बिजली कर्मचारियों की हड़ताल असंवैधानिक घोषित
हाईकोर्ट के आदेश की प्रति भेजते हुए तत्काल हड़ताल समाप्त कर ड्यूटी पर लौटने के निर्देश

प्रदेश के कई हिस्से में बिजली की आपूर्ति लड़खड़ाई
लखनऊ। विद्युतकर्मियों की हड़ताल पर हाईकोर्ट के सख्त कदम उठाने के कुछ घंटों बाद ही राज्य सरकार ने हड़ताल को असंवैधानिक घोषित कर दिया। बिजली आपूर्ति में व्यवधान डालने और तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने काम पर न आने वाले आउटसोर्सिंग व संविदा कार्मिकों की सेवाएं भी तत्काल समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले मंगलवार को 1281 संविदकर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं। कई अभियंताओं के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज हुई। देर रात पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने 19 हड़ताली संगठनों के पदाधिकारियों को हाईकोर्ट के आदेश की प्रति भेजते हुए तत्काल हड़ताल समाप्त कर ड्यूटी पर लौटने के निर्देश दिए। गुरुवार रात 10 बजे से 72 घंटे की शुरू हुई हड़ताल के मद्देनजर सरकार और पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने व्यापक वैकल्पिक इंतजाम करने का दावा तो किया लेकिन हड़ताल के चलते प्रदेश के कई हिस्से में बिजली की आपूर्ति लड़खड़ाई हुई है। गांव से लेकर शहरों तक में घंटों बिजली की आपूर्ति ठप रहने से प्रदेशवासी तमाम दिक्कतों से जूझ रहे हैं।
क्या रही वजह, जो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर सख्त रुख अपनाया और कोर्ट ने कर्मचारी नेताओं को जमानती वारंट जारी किया? हाईकोर्ट के अधिवक्ता विभू राय ने न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का मुद्दा उठाया। कहा कि गत वर्ष 6 दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट ने बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर सुओमोटो संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका कायम की थी। तब कोर्ट ने हड़ताल खत्म करने का आदेश देते हुए हड़ताली कर्मचारियों को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया था लेकिन नोटिस तामील होने के बावजूद कोई भी कर्मचारी नेता अब तक उपस्थित नहीं हुआ बल्कि कर्मचारियों ने अपनी मांग को लेकर एक बार फिर से 72 घंटे की हड़ताल कर दी। उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि यदि किसी कर्मचारी पर कार्रवाई की जाती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि सरकार हड़ताली कर्मचारियों के विरुद्ध एस्मा के तहत कार्रवाई कर रही है। इसके अलावा बिजली व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए एनटीपीसी व अन्य केंद्रीय एजेंसियों की मदद से वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।
प्रथमदृष्टया कोर्ट के छह दिसंबर 2022 के आदेश की अवहेलना का मामला~ कोर्ट ने कहा कि जो कुछ भी हमारे सामने लाया गया, वह गंभीर स्थिति की ओर इशारा करता है। इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। हम इस बात पर नहीं जाना चाहते कि कर्मचारियों ने अपनी शिकायत इस याचिका में उठाने की बजाय हड़ताल पर जाने का निर्णय क्यों लिया। यदि कर्मचारियों की मांग में कुछ तथ्य हैं, तब भी पूरे राज्य को पंगु बनाकर मुश्किल में डालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कर्मचारियों की हड़ताल से न सिर्फ न्यायालय के आदेश का उल्लंघन हुआ है बल्कि राज्य के विद्युत उत्पादन केंद्रों में बिजली का उत्पादन न होने से राष्ट्रीय क्षति हुई है। प्रथमदृष्टया कोर्ट के छह दिसंबर 2022 के आदेश की अवहेलना का मामला है। पूर्व में दिए गए आदेश के बावजूद कर्मचारी संघ का कोई नेता उपस्थित नहीं हुआ इसलिए कर्मचारी संघ के सभी सदस्यों व पदाधिकारियों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया जाता है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे और यूनियन के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जीतेंद्र सिंह गुर्जर, जयप्रकाश सहित अन्य तमाम लोगों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी करने के साथ ही जमानती वारंट भी जारी किया गया है। कोर्ट ने हड़ताली कर्मचारियों को सोमवार सुबह दस बजे तलब किया है। इस दौरान राज्य सरकार से कहा है कि वह कानून के तहत कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करें और अगली सुनवाई पर विभाग के अपर मुख्य सचिव का हलफनामा प्रस्तुत करें।
इन हड़ताली संगठनों को भेजा गया हाईकोर्ट का आदेश
1-शैलेन्द्र दुबे संयोजक विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति 2-जितेन्द्र सिंह गुर्जर महासचिव उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ, 3- जीवी पटेल महासचिव राविप जूनियर इंजीनियर्स संगठन, 4- मनीष कुमार मिश्र महासचिव उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम अधिकारी एसोसिएशन, 5-महेन्द्र राय मुख्य महामंत्री उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ, 6-सुहैल आबिद महामंत्री उत्तर प्रदेश बिजली मजदूर संगठन, 7-पीके दीक्षित प्रमुख महामंत्री हाइड्रो इलेक्ट्रिक इंप्लाइज यूनियन, 8-शशिकांत श्रीवास्तव महामंत्री उत्तर प्रदेश विद्युत मजदूर संघ, 9-मो. वसीम केंद्रीय महासचिव राविप प्राविधिक कर्मचारी संघ, 10-योगेन्द्र कुमार वरिष्ठ उपाध्यक्ष विद्युत कार्यालय सहायक, 11-विशम्भर सिंह महामंत्री यूपी बिजली बोर्ड इंप्लाइज यूनियन (उत्तर प्रदेश सीटू), 12-राम सहारे वर्मा प्रांतीय महामंत्री विद्युत कार्यालय कार्मिक संघ, 13-शम्भू रतन दीक्षित अध्यक्ष उत्तर प्रदेश ताप विद्युत मजदूर संघ, 14-पीएस बाजपेयी अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राविप श्रमिक संघ, 15-जीपी सिंह महामंत्री विद्युत पैरामेडिकल एसोसिएशन, 16-रफीक अहमद अध्यक्ष विद्युत मजदूर यूनियन (एचएमएस), 17-देवेन्द्र पाण्डेय महामंत्री उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ, 18-छोटे लाल दीक्षित प्रांतीय अध्यक्ष विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन एवं 19-आरवाई शुक्ला अध्यक्ष विद्युत मजदूर संगठन।
