16 अधिशाषी अभियंता, अवर अभियंता और एसडीओ निलंबित। तीन हजार से ज्यादा संविदा कर्मी बर्खास्त। प्रदेश में हड़ताल पर एक लाख कर्मचारी।

लखनऊ। आंदोलनरत बिजली कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती बरतते हुए सरकार ने अब तक तीन हजार से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है, जबकि 29 पर आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लगाया गया है। शनिवार को प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में लोगों को भीषण कटौती का सामना करना पड़ा। मौसम खराब होने के कारण जगह-जगह हुए फॉल्ट से समस्या और बढ़ गई। फॉल्ट ठीक करने कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा। शहरों में भी लोगों को कमोबेश ऐसे ही हालत से जूझना पड़ा।
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद स्थिति की समीक्षा करते हुए आपूर्ति में बाधा डालने तथा अराजकता पैदा करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। इसी क्रम में पावर कॉरपोरेशन ने 16 अधिशाषी अभियंता, अवर अभियंता और एसडीओ को निलंबित कर दिया। तीन हजार से ज्यादा संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया।
नहीं मान सकते अनर्गल मांग~
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का कहना है कि हम कर्मचारियों से काम पर लौटने और वार्ता की लगातार अपील कर रहे हैं। मार्च में हड़ताल से राजस्व का नुकसान हो रहा है। भारी कर्ज के चलते कर्मचारियों की अनर्गल मांगें पूरी नहीं की जा सकती हैं। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है।
काम पर नहीं आ रहे एक लाख कर्मचारी~
प्रदेश में करीब एक लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं। कर्मचारी नेताओं ने कहा, संघर्ष समिति ऊर्जा मंत्री से वार्ता के लिए हमेशा तैयार है। निविदा/संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश, बड़े पैमाने पर बिजलीकर्मियों के विरुद्घ केस व समिति पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के आदेश की वजह से कर्मचारियों में आक्रोश है।

प्रदेश को बुलडोजर की जगह जनरेटर की जरूरत~
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिजली कर्मियों की हड़ताल पर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि निजी हाथों में बिजली सौंपने के लिए दिल्ली-लखनऊ मिलकर प्रदेशवासियों एवं बिजलीकर्मियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। भाजपाई संविदाकर्मियों का रोजगार छीनना चाहते हैं। जो पुलिस, कानून व्यवस्था नहीं संभाल पाती, वह बिजली क्या संभालेगी? सपा के समय घाटे से उबरा पावर कॉरपोरेशन अब घाटे में क्यों है?
उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा कि डबल इंजन की सरकार में उत्तर प्रदेश को बिना बिजली के रहने का अभिशाप मिला है। बच्चे बूढ़े परेशान हैं। मरीजों का हाल बेहाल है। व्यापार-कारोबार ठप है। प्रशासन की बत्ती गुल है। भाजपा सरकार समझ ले कि उत्तर प्रदेश को बुलडोजर की जगह जनरेटर की जरूरत है।
