नई दिल्ली (एजेंसी)। सिंगर सिद्धू मूसेवाला के बाद एक और दिग्गज कलाकार के निधन से पंजाबी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री शोक में डूब गई है। पंजाब के प्रसिद्ध कॉमेडियन, लेखक और शायर सुरिंदर शर्मा (Surinder Sharma) का निधन हो गया है। हालांकि, उनके बदले मीडिया ने देश के जाने-माने हास्य कवि और पद्मश्री से सम्मानित सुरेन्द्र शर्मा (Surendra Sharma) को श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया, जिसके बाद उन्होंने खुद सोशल मीडिया के जरिए स्पष्ट किया है कि वे जिंदा हैं।
खुद सोशल मीडिया पोस्ट कर दिया स्पष्टीकरण– निधन की खबरों के बाद हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा को खुद सोशल मीडिया पर आकर स्पष्टीकरण देना पड़ा। उन्होंने एक पोस्ट शेयर कर खुद बताया बताया कि वह सही सलामत हैं और जीवित हैं। उन्होंने पोस्ट का कैप्शन भी मजेदार दिया है। उन्होंने लिखा- सुरेंद्र शर्मा जी धरती से बोल रहे हैं। साथ ही हंसने वाली इमोजी भी शेयर की है।
कई फिल्मों और सीरियल्स में किया था सुरिंदर शर्मा ने काम
पंजाब के जिस कॉमेडियन सुरिंदर शर्मा के निधन की बात कही जा जा रही है, बताया जा रहा है कि उन्होंने कई पॉपुलर पंजाबी फिल्मों और टीवी सीरियल्स में काम किया है। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि उन्होंने दारा सिंह और राजिंदर नाथ जैसे कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया था। पंजाबी कॉमेडियन गुरचेत चित्रकार ने सुरेन्द्र शर्मा की मौत की पुष्टि की है। हालांकि, अभी तक सुरिंदर शर्मा की मौत की असली वजह सामने नहीं आई है।
रिलैक्स्ड महसूस करने के लिए बजाते थे बांसुरी, लेखन का शौक
एक पंजाबी चैनल से बातचीत में एक बार जब सुरिंदर शर्मा से पूछा गया कि वे खुद को रिलैक्स करने के लिए क्या करते हैं तो उन्होंने कहा था, “यह पहली बार है, जब मुझसे इस तरह का सवाल किया जा रहा है। जब भी मैं अशांत महसूस करता हूं और रिलैक्स्ड होना चाहता हूं, तब मैं अक्सर अपने शरीर, दिमाग और आत्मा को शांत करने के लिए बांसुरी बजाता हूं।” सुरिंदर शर्मा ने यह भी कहा था कि उन्होंने बांसुरी बजाना अपने पिता से सीखा था। उनके मुताबिक़, वे रिलैक्स्ड होने के लिए जो दूसरा काम करते थे, वह लेखन था। उनके मुताबिक़, उन्होंने कई शॉर्ट स्टोरीज और एक एक्ट प्ले लिखा था।
धरती से बोल रहा हूं- सुरेंद्र शर्मा हास्य कवि ने सोशल मीडिया पर खुद का एक वीडियो शेयर किया और कहा कि मैं सुरेंद्र शर्मा हास्य कवि, धरती से बोल रहा हूं। आप ये नहीं सोचें कि मैं ऊपर जा चुका हूं, न्यूज में गलत छाप दी थी, मेरी फोटो डाल दी।पंजाब के किसी कलाकार का निधन हुआ है। मैं उस कलाकार के परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट करता हूं। जो मुझे संवेदनाएं देना चाहते हैं, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि अभी थोडा और इंतजार करें। अभी तो मुझे आपको काफी हंसाना है। इससे ज्यादा जिंदा होने का सबूत मैं दे नहीं सकता। आप स्वस्थ रहें, मस्त रहें और सब लोग तंदुरुस्त रहें।
कौन हैं सुरेंद्र शर्मा- सुरेंद्र शर्मा लेखक और हास्य कवि हैं। वो अपनी हास्य कविताओं से लोगों को हंसाते रहते हैं। सुरेंद्र शर्मा अपनी हास्य कविता में मारवाड़ी और हरियाणवी बोली का इस्तेमाल करते हैं। सुरेंद्र शर्मा हरियाणा के महेंद्रगढ़ के नंगल चौधरी गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से डिग्री हासिल की है। कॉलेज के दिनों से वो कविता पाठ करते हैं। साल 1966 में पहली बार उन्होंने कॉलेज में कविता पढ़ना शुरू किया। साल 1970 के बाद से वो पेशेवर तौर पर कविता पढ़ने लगे। साल 1980 में टी-सीरीज ने उनकी कविता पर एक कैसेट निकाला, जिसका नाम चार लैना कवि है। साल 2004 में कॉमेडियन ने रेडियो शो ‘शर्मा जी से पूछो’ की मेजबानी शुरू की। हास्य कवि से लोगों को हंसाने वाले सुरेंद्र शर्मा को कई सम्मान मिल चुका है। साल 2013 में साहित्य में योगदान के लिए उनको पद्मश्री सम्मान मिला। अक्टूबर 2018 में दिल्ली सराकर ने हिंदी अकादमी का उपाध्यक्ष बनाया। इससे पहले उन्होंने हरियाणा साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष का भी पद संभाला था। सुरेंद्र शर्मा केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के सदस्य भी हैं।
ओटावा (एजेंसी)। चूहों को लेकर आपने सुना होगा कि वह बिल्ली से डरते हैं, लेकिन शोधकर्ताओं ने चूहों के डर से जुड़ी एक अबीजोगरीब खोज की है। उन्होंने पता लगाया है कि चूहा केले से डरता है।
Research on Rat: चूहों पर हाल ही में एक ऐसी रिसर्च हुई है जिसे जानकर आप काफी हैरान होंगे. दरअसल वैज्ञानिकों से अनजाने में हुए इस रिसर्च में सामने आया है कि चूहे बिल्ली से ज्यादा केले से डरते हैं. उन्होंने इसके पीछे की वजह भी निकाली. आइए जानते हैं क्या है रिसर्च….
Latest Viral News: अगर कोई आपसे ये पूछे कि चूहे सबसे ज्यादा किससे डरते हैं, तो शायद आप जवाब देंगे कि बिल्ली से. लेकिन ऐसा नहीं है, चूहे बिल्ली से भी ज्यादा ऐसी चीज से डरते हैं जिसकी कल्पना शायद आप न कर पाएं. हैरानी की बात ये है कि ये कोई जीव नहीं, बल्कि फल है. हाल ही में एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि चूहों को केले से बहुत डर लगता है. हालांकि यह खोज प्लानिंग के तहत नहीं, बल्कि अनजाने में हुई है, लेकिन अब इसकी खूब चर्चा हो रही है.
