पापी पेट की खातिर…

~भूपेंद्र निरंकारी स्टाफ रिपोर्टर पब्लिक इमोशन

बिजनौर। पापी पेट की खातिर इंसान न जाने क्या क्या करने को तैयार हो जाता है। गरीबी व लाचारी इंसान के लिए बहुत बड़ा अभिशाप है। न जाने कितने लोग तो गरीबी व लाचारी के आगे टूट कर बिखर जाते हैं और दृढ़ निश्चय वाले लोग गरीबी व लाचारी के आगे घुटने नहीं टेकते और जीवन पर्यंत संघर्ष करते रहते हैं, कठिनाइयों का डटकर सामना करते हैं और एक दिन जीत जाते हैं क्योंकि दृढ़ इरादों वाले व कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। वह एक दिन अपनी मंजिल को पा ही लेते हैं। कल शाम शक्ति चौराहा के निकट सिविल लाइन में एक महिला अपनी छोटी बच्ची से बांस हाथ पर लेकर करतब करवा रही थी। यह एक बहुत ही गरीब महिला है जिसके छोटे-छोटे बच्चे हैं गरीबी की मारी यह महिला जगह जगह बांस गाड़ कर अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों से करतब करवाती है। रस्सी पर चलकर करतब करना एक बहुत ही खतरनाक कार्य है लेकिन पापी पेट की खातिर यह महिला अपने बच्चों से करतब करवाने को मजबूर है। राह चलते लोग, कोई ₹10, कोई ₹20 देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। बहुत से दयालु व अच्छे लोग ज्यादा भी दे देते हैं। यह महिला 200 से 300 रुपए बमुश्किल इकट्ठा कर पाती है। सरकार, जिला प्रशासन, समाजसेवी संस्थाओं तथा जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए और ऐसे लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करनी चाहिए। कहते हैं कि नर सेवा नारायण सेवा। गरीबों की मदद करना एक बहुत ही पुण्य का कार्य है। भगवान ऐसे ही पुण्य कार्यों से खुश होते हैं। हमें एक दूसरे की हमेशा मदद करनी चाहिए।

Published by Sanjay Saxena

पूर्व क्राइम रिपोर्टर बिजनौर/इंचार्ज तहसील धामपुर दैनिक जागरण। महामंत्री श्रमजीवी पत्रकार यूनियन। अध्यक्ष आल मीडिया & जर्नलिस्ट एसोसिएशन बिजनौर।

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