रंगबाजों से निजात दिलाने को सिविल लाइंस में जरूरी है पुलिस चौकी
सिविल लाइंस क्षेत्र में दिन भर रहता है बाइकर्स का आतंक
गणतंत्र दिवस पर भी पुलिस प्रशासन के नुमाइंदों के सामने बाइक से फोड़े थे पटाखे

बिजनौर। रंगबाजों, बदमाशों और बेलगाम बाइकर्स से छुटकारे के लिए अब सिविल लाइंस में पुलिस चौकी स्थापित करना जरूरी हो गया है। पुलिस विभाग ने शहर में कुछ स्थानों पर चेकपोस्ट खोलने की योजना बनाई थी। इनमें शहर के बाहरी क्षेत्र चक्कर रोड के कई पॉइंट, बैराज रोड, मुरादाबाद रोड आदि शामिल हैं। जागरुक नागरिकों का मानना है कि पुलिस अधीक्षक को चेकपोस्ट बाहरी क्षेत्र के साथ ही शहर के अंदरूनी हिस्सों में भी खोलने पर भी विचार करना चाहिए।
विदित हो कि सितंबर 2022 में जिला मुख्यालय के पॉश एरिया सिविल लाइंस फर्स्ट में इंटीरियर डेकोरेटर पर दिनदहाड़े जानलेवा हमले की वारदात हुई थी। कृष्णा सेंट्रल प्लाजा के सामने महावीर स्कूल व पेट्रोल पंप के बाहर दिल्ली से आए युवक की जान लेने की कोशिश की गई। युवक जन्मदिन मनाने अपने घर आया हुआ था। कुछ ही देर बाद हमलावरों ने एसआरएस मॉल के सामने पुलिस चेकपोस्ट के बराबर में एक अन्य युवक को जमकर पीटा। सूचना पर थाना शहर कोतवाली पुलिस ने घायल युवकों का मेडिकल कराया और हमलावरों की तलाश शुरू कर दी, लेकिन राजनैतिक दबाव के चलते आज तक न तो रिपोर्ट दर्ज की गई और न ही कोई कार्रवाई। दिनदहाड़े हुई दोनों घटनाओं से पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है।

कोतवाली नगर क्षेत्र की भरत विहार कॉलोनी में ताबड़तोड़ फायरिंग कर बेलगाम युवाओं की फौज ने सनसनी फैला दी थी। पुलिस इस मामले में सात नामजद समेत कुल 22 युवकों में से तीन को गिरफ्तार कर चुकी है। इस समय सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र सिविल लाइंस ही है। यहां दिन भर हजारों लोगों का पैदल, रिक्शा अथवा दोपहिया, चौपहिया वाहनों से आवागमन रहता है। यहीं पर लोगों के लाड़ले बेखौफ होकर बाइक्स पर फर्राटा भरते हैं। खासतौर पर दोपहर बाद स्थिति अधिक ख़राब हो जाती है। पूरे सिविल लाइंस क्षेत्र में दिनभर बाइकर्स का आतंक रहता है। दरअसल ट्यूशनखोरों के यहां से निकलने वाली फौज सड़कों पर जमकर धमाल मचाती है। इनके दोपहिया तीन से पांच के बीच ही सवारी बैठा पाते हैं। इससे कम पर कोई समझौता नहीं। हॉर्न पर उंगली, 70-80 की स्पीड पर एक्सीलेटर भीड़ को पानी मे काई की तरह फाड़ देते हैं। देर रात तक ऐसा ही चलता रहता है। लड़कियों, महिलाओं, वृद्धों, बच्चों को सड़क पार करने के लिए दस-दस मिनट तक इंतजार करना पड़ता है। यही नहीं गणतंत्र दिवस पर पुलिस प्रशासन के नुमाइंदों के सामने बाइक से पटाखे फोड़े।