क्या है पूरी रिसर्च
साइंस एडवांस में छपी इस स्टडी रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बताया है कि, ‘नर चूहों में केले को देखने के बाद तनाव ज्यादा मिला. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मॉन्ट्रियल में मैगकिल यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम गर्भवती और स्तनपान कराने वाली मादा चूहों पर रिसर्च कर रही थी. इस दौरान दिखा कि अजनबी नर चूहों को कैसे मादा चूहे आक्रामकता दिखा रही हैं. आक्रमकता दिखाने के दौरान मादा चूहों ने मूत्र चिह्न के साथ रिएक्ट किया. यह रिएक्शन अजनबी नर चूहों को भगाने और उन्हें चेतावनी देने के लिए दिया गया था, लेकिन टीम यह देखकर हैरान हो गई कि जो नर चूहे अपनी आक्रमकता के लिए जाने जाते हैं, वो मादा चूहों के रसायन से कैसे भाग गए.
मूत्र को सूंघते ही भाग गया चूहा
इसके बाद टीम ने इस पर रिसर्च शुरू किया. इस स्टडी में शामिल प्रोफेसर जेफरी मोगिल ने बताया कि, चूहे और दूसरे स्तनधारी अपनी सूंघने की शक्तियों को यूज करते हैं. इन सबके लिए अलग-अलग समय पर यूरिन की गंध के अलग-अलग मतलब होते हैं. सूंघने वाले संकेत आमतौर पर नर किसी मादा को भेजते हैं, लेकिन यहां बिल्कुल उल्टा हुआ. इस रिसर्च में मादा चूहे ने नर चूहे को सूंघने वाला संकेत भेजा. इससे साफ हुआ कि मादा चूहा अजनबी नर चूहे को दूर रहने के लिए कह रही है.
ये है केले की थियोरी
अब रिसर्च टीम को ये पता करना था कि माद चूहे ने जो मूत्र चिह्न छोड़ा है उसमें ऐसा क्या था जिसे देखकर नर चूहे को भागना पड़ा. टीम ने जब इस पर काम किया तो पता चला कि स्तनपान कराने वाली मादा चूहों के मूत्र में एन-पेंटाइल एसीटेट (N-Pentyl Acetate) नाम का एक यौगिक था. यह केले समेत कई दूसरे बड़े फलों में मिलने वाले यौगिक के समान होता है. वैज्ञानिकों ने बताया कि केले का अर्क बनाने के लिए इसे फल से निकालते हैं. इस रसायन से नर चूहों में हार्मोन में परिवर्तन होने लगता है. इसके बाद टीम ने अलग से इस थ्योरी पर काम करने की योजना बनाई. उन्होंने केले के अर्क को नर चूहों के पिंजरे में डाल दिया. इसके बाद नतीजा देखकर वह हैरान हो गए. दरअसल केले के अर्क को देखने के बाद चूहों में तनाव अधिक बढ़ गया था. ये तनाव बिल्कुल उतना ही था, जितना दूसरे चूहों से लड़ाई के दौरान उनमें होता है.
नई दिल्ली (एजेंसी)।रेस्टोरेंट में अक्सर खाने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। सरकार कुछ ऐसा करने की तैयारी में है, जिससे रेस्टोरेंट में खाना सस्ता हो सके। केंद्र सरकार जल्द रेस्टोरेंट्स और होटल्स में वसूले जाने वाले सर्विस चार्ज पर रोक लगाने के लिए नियम बनाएगी। रेस्टोरेंट और उपभोक्ता संघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद केंद्र सरकार ने रेस्टोरेंट्स और होटल्स से ग्राहकों से सर्विस चार्ज नहीं वसूलने को कहा है। राजस्थान कैडर के आईएएस और वर्तमान में उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने यह जानकारी दी।
पिछले कुछ समय से रेस्टोरेंट में लगने वाले सर्विस चार्ज को लेकर काफी चर्चा चल रही थी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने रेस्टोरेंट की तरफ से सर्विस चार्ज लगाए जाने को गैर कानूनी बताते हुए नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) से कहा कि वह तत्काल प्रभाव से बिल में सर्विस चार्ज ऐड करना बंद करे। मंत्रालय ने कहा कि सर्विस चार्ज लगाने के कारण कंज्यूमर्स पर बुरा असर होता है। इधर होटल इंडस्ट्री ने खानपान के बिल में सर्विस चार्ज लेने से रोकने के लिए कानूनी व्यवस्था किए जाने की घोषणा को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए कहा कि इससे उपभोक्ताओं को सेवा देने वाले आम कर्मचारियों के हितों को चोट पहुंचेगी। एनआरएआई के अध्यक्ष कबीर सूरी ने कहा कि इस मुद्दे पर अभी कोई कानून नहीं बना है लिहाजा इस बारे में आने वाले प्रावधान का इंतजार किया जा रहा है।
‘रेस्टोरेंट किसी बिल में अलग से सर्विस चार्ज नहीं जोड़ सकते हैं। अगर आपको लगता है कि कर्मचारियों को कुछ अधिक लाभ देने हैं तो आप उसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाल सकते हैं। आप चाहें तो खानपान उत्पादों की दरें बढ़ा सकते हैं।’ -पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री
कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा है कि रेस्टोरेंट अपने बिल में अलग से सर्विस चार्ज नहीं जोड़ सकते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार एक कानून लाने के बारे में भी सोच रही है। इस घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए सूरी ने कहा कि सर्विस चार्ज रेस्टोरेंट में आने वाले मेहमानों को सेवा देने वाले कर्मचारियों के लिए होता है। इसे रेस्टोरेंट में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के बीच बांट दिया जाता है। एक रेस्टोरेंट मालिक के रूप में हम उसी राशि को खानपान वाले उत्पादों के बिल में जोड़ सकते हैं, लेकिन फिर खाना परोसने वाले स्टाफ को कुछ नहीं मिलेगा।
सर्विस चार्ज की बात करें तो रेस्टोरेंट्स टोटल बिल का करीब 10 फीसदी सर्विस चार्ज के रूप में वसूलते हैं। इस मुद्दे पर कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह ने कहा कि रेस्टोरेंट अपने मन से सर्विस चार्ज ऐड कर देते हैं। नियम के अनुसार यह वैकल्पिक होना चाहिए, जब तक कोई कंज्यूमर नहीं चाहता है। रेस्टोरेंट की तरफ से बिल में सर्विस चार्ज को नहीं जोड़ा जा सकता है।
मंत्रालय की तरफ से जारी लेटर में कहा गया कि सर्विस चार्ज रेस्टोरेंट की तरफ से जबरन वसूला जाता है। कंज्यूमर्स को इसको लेकर गलत जानकारी दी जाती है। जब कोई कंज्यूमर इस चार्ज को हटाने की बात करता है तो उसके साथ कई मौकों पर बदसलूकी भी की गई गई है। यह मामला रोजाना और पल-पल के कामों से संबंधित है। ऐसे में जरूरी है कि एक उचित नियम हो। हालिया फैसले से कंज्यूमर्स की भलाई होगी।
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि खाने के बिल में रेस्टोरेंट सर्विस चार्ज (Food Bill Service Charge) नहीं जोड़ सकते हैं। हालांकि, अगर ग्राहक चाहें तो अपनी मर्जी से होटल में अलग से टिप दे सकते हैं। गोयल (Piyush Goyal) ने कहा है कि अगर रेस्त्रां के मालिक अपने कर्मचारियों को अधिक वेतन देना चाहता है तो वे खाने के मेन्यू कार्ड में रेट बढ़ा सकते हैं, क्योंकि देश में कोई प्राइस कंट्रोल नहीं है। उन्होंने रेस्त्रां मालिकों के इस तर्क को खारिज कर दिया कि सर्विस चार्ज हटाने के बाद उन्हें नुकसान होगा।
इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग की घटनाओं पर ओला गंभीर। गहन जांच को वापस मंगाए 1,441 स्कूटर
नई दिल्ली (एजेंसी)। इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं के मद्देनजर ओला ने अपने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की 1,441 यूनिट को वापस मंगाया है। कंपनी ने कहा है कि पुणे में 26 मार्च को हुई आग की घटना की जांच जारी है और प्रारंभिक मूल्यांकन में पाया गया कि यह एक अलग घटना थी।
आग लगने के सही कारण और इसमें बेहतर क्या किया जा सकता है; इसे लेकर जांच की जा रही है। ओला इलेक्ट्रिक की तरफ से कहा गया है कि इन स्कूटरों का हमारे सर्विस इंजीनियरों द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। इसके तहत सभी बैटरी सिस्टम, थर्मल सिस्टम के साथ-साथ सुरक्षा प्रणालियों की जांच की जाएगी। इससे पहले इलेक्ट्रिक स्कूटर मेकर ओकिनावा ऑटोटेक ने भी अपने 3215 व्हीकल्स को आग लगने की घटनाओं के बाद वापस ले लिया था।
विदित हो कि हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की व्यापक घटनाएं हुई हैं। इसे लेकर भारत सरकार भी सख्त है और उसने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
ई-स्कूटर लोगों के लिए मौत की आहट, बैटरी फटने से मैच हाहाकार, एक की मौत
विजयवाड़ा (एजेंसी)। आंध्र प्रदेश में शनिवार को एक घर में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की बैटरी फटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। यह घटना शनिवार तड़के विजयवाड़ा में हुई जब शख्स ने बेडरूम में बैटरी को चार्ज पर लगा रखा था।
इस घटना में शिव कुमार, उनकी पत्नी और उनके दो बच्चे झुलस गए। उनकी चीखें सुनकर पड़ोसी उन्हें बचाने के लिए दौड़े और उन्हें अस्पताल ले गए, जहां शिव कुमार ने दम तोड़ दिया, जबकि उनकी पत्नी की हालत गंभीर बताई जा रही है। व्यक्ति ने कथित तौर पर शुक्रवार को बूम मोटर्स का कॉर्बेट 14 इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदा था। एक हफ्ते से भी कम समय में तेलुगू राज्यों में यह दूसरी घटना है। तेलंगाना के निजामाबाद जिले में 19 अप्रैल को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की बैटरी फटने से एक 80 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे।
घटना उस घर में हुई जहां बैटरी चार्ज हो रही थी। इस घटना में बी. रामास्वामी की मौत हो गई, जबकि उनके बेटे बी. प्रकाश और बेटी कमलाम्मा उन्हें बचाने की कोशिश में झुलस गए। बाद में उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने प्योर ईवी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्योर ईवी ने इस घटना पर गहरा खेद जताते हुए एक बयान जारी किया और कहा कि वह स्थानीय अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है और उपयोगकर्ता से विवरण मांग रहा है। देश में इस तरह की कई घटनाओं ने बैटरी की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा कर दी है। हाल के महीनों में अलग-अलग घटनाओं में तीन प्योर ईवी स्कूटर और कुछ अन्य निर्माताओं के इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लग गई। इसके बाद कंपनी ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के लिए रिकॉल किया है। वहीं, पिछले हफ्ते भारत के टॉप इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता कंपनी ओकिनावा ऑटोटेक के इलेक्ट्रिक स्कूटर में भी आग लगने की घटना सामने आई थी, जिसके बाद कंपनी ने 3,000 से ज्यादा यूनिट्स को वापस बुला लिया था।
हो सकती है ईवी कंपनियों पर कार्रवाई
ईवी में आग लगने की संभावित घटनाएं हो सकती हैं, जिसको लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खराब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। गडकरी ने एक बयान में कहा कि मामले की जांच के लिए गठित विशेषज्ञ पैनल की रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्र सरकार चूक करने वाली कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी।
लखनऊ। जैसा कि आप अवगत है कि चतुर्थ सड़क सुरक्षा सप्ताह (दिनांक 18.04.2021 से 24.04. 2022 तक) मनाया जा रहा है।
जनपद लखनऊ में सड़क सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम का शुभारम्भ परिवहन मंत्री के कर कमलों द्वारा दिनांक 18-04-2022 को 1090 चौराहे पर किया गया है।
इस दौरान उनके द्वारा सप्ताह भर वृहद जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने संबंधी निर्देश दिए गए।
निर्देश का पालन करते हुए वन अप मोटर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और वहां के सेल्स मैनेजर सौरभ सिंह व अन्य कर्मचारियों द्वारा यह अभियान बड़े ही जागरूकता पूर्वक मनाया गया।
मलिहाबाद तहसील, मिर्जागंज चौराहा, मोहान रोड, मॉल रोड और अन्य जगहों पर जनता को बैनर और जागरूकता पत्रक के मध्यम से अवगत कराया गया और उनको सुरक्षा नियमों के बारे में बताया गया ।
बिजनौर। आरोग्य भारती द्वारा योगी अनंत योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सेवा संस्थान साकेत कॉलोनी सिविल लाइन सेकंड बिजनौर अध्यक्ष योगेश द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा का शिविर नि:शुल्क लगाया गया। शिविर में मिट्टी चिकित्सा, एक्यूप्रेशर चिकित्सा, स्टीम बाथ, मसाज नि:शुल्क की गई। उपचार करने वालों में प्राकृतिक चिकित्सक सोमदत्त शर्मा, ओपी शर्मा ने प्राकृतिक चिकित्सा की। डॉक्टर नरेंद्र सिंह एवं राम सिंह पाल जिला प्रभारी पतंजलि ने यज्ञ किया।
राम नवमी के अवसर पर डॉक्टर नरेंद्र सिंह ने सभी को हार्दिक बधाई दी और कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों पर चलना है, हमें उनके भाइयों से सीखना है, पिताजी दशरथ से सीखना है, भाइयों के आदर्श पर चलना है, माता सीता के आदर्शों पर चलना है, हमें समाज के कल्याण के लिए राष्ट्र के निर्माण के लिए कार्य करना है। इस अवसर पर जीतू सिरोही, अश्वनी सिरोही, सदुपुरा से श्री राम सिंह, रामपुर दास नगीना से राखी, धामपुर से किरण, भोगपुर से रामलाल, आदमपुर से कविता, रिंकू, पृथ्वी मलकपुर से सुमन, नगीना से जयमाला, बाकरपुर से कृष्ण कुमार, धनवाला से रवि कुमार, मौजमपुर जान से रिया, प्रेमवती, पिंकी, अक्षय, साकेत कॉलोनी से सोनम आदि सभी लोगों ने उपचार कराया।
नई दिल्ली (एजेंसी)। बढ़ती मांग के बीच कच्चे माल की कीमतों में तेजी के कारण सीमेंट के दाम में अभी और बढ़ोतरी होने की संभावना है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार गत माह सीमेंट की कीमतों में मासिक आधार पर दो से तीन फीसदी की तेजी दर्ज की गयी है। हालांकि, साल के अंत में लक्ष्य की पूर्ति के लिये सीमेंट के उत्पादन में तेजी भी लायी गयी थी, लेकिन इससे भी सीमेंट के दाम को नियंत्रित नहीं किया जा सका।
कंपनी ने बताया कि डीलर्स के साथ की गयी बातचीत से यह पता चला है कि दक्षिण और मध्य भारत में सीमेंट की कीमतों में प्रति बोरी 15 से 20 रुपये की तेजी रही, जबकि पूर्वी, उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में सीमेंट के दाम प्रति बोरी पांच से दस रुपये बढ़े। कंपनी का कहना है कि सीमेंट कंपनियां कच्चे माल की कीमतों के प्रभाव को कम करने के लिये इसका बोझ ग्राहकों पर और डालेंगी, जिससे सीमेंट के दाम तेज होंगे।
कोयले और पेट्रोलियम कोक की बढ़ी कीमतों का प्रभाव अप्रैल 2022 से ऊर्जा की कीमतों पर दिखेगा। पिछले कुछ दिनों से डीजल के दाम भी बढ़ रहे हैं, जिससे माल ढुलाई की लागत अधिक हो गयी है। सीमेंट कंपनियों ने पूरे देश में अप्रैल से सीमेंट की हर बोरी पर 40 से 50 रुपये बढ़ाने के संकेत दिये हैं।
जनवरी और फरवरी में सुस्ती के बाद मार्च में सीमेंट की मांग में सुधार आया। मार्च 2022 में वार्षिक आधार पर सीमेंट की मांग तीन से पांच प्रतिशत बढ़ी, जबकि जनवरी-फरवरी के दौरान इसमें छह प्रतिशत की गिरावट रही। कुछ डीलर्स का कहना है कि अप्रैल से सीमेंट के दाम में तेजी होने की आशंका के कारण मार्च के अंत में सीमेंट की मांग बढ़ गयी थी। वास्तविक मांग रूझान का पता अप्रैल के मध्य में ही चलेगा।
बिजनौर/अफजलगढ़। शुगर मिल अफजलगढ़ में तीर्थांकर महावीर विश्वविद्यालय मुरादाबाद के कृषि विज्ञान के छात्रों ने डॉ अरविन्द प्रताप सिंह, प्रवीण सिंह, मैडम कुसुम, विजय कुमार के नेतृत्व में निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान छात्र छात्राओं ने शुगर मिल अफजलगढ़ में लैंडस्केपिंग, फ्लावरिंग, वर्मी कल्चर के बारे में जानकारी दी।
शनिवार को शुगर मिल अफजलगढ़ में तीर्थांकर महावीर विश्वविद्यालय मुरादाबाद के कृषि विज्ञान के 50 छात्र छात्राओं ने शुगर मिल अफजलगढ़ के गन्ना महाप्रबंधक अजय कुमार ढाका, प्रबंधक प्रशासन कुमेर सिंह शेखावत तथा उद्यान विज्ञान अधिकारी विजय कुमार के साथ निरीक्षण कर विस्तृत चर्चा कर जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान तीर्थांकर महावीर विश्वविद्यालय मुरादाबाद के कृषि विज्ञान के छात्रों व डॉ अरविन्द प्रताप सिंह, प्रवीण सिंह, मैडम कुसुम सहित पूरी टीम शुगर मिल प्लांट परिसर में साफ सफाई, ग्रीन बेल्ट, फ्लावरिंग कल्चर आदि को देखकर बहुत प्रभावित हुई तथा प्रसन्नता व्यक्त की। इस अवसर पर सोनू कुमार, रमन रावत, हर्षित सिंह,मनीष कुमार,आलोक झा,प्रमोद यादव,मनीषा, प्रियंका सिंह, भारती, अनुष्का, वेद प्रकाश, अरविंद प्रताप सिंह, नूर मोहम्मद, मुस्कान, दीपांशु शर्मा, शेरा यादव, प्राची, प्रिया राय, सौरभ, भारती तथा महेश आदि उपस्थित रहे।
लखनऊ। राजधानी के राजाजीपुरम ए- ब्लॉक स्थित लखनऊ पब्लिक स्कूल में मेरी प्यारी गौरैया मुहिम द्वारा नन्ही गौरैया के संरक्षण प्रति आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में डीएफओ अवध डॉ रवि कुमार सिंह ने छात्र छात्राओं को नन्ही गौरैया संरक्षण की शपथ दिलाई। छात्र छात्राओं को नन्ही गौरैया के पानी के लिए मिट्टी का पात्र, काकून के पैकेट, व कृत्रिम घोंसले का वितरण किया गया। मेरी प्यारी गौरैया मुहिम संचालक पक्षी प्रेमी महेश साहू ने डीएफओ अवध डॉ रवि कुमार सिंह व विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती भारती गोसाई को पौधा भेंट कर स्वागत किया।
डीएफओ अवध डॉ रवि कुमार ने छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि नन्ही गौरैया का पर्यावरण में अपना महत्व है। नन्ही गौरैया उन कीटों को खाती है, जो हम सबके के लिए नुकसानदायक है। मनुष्य पेड़ों की कटाई करने लगा और समय के साथ – साथ गौरैया की प्रजाति नष्ट होने लगी। गौरैया ज्यादातर पेड़ों पर अपना घोसला बनाकर रहती थी, लेकिन पेड़ों की कटाई होने से वो अपना घोसला नहीं बना पाती हैं और उनको रहने के लिए उचित जगह नहीं मिल रही हैं | कई लोग अपने खेती की फसलों पर हानिकारक दवाइयों का उपयोग करते हैं, आब कीड़ों को खाने से उनकी मृत्यु होने लगी हैं। पर्यावरण प्रदूषित होने के कारण भी गौरैया की प्रजाती नष्ट हो रही हैं। इन पक्षियों की प्रजाति विलुप्त होने के कारण प्रकृति की सुंदरता गायब हो रही है। नन्ही गौरैया संरक्षण के प्रति सभी को आगे आना होगा।
वहीं पक्षी प्रेमी महेश साहू ने कहा कि नन्ही गौरैया घर के आंगन एवं खेत खलिहानों में अक्सर चहचहाहट करती नजर आया करती थी। घर के आगंन में बिखेरे अनाज के दानों को अपनी चोंच में दबाकर अपने घोसले की तरफ उड़ान भरने के नजारे अधिक पुराने नहीं हैं। लेकिन इंसान के अपने स्वार्थ की वजहों से आज नन्ही गौरैया की प्रजाति पूर्ण खतरे में पड़ चुकी है, अक्सर घर के बच्चों की तरह आंगन में उछल कूद मचाने वाली गौरैया मनुष्य की सहजीवी पक्षी जाति रही है। हमारे शहरीकरण एवं प्रकृति के साथ स्वार्थ के खेल ने इसे अपने घर से बेघर कर दिया है। अभी भी समय है हम नन्ही गौरैया के संरक्षण के लिए आगे आएं। इस अवसर पर उपस्थित सभी छात्र छात्राओं व अन्य लोगों ने नन्ही गौरैया के लिए कृत्रिम घोंसले लगा कर उसके आशियाने के लिए सुरक्षित स्थान देने के साथ ही इस तपती गर्मी में कोई पक्षी भूख व प्यास से काल के गाल में ना समाए, इसके लिए अपनी छतों व घर के आसपास मिट्टी के पात्र में पानी, दाना काकून रखने का संकल्प लिया। इस मौके पर क्षेत्रीय वनाधिकारी सिटी, डिप्टी रेंजर विनीत प्रकाश श्रीवास्तव, वन दरोगा शिवम यादव, वन रक्षक दीपक कनौजिया, रामधीरज व विधालय के अध्यापक व अध्यापिकाएं उपस्थित रहीं।
बिजनौर। शीरे से भरा एक टैंकर बैराज रोड आरजेपी इंटर कॉलेज के बाहर नंदी स्वीट्स के सामने दुर्घटनाग्रस्त हो गया। आज देर रात हुई इस दुर्घटना के कारण आसपास के सभी दुकानदारों एवं राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोग घोड़ा बग्गी व अन्य वाहनों में खाली ड्रम ला करके उसमें शीरे को भरकर ले जा रहे हैं। पुलिस प्रशासन की ओर से व्यवस्था सुचारू करने के इंतजाम किए जा रहे हैं। मौके पर लोगों की भीड़ लगी हुई है। दुकानदारों में अपने व्यापार के बुरी तरह प्रभावित होने से मायूसी छाई हुई है। गनीमत रही कि यह हादसा दिन में नहीं हुआ, अन्यथा बेहद ही भीड़भाड़ वाले इस क्षेत्र में मंजर भयानक होता।
नजीबाबाद (बिजनौर)। ग्राम पंचायत मुस्सेपुर के प्राथमिक विद्यालय के छात्र छात्राओं ने मुख्य अध्यापिका शहनाज परवीन, आंगनवाड़ी अनीता देवी, आशा जयवती के नेतृत्व में प्राथमिक विद्यालय के समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन में संचारी रोग नियंत्रण हेतु एक जन जागरूकता रैली निकालकर ग्रामवासियों संचारी रोगों की रोकथाम के लिए जागृत किया।
इस जन जागरूकता रैली का शुभारंभ ग्राम प्रधान दिलीप कुमार एवं वरिष्ठ भाजपा नेता चौधरी ईशम सिंह ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर चौधरी ईशम सिंह एवं ग्राम प्रधान दलीप कुमार ने ग्राम वासियों को साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने, इन बीमारियों से बचने एवं अपने समाज को सुरक्षित रखने का आह्वान किया। जन जागरूकता रैली में बच्चों ने गांव में गली गली में जनता को जागरूक किया। इस अवसर पर विद्यालय की मुख्य अध्यापिका शहनाज परवीन, चंद्र प्रकाश सैनी, वरिष्ठ भाजपा नेता चौधरी ईशम सिंह, ग्राम प्रधान दलीप कुमार,आफ्शा खानम ,सुषमा रानी, आंगनवाड़ी अनीता देवी, आशा कार्यकत्री जयवती प्रजापति, जोगराज सिंह, फरीद अहमद, सदस्य क्षेत्र पंचायत मुजाहिद मंसूरी,पूनम सविता आदि ने भी इस जन जागरूकता अभियान में अपना सहयोग किया।
नई दिल्ली (एजेंसी)। व्हाट्सएप ने फरवरी महीने में भारत के 1,426,000 अनैतिक एवं हानिकारक अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसा 2021 के नए आईटी नियमों के अनुपालन में किया गया है।
कंपनी ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने जनवरी में 1,858,000 अकाउंट्स या खातों पर प्रतिबंध लगा दिया था। उसे देश से एक ही महीने में 335 शिकायतें मिलीं और उनमें से 21 पर जनवरी में कार्रवाई की गई। व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, आईटी नियम 2021 के अनुसार, हमने फरवरी 2022 महीने के लिए अपनी नौवीं मासिक रिपोर्ट प्रकाशित की है।
प्रवक्ता ने कहा, जैसा कि नवीनतम मासिक रिपोर्ट में दर्ज किया गया है, व्हाट्सएप ने फरवरी के महीने में 14 लाख से अधिक खातों पर प्रतिबंध लगा दिया है। कंपनी ने कहा कि साझा किए गए डेटा में व्हाट्सएप द्वारा 1 फरवरी से 28 फरवरी के बीच दुरुपयोग का पता लगाने के दृष्टिकोण का उपयोग करके प्रतिबंधित भारतीय खातों की संख्या पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें इसके रिपोर्ट फीचर के माध्यम से यूजर्स से प्राप्त नकारात्मक प्रतिक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए की गई कार्रवाई भी शामिल है।
WhatsApp Tricks – WhatsApp का यूज आज के समय में ज्यादातर लोग करते हैं। इस लोकप्रिय इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप में कई सारे फीचर्स मिलते हैं। इनकी मदद से चैटिंग करने के अलावा यूजर्स अपने दोस्तों के साथ वॉइस और वीडियो कॉल भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं, यहां से लोगों को फोटो, डॉक्यूमेंट भी भेज सकते हैं।
फोटो भेजने पर क्वालिटी कम हो जाती है –
WhatsApp से फोटो भेजने पर फोटो की क्वालिटी कम हो जाती है। पर अगर आप चाहे तो लोगो को WhatsApp के जरिये ही हाई क्वालिटी में भी फोटो सेंड कर सकते है। WhatsApp से हाई क्वालिटी में फोटो शेयर करने के 2 तरीके हैं। पहला तरीका है, यूजर सेटिंग में बदलाव करके और दूसरा तरीका है, फोटो को डॉक्यूमेंट के तौर पर भेजकर। तो चलिए आइये जानते है, कैसे आप WhatsApp के जरिये हाई क्वालिटी में फोटो सेंड कर सकते है।
Whatsapp की इस सेटिंग में बदलाव करें –
पहला तरीका सेटिंग में बदलाव करना है। इसके लिए सबसे पहले अपने डिवाइस पर WhatsApp ओपन करें।
उसके बाद होम पेज पर राइट साइड में सबसे ऊपर बने तीन डॉट आइकन पर क्लिक कर दें।
फिर सेटिंग के ऑप्शन को सिलेक्ट करें।
अब Storage and Data पर क्लिक करें।
यहां पर आपको सबसे नीचे Photo Upload Quality का ऑप्शन दिखाई देगा। उस पर क्लिक करें।
फिर स्क्रीन पर आ रहे 3 ऑप्शन Auto, Best Quality और Data Saver में से Best Quality को सिलेक्ट कर लें।
WhatsApp में फोटो को डॉक्यूमेंट में भेजें –
WhatsApp में डॉक्यूमेंट के जरिये फोटो भेजना। यह हाई क्वालिटी फोटो सेंड करने का यह सबसे आसान और अच्छा तरीका है।
इसके लिए WhatsApp ओपन करें और फिर कोई भी चैट ओपन कर लें।
अब नीचे मैसेज बार में दिए गए पेपर क्लिप आइकन पर क्लिक करें।
यहां आपको Document पर क्लिक करना होगा।
अब आप जो फोटो भेजना चाहते हैं, उसे सिलेक्ट करके डॉक्यूमेंट के तौर पर भेज दें।
इन दो तरीके से आप WhatsApp के जरिये High Quality में फोटो भेज सकते हैं।
डाक्टरों को मिलने वाले महंगे उपहार का मामला, केंद्र सरकार को नोटिस
नई दिल्ली (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने फार्मा कंपनियों की ओर से डाक्टरों को दिए जाने वाले गिफ्ट और महंगे उपहारों को रेगुलेट करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। वर्तमान में फार्मा कंपनियों की ओर से डाक्टरों को गिफ्ट देने के लिए डाक्टरों को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है।
याचिका में मांग की गई है कि महंगे उपहारों के लिए फार्मा कंपनियों को भी जिम्मेदार ठहराया जाए। इसके पहले एक दूसरी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डाक्टरों को महंगे उपहार देना कानून सम्मत नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि फार्मा कंपनियां डाक्टरों को महंगे गिफ्ट देकर कानून से भाग नहीं सकती हैं।
6G Technology तैयार, 5जी से 100 गुना तेज होगी स्पीड- 10 हजार HD लाइव वीडियो स्ट्रीम भी
बीजिंग (एजेंसी)। दुनियाभर में 5जी पर जारी काम के बीच चीन ने इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए 6जी पर काम शुरू कर दिया है। 6जी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे चीनी रिसर्चर्स ने दावा किया है कि उन्होंने इस नई तकनीक के इस्तेमाल से डेटा स्ट्रीमिंग स्पीड में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। ये चीन को अगली पीढ़ी के वायरलेस कम्युनिकेशन के लिए प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त करने में मदद कर सकता है। रिसर्चर्स ने वोरटेक्स मिलीमीटर वेव्स के इस्तेमाल से एक सेकेंड में एक टेराबाइट डेटा एक किमी तक भेजा।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि वोरटेक्स मिलीमीटर वेव्स एक तरह की हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो वेव होती है, जो तेजी से स्पिन होती है। सिंघुआ यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर झांग चाओ के नेतृत्व में एक टीम ने 9 फरवरी को एक बयान में कहा कि पिछले महीने बीजिंग विंटर ओलंपिक कंपाउंड में स्थापित एक्सपेरिमेंटल वायरलेस कम्युनिकेशन लाइन एक साथ 10,000 से अधिक हाई-डेफिनिशन लाइव वीडियो फीड स्ट्रीम कर सकती है।
टीम ने ये भी दावा किया कि एक हाइपरसोनिक हथियार 6जी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से टारगेट का पता लगा सकता है और कम्युनिकेट कर सकता है। अधिकतर देखा जाता है कि ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक रफ्तार वाली हाइपरसोनिक मिसाइल कई बार नेटवर्क की वजह से ब्लैकआउट का सामना करती है। चीन ने कई मौकों पर संकेत दिया है कि वह युद्ध स्तर पर भविष्य की 6जी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है। झांग और उनके सहयोगियों के अनुसार, पिछली शताब्दी में रेडियो संचार में देखी गई किसी भी चीज के विपरीत, वोरटेक्स वेव्स ने वायरलेस ट्रांसमिशन को एक नया आयाम प्रदान किया।
प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक ने सौंपा दुर्घटना बीमा का चैक। फ्यूचर जेनेरली इण्डिया इंश्योरेश का दुर्घटना के बीमा के रूप में दिया गया रुपए 2 लाख का चैक।
संभल। लखौरी जलालपुर स्थित प्रथमा यूपी० ग्रामीण बैंक द्वारा दुर्घटना के परिजनों को दुर्घटना बीमा की 2 लाख रुपये की धनराशि का चैक दिया गया।
थाना क्षेत्र सम्भल के ग्राम लखौरी जलालपुर निवासी शौकीन की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। शाखा प्रबंधक ने बताया कि मृतक का कृषि कार्ड चल रहा था। इसके तहत मृतक के परिजनों को फ्यूचर जेनेरली इण्डिया इंश्योरेश का दुर्घटना के बीमा के रूप में 2 लाख रुपये का चैक दिया गया। चैक प्राप्त करके मृतक के परिजनों ने बैंक प्रबंधक सहित बीमा कंपनी की सराहना की। इस मौके पर बीमा कंपनी के गौरव अग्रवाल, आशिन अग्रवाल, रजत शर्मा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेता संजीव व प्रथमा यूपी. ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबन्धक मौजूद रहे।
संभल। भवानीपुर स्थित प्रथमा यू० पी० ग्रामीण बैंक द्वारा दुर्घटना में मृतक के परिजनों को दुर्घटना बीमा की 2 लाख रुपए की चनराशि का चैक दिया गया।
थाना हजरत नगर गढ़ी के गाँव कासमपुर निवासी दुजेन्द्र सिंह की दुर्घटना मे मृत्यु हो गई थी। शाखा प्रबन्धक संदीप कुमार सिंह ने बताया कि मृतक का कृषि कार्ड चल रहा था। इसके तहत मृतक के परिजनों को फ्यूचर जेनेरली इण्डिया इन्श्योरेश कम्पनी द्वारा दुर्घटना बीमा के रूप में इलाज का 2 लाख रुपए का चैक दिया गया। चैक प्राप्त कर मृतक के परिजनों ने बैंक प्रबंधक सहित बीमा कम्पनी की सराहना की। इस मौके पर बीमा कम्पनी के गौरव अग्रवाल, आशिन अग्रवाल, रजत शर्मा व प्रथमा यू०पी० ग्रामीण बैंक भवानीपुर के शाखा प्रबंधक मौजूद रहे।
बिजनौर। मोहल्ला चाहशीरी बी 24 मोहम्मद मुस्तकीम के आवास पर विश्व मानवाधिकार परिषद की एक बैठक हुई। जिला अध्यक्ष विश्व मानवधिकार परिषद नदीम अहमद ने बताया कि मानव अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूकता जरूरी है। जब तक लोगों को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं होगी तो वह ना अपने अधिकारों को ले सकते हैं और ना अपनी रक्षा कर सकते हैं। विश्व मानवाधिकार परिषद के कार्यकर्ता मानव अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे।
बैठक में विश्व मानव अधिकार परिषद के नवनियुक्त पदाधिकारी मोहम्मद अफजाल जिला उपाध्यक्ष, मोहम्मद आसि जिला सचिव, डॉ अनवर अहमद जिला उपाध्यक्ष, राहुल कुमार गौतम सिटी अध्यक्ष को विश्व मानवधिकार परिषद का सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड दे कर जनता के हित में काम करने का आह्वान किया गया। इस अवसर पर मोहम्मद मुस्तकीम शमशेर आलम नाजिम सिद्दीकी मोहम्मद आरिफ आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट, फूड डिलीवरी कंपनी से खाना मंगाना पड़ा भारी, सब्जी में निकली छिपकली
नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के रेस्टोरेंट से मंगाई गई सब्जी में छिपकली निकलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। एप से बुकिंग कर होम डिलीवरी करने वाली कंपनी के माध्यम से यह भोजन मंगाया गया था। युवक ने मामले की शिकायत ट्विटर के माध्यम से संबंधित कंपनी से शिकायत की है। कंपनी ने जांच का भरोसा दिया है।
कंपनी ने जांच का आश्वासन दिया
कॉस्तव कुमार सिन्हा नाम के युवक ने अपने ट्विटर हैंडल से वीडियो शेयर किया है। इसमें आरोप लगाया कि उन्होंने पंजाबी रसोई रेस्टोरेंट से शुक्रवार को भोजन का ऑर्डर जोमैटो के माध्यम से किया था। रेस्टोरेंट से मंगाई गई सब्जी में छिपकली निकली। उन्होंने रेस्टोरेंट संचालक के साथ जोमैटो के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। कंपनी ने ट्विटर पर इस मामले का संज्ञान लिया है। इस मामले में कंपनी ने जांच का आश्वासन दिया है। पीड़ित ने सवाल खड़ा किया कि जांच होने तक बहुत सारे ग्राहक यह भोजन खा चुके होंगे।
संभल। पवांसा स्थित प्रथमा यू० पी० ग्रामीण बैंक द्वारा दुर्घटना के परिजनों को दुर्घटना बीमा की दो लाख रुपए की धनराशि का चेक दिया गया।
धाना बहजोई ब्लॉक पवांसा के गाँव अजीमावाद निवासी धूम सिंह की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। शाखा प्रबन्धक पुनीत भटनागर ने बताया कि मृतक का कृषि कार्ड चल रहा था जिसके तहत मृतक के परिजनों को फ्यूचर जेनेरली इण्डिया इन्श्योरेस कम्पनी द्वारा दुर्घटना बीमा के रूप में दो लाख रुपए का चैक दिया गया। चैक प्राप्त करने पर मृतक के परिजनों ने बैंक प्रबन्धक सहित बीमा कम्पनी की सराहना की। इस मौके पर बीमा कम्पनी के गौरव अग्रवाल, आशिन अग्रवाल, रजत शर्मा व प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक पवांसा के शाखा प्रबंधक मौजूद रहे।
सावधान: साइबर चोरों ने निकाला ठगी का नया तरीका, अब RT-PCR रिपोर्ट का इस्तेमाल कर लोगों को बना रहे शिकार
पटना (एजेंसी)। एक ओर जहां सरकारी एजेंसियां कोरोना मामलों से निपटने में व्यस्त हैं, वहीं साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए फर्जी आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ऐसी ही एक घटना पटना में तब सामने आई जब संतोष कुमार नाम के शख्स को उसके मोबाइल फोन पर आरटी-पीसीआर रिपोर्ट मिली। दो मिनट बाद, एक व्यक्ति ने संतोष से संपर्क किया और कहा कि उसकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट गलती से उसके मोबाइल फोन पर भेज दी गई थी। अब, आपके मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा जाएगा, कृपया उस ओटीपी को साझा करें, उन्होंने संतोष से अनुरोध किया।
साइबर क्राइम सेल के एक अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, संतोष को इस तरह की फर्जीवाड़े के बारे में पता था और उन्होंने ओटीपी शेयर करने से इंकार कर दिया। यह सुनकर, कॉल करने वाला उससे नाराज हो गया और पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी। संतोष ने कॉल काट दिया और नंबर को ब्लॉक कर दिया। उन्होंने साइबर क्राइम सेल में एक ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज की है।
अधिकारी ने कहा, हमें एक व्यक्ति से एक और शिकायत मिली है, जिसने कहा कि जैसे ही उसने ओटीपी साझा किया, उसके पेटीएम वॉलेट से 5,000 रुपये निकाल लिये गए। अधिकारी ने कहा, हमें फर्जी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट, कोरोना वैक्सीन के फर्जी पंजीकरण का उपयोग करके ठगे गए लोगों द्वारा शिकायतें मिल रही हैं। इन मामलों में, सिस्टम से ओटीपी कभी उत्पन्न नहीं होता है। अधिकारी ने बताया कि बिहार के नवादा, नालंदा, औरंगाबाद जैसे जिलों में साइबर अपराधी सक्रिय हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पहचाने जाएंगे फसलों के बीच में उगे खरपतवार
नई दिल्ली (एजेंसी)। छत्तीसगढ़ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का हर क्षेत्र में तेजी से इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। यह इंसानी जिंदगी का एक तरह से पहिया बनता जा रहा है। यही वजह है कि AI का कारोबार तेजी से विस्तार ले रहा है। भारत में भी इसकी उपयोगिता बढ़ती जा रही है। भारत सरकार का इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा दे रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से छत्तीसगढ़ के दो युवा वैभव देवांगन और धीरज यादव ने एक प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिससे फसलों के बीच में उगे खरपतवारों को पहचानने में मदद मिलेगी।
इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू पर डिजिटल इंडिया ने एक वीडियो के साथ पोस्ट शेयर किया है। डिजिटल इंडिया ने लिखा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- द फ्यूचर ऑफ द नेशन, दो युवाओं ने एआई संचालित तकनीक की मदद से एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। ‘एआई के लिए वीड डिटेक्टर सिस्टम’, जो आसानी से खेतों में विभिन्न प्रकार के खरपतवारों की पहचान करता है और उन्हें हटाने में सहायता करता है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के शासकीय कुलदीप निगम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, नर्रा के छात्र वैभव देवांगन और धीरज यादव द्वारा एआई तकनीक से तैयार किया गया यह प्रोजेक्ट किसानों के लिए मददगार साबित हो सकता है।
कृष्ण कुमार यादव; पोस्ट मास्टर जनरल वाराणसी परिक्षेत्र
हम में से हर किसी ने अपने जीवन में किसी न किसी रूप में प्रेम-पत्र लिखा होगा। प्रेम-पत्रों का अपना एक भरापूरा संसार है। प्रेम जैसी अनुपम भावना को व्यक्त करने के लिए शब्द सचमुच नाकाफी होते हैं। दुनिया की तमाम मशहूर शख्सियतों ने प्रेम-पत्र लिखे हैं- फिर चाहे वह नेपोलियन हों, अब्राहम लिंकन, क्रामवेल, बिस्मार्क या बर्नार्ड शॉ हों। आज ये पत्र एक धरोहर बन चुके हैं। ऐसे में यह जानना अचरज भरा लगेगा कि दुनिया का सबसे पुराना प्रेम पत्र बेबीलोन के खंडहरों से मिला था। बेबिलोन की किसी युवती का प्रेमी अपनी भावनाओं को समेटकर उससे जब अपने दिल की बात कहने वहां तक पहुंचा, तो वह युवती तब तक वहां से जा चुकी थी। वह प्रेमी युवक अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाया और उसने वहीं मिटटी के फर्श पर खोदते हुए लिखा- ‘मैं तुमसे मिलने आया था, तुम नहीं मिली।’ यह छोटा-सा संदेश विरह की जिस भावना से लिखा गया था, उसमें कितनी तड़प शामिल थी। इसका अंदाजा सिर्फ वह युवती ही लगा सकती थी, जिसके लिए इसे लिखा गया। भावनाओं से ओत-प्रोत यह पत्र ईसा से बहुत पहले का है और इसे ही दुनिया का प्रथम प्रेम पत्र माना जाता है।
लखनऊ। गोमती नगर के विराज खण्ड स्थित संडिगो सेवा समिति के कार्यालय पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर, बलरामपुर अस्पताल के ब्लड ट्रांसफ्यूज़न मेडिसीन विभाग की टीम के देख रेख में किया गया। शिविर में लगभग 25 लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया, जिसमें से 15 लोगों ने रक्त दान किया।
इस अवसर पर संडीगो के डायरेक्टर बृजेश यादव, श्रीमती अर्चना यादव और अनन्त श्रीवास्तव सहित 15 कर्मचारियों ने रक्त दान किया। समारोह का समापन राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री अशोक कुमार ने किया। उन्होंने बताया कि हर साल रक्त दान करना चाहिए इससे कोशिकाएं पुनर्जिवित होती हैं। रक्तदान करने से कोई कमजोरी भी नहीं होती है। रक्त दान से बड़ा कोई दान नहीं है। आप लोगों के इस रक्त दान से जाने अंजाने पता नहीं कितने लोगों की मदद समय समय पर होती रहती है; चाहे वो अमीर हो या गरीब हो। इसलिए जब भी मौक़ा मिले रक्त दान अवश्य करें। बलरामपुर चिकित्सालय, लखनऊ से आई ब्लडबैंक टीम को भी धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
मांस-मछली से तैयार होता है नूडल्स व चिप्स में मिलने वाला एक अवयव। ‘अक्सर सूअर की चर्बी से बनता हैं यह अवयव’।
Source (Dainik Jagran News) : लोगों के पसंदीदा नाश्तों में से एक नूडल्स व चिप्स (Noodles and Chips) में मिलने वाला एक अवयव मांस (Meat) से बनाया जाता हैं, जरा सोचिए वैसे लोगों पर क्या बीतेगी जो शुद्ध शाकाहारी व्यंजन ग्रहण करते हैं।
जी हां, आपने बिल्कुल ठीक और सही-सही पढ़ा है। दैनिक जागरण में प्रकाशित एक आलेख में इस याचिका के बारे में जिक्र किया गया है….
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि मांसाहारी (Non-Vegetarian) सामग्री का इस्तेमाल और उन्हें शाकाहारी (Vegetarian) करार देