अनियमितता में संलिप्त अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा: न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह
~आयोग का मुख्य उद्देश्य स्थानीय जन प्रतिनिधियों के मतों एवं फीडबैक के आधार पर यह समीक्षा करना है कि पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त हो रहा अथवा नहीं, ओबीसी की राजनैतिक भागीदारी कितनी है तथा राज्य नगरीय निकायों में पिछड़ेपन की प्रवृत्ति और उसके प्रभाव का अध्ययन करना- आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह
~जानबूझ कर आंकड़ों के साथ छेड़छाड करने, सर्वे के खिलाफ आख्या भेजने तथा किसी भी प्रकार की अनियमितता में संलिप्त अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा, जन प्रतिनिधियों/सभासदों से से प्राप्त सुझावों एवं फीडबेक का आयोग की आख्या में समावेश कर शासन को उचित निर्णय के लिए किया जाएगा प्रेषित – न्यायामूर्ति राम अवतार सिंह
बिजनौर। उ0प्र0 राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष न्यायामूर्ति राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में जिले के नगर पालिका एवं नगर निकायों में प्राविधान के तहत निर्धारित पिछड़ा वर्ग प्रतिनिधित्व की समीक्षा एवं स्थानीय प्रतिनिधियों का मत/फीडबैक प्राप्त करने सम्बधी बैठक विकास भवन सभागार में आयोजित हुई। आयोग के अध्यक्ष राम अवतार सिंह ने नगर पालिका एवं नगर निकायों से आये हुए जन प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए आयोग के उद्देश्य एवं कार्य क्षेत्र को विस्तार से बताते हुए कहा कि 28 दिसम्बर 2022 को इस आयोग का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि आयोग का मुख्य उद्देश्य स्थानीय जन प्रतिनिधियों के मतों एवं फीडबैक के आधार पर यह समीक्षा करना है कि पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त हो रहा अथवा नहीं, ओबीसी की राजनैतिक भागीदारी कितनी है तथा राज्य नगरीय निकायों में पिछड़ेपन की प्रवृत्ति और उसके प्रभाव का अध्ययन करना है। बैठक में अध्यक्ष सहित आयोग के अन्य सदस्यों ने नगर पालिका सहित सभी नगर निकायों के जन प्रतिनिधियों/सभासदों से एक-एक कर फीडबैक और उनका पक्ष जाना तथा आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके विचारों एवं सुझावों का आयोग की आख्या में समावेश किया जाएगा ताकि शासन उन पर उचित निर्णय ले सके।
अपर जिलाधिकारी विनय कुमार की सराहना~

अध्यक्ष श्री सिंह ने अपर जिलाधिकारी विनय कुमार द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों और नक्शों के प्रस्तुतिकरण की सराहना करते हुए कहा कि जिस जिले में इस प्रकार के संवेदनशील एवं समर्पित अधिकारी मौजूद हों वहां त्रुटियों की सम्भावना नगण्य होती हैं यही कारण है कि जिला बिजनौर में पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व संतोषजनक है।
बैठक के दौरान जिले की सभी नगर निकायो का प्रतिनिधित्व कर रहे पूर्व सभासदों से निर्धारित प्रारूप पर प्रश्नावली भी भरवाई गयी इसका उद्देश्य मुख्य रूप से अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों की जनसंख्या के अनुपात में राजनीतिक प्रतिनिधित्व का आकलन करना है। बैठक में सम्बंधित नगर पालिका व नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारी ने पिछड़ी जाति के 27 प्रतिशत के आरक्षण एवं अन्य जानकारी से आयोग को अवगत कराया। बैठक में जन प्रतिनिधियों द्वारा आरक्षण में रोटेशन सम्बंधी सवालों पर अध्यक्ष ने अपर जिलाधिकारी को इस संबंध में स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ अलग से बैठक करते हुए नियमानुसार सुधार करने को कहा गया।
बैठक के दौरान पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य पूर्व मण्डलायुक्त संतोष कुमार विश्वकर्मा ने आयोग के गठन और उसके उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा की।

अपर जिलाधिकारी ने आरक्षण में रोटेशन अथवा सर्वे आदि से सम्बंधित बिन्दुओं पर उठाये गये प्रश्नों पर सभी को आश्वस्त करते हुए कहा कि रैपिड सर्वे का कार्य पुनः किया जाएगा और नगर पालिका एवं नगर निकायों में आरक्षण के लिए निर्धारित प्राविधान के अनुसार ही सूची तैयार की जाएगी। उन्होंने अध्यक्ष सहित आयोग के सभी सदस्यगण को आश्वसत किया कि आपके द्वारा दिये गये निर्देशों/सुझावों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष सहित सभी सदस्यगण एवं जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर बैठक में पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्यगण संतोष कुमार विश्वकर्मा, महेन्द्र कुमार बृजेश कुमार सोनी, डा0 अंसारी पप्पु गुप्ता, मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा, अपरजिलाधिकारी विनय कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक प्रवीण रंजन, समस्त अधिशाषी अधिकारी/नगर पालिका/नगर पंचायत सहित नगर पालिका एवं नगर निकायों के सम्मानित जनप्रतिनिधि, सभासद आदि उपस्थित रहे।