आईटीएसएसओ पोर्टल पर उत्तर प्रदेश को मिला प्रथम स्थान
महिला एवं बाल अपराधों (बलात्कार व पाक्सो) के अनुश्रवण हेतु है संचालित
एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) यूपी प्रशांत कुमार और एडीजी डब्लूसीएसओ श्रीमती नीरा रावत ने विस्तार से दी जानकारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के महिला एवं बाल अपराधों (बलात्कार व पाक्सो) के अनुश्रवण हेतु संचालित भारत सरकार के इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर ओफेंसेस आईटीएसएसओ (Investigation Tracking System for Sexual Offences (ITSSO) पोर्टल पर उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर आया है। इस संदर्भ में एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) यूपी प्रशांत कुमार और एडीजी डब्लूसीएसओ श्रीमती नीरा रावत ने विस्तार से जानकारी दी।
उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार एवं एडीजी डब्लूसीएसओ श्रीमती नीरा रावत ने बताया कि भारत सरकार द्वारा बलात्कार व पाक्सो के अपराधों को अत्यधिक गंभीरता से लिया जा रहा है तथा इन अभियोगों के समयबद्ध अनुश्रवण हेतु आईटीएसएसओ यानि इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर ओफेंसेस नाम से पोर्टल विकसित किया गया है। क्रिमिनल ला एमेन्डमेंट एक्ट 2018 की मंशा के अनुसार बलात्कार के केसों की विवेचना 02 माह में पूर्ण किये जाने की दिन प्रतिदिन अनुश्रवण हेतु यह पोर्टल दिनांक 21 अप्रैल 2018 से प्रचलित है। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा संचालित इस पोर्टल पर देश के समस्त राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में दर्ज इन अभियोगों की प्रगति का अनुश्रवण किया जाता है। अभियोगों के निस्तारण के आधार पर प्रदेशों की तुलनात्मक स्थिति का आंकलन किया जाता है। समस्त महिला अपराधों के साथ-साथ इन अपराधों के प्रति उत्तर प्रदेश पुलिस भी अत्यधिक संवेदनशील है। इसके दृष्टिगत पुलिस महानिदेशक द्वारा इस पोर्टल की मानिटरिंग हेतु महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन को नोडल इकाई के रूप में नामित किया गया है।
उत्तर प्रदेश में आईटीएसएसओ (ITSSO) पोर्टल की अनुश्रवण व्यवस्था
उन्होंने बताया कि 19 मई 2022 को प्रत्येक जनपद में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की जनपदीय इकाईयों का गठन किया गया है। यह जनपदीय इकाईयां जनपदीय पुलिस अधीक्षकों के पर्यवेक्षण में कार्यरत है। इस मुख्यालय द्वारा इन अभियोगों की दिन प्रतिदिन आधार पर समीक्षा की जाती है तथा विवेचना के दौरान विधि विज्ञान प्रयोगशाला व अभियोजन इत्यादि से परामर्श, सहायता व समन्वय कराया जाता है।

97.6 प्रतिशत निस्तारण की दर के साथ यूपी सम्पूर्ण देश में प्रथम स्थान पर
22 अगस्त 2022 को गृह मंत्री द्वारा मध्य क्षेत्रीय परिषद, भोपाल, मध्य प्रदेश की बैठक में भी आईटीएसएसओ पोर्टल का उल्लेख किया गया था। तत्समय कुल दर्ज 68,998 अभियोगों के सापेक्ष 65,551 अभियोगों का निस्तारण करते हुए 95 प्रतिशत निस्तारण दर के आधार पर उत्तर प्रदेश संपूर्ण देश में सातवें स्थान पर था। आज उत्तर प्रदेश कुल दर्ज 75,881 अभियोगों के सापेक्ष 74070 अभियोगों का निस्तारण करते हुए 97.6 प्रतिशत निस्तारण की दर (Disposal Rate) के साथ सम्पूर्ण देश में प्रथम स्थान पर है। मात्र 05 माह की अवधि में सतत् प्रयासों से 8519 अभियोगों का सफलतापूर्वक निस्तारण कराया गया है।
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े प्रदेश में एक बेहतर निस्तारण प्रतिशत (Disposal Rate) बनाये रखना कठिन कार्य है। इसके लिए महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की जनपदीय ईकाईयों, जनपदीय पुलिस एवं विधि विज्ञान प्रयोगशाला व अभियोजन से समन्वय स्थापित करा कर इस कार्य को शीघ्रता के साथ किया गया है। पुलिस महानिदेशक के निर्देशों हेतु प्रत्येक माह समीक्षात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है। इसके अतिरिक्त शासन स्तर पर भी समय समय पर समीक्षा की जाती है।
क्या पड़ता है प्रभावः-
अभियोगों के शीघ्र निस्तारण से पीड़िता को समय से न्याय मिलाता है तथा आरोपी पर भी प्रतिरोधात्मक प्रभाव होता है, जिसका असर भविष्य में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में पड़ता है।