला पर बोलते हुए केपीएमजी के स्टेट हेड सिद्धार्थ द्वारा बताया गया कि प्रदेश में 100 ग्रामों का पर्यटन के क्षेत्र में विकास किया जाएगा और पीपीपी मॉडल पर भी कार्य किया जा रहा हैै। उन्होंने कहा कि हेरिटेज टूरिज्म, ईको टूरिज्म को भी प्रदेश सरकार बढ़ावा दे रही है इसमें भी अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में 03 यूनेस्को हेरीटेज साइट है व 12 अन्य प्रमुख स्थल है।
मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा ने कहा कि पूर्व की नीति वर्ष 2018 में 18 सेक्टर थे। नई पर्यटन नीति 2022 में 33 सेक्टर है जिससे रूपये 20 हजार करोड़ के निवेश को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि अनसर्वड लोकेशन के 20 किलोमीटर के रेडियस पर निवेश करने से विभिन्न लाभ प्राप्त हो सकते हैं। जो भी उद्यमी निवेश करना चाहते हैं, वह पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर निवेश सारथी पर एमओयू हस्ताक्षर कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं। हेरीटेज टूरिज्म पर कैपिटल व इन्वेस्टमेंट सब्सिडी दोनों दी जाएगी।
पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह ने कहा कि बिजनौर संभावनाओं से भरा शहर है।

पर्यटन अधिकारी दीप्ति वत्स ने बताया कि होटल,बजट होटल, रिजार्ट, कन्वेंशन सेंटर, वेलनेस सेंटर,योग केंद्र, थीम पार्क, एम्युजमेंट पार्क, ढाबा, रेस्टोरेंट, मेरिज हॉल, वे-साइड एमेनेटीज,पर्यटन शैक्षिक संस्थान, फिल्म टूरिज्म, परंपरागत भोजन से संबंधित होम स्टे, फ्लोटिंग रेस्टोरेंट, टूर एंड ट्रैवल्स आपरेटर, म्युजियम एंड गैलरी, सांउड एंड लेजर शो, हैरिटेज होटल, हैरिटेज होम स्टे, फार्म स्टे, एग्री प्रोजेक्ट, एडवेंचर टूरिज्म प्रोजेक्ट, ईको टूरिज्म प्रोजेक्ट, टेंट कालोनी में निवेश किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि रूपये 10 लाख से 10 करोड़ तक के प्रोजेक्ट पर 25 प्रतिशत अनुदान, रूपये 11 करोड़ से 50 करोड़ तक के प्रोजेक्ट पर 20 प्रतिशत अनुदान, रूपये 51 करोड़ से 200 करोड़ तक के प्रोजेक्ट पर 15 प्रतिशत अनुदान, रूपये 201 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट पर 10 प्रतिशत अनुदान, रूपये 500 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट पर 10 प्रतिशत, अनुदान की अधिकतम सीमा रूपये 40 करोड़ तक होगी। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण जानकारी के लिए पर्यटन विभाग की बेवसाइट http://www.uptourism.gov.in पर लॉगिन करें। ऑनलाइन एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित करने हेतु http://invest.up-.gov.in पर निवेश सारथी पर किया जा सकता है।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह, मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा, सभी उप जिलाधिकारी, पर्यटन अधिकारी दीप्ति वत्स, उद्यमियों में आईआईए चैप्टर बिजनौर के चेयरमैन सौरव माथुर, अमित कुमार गोयल, विनय चौहान, जुगनू चौधरी, ऋषभ देव शर्मा, सुशील कुमार, देवेंद्र कुमार, डा0 नीरज चौधरी, नवदीप राय भारती, दिलशाद अहमद, शरद जैन सहित अन्य अधिकारी व बड़ी संख्या में उद्यमी उपस्थित रहे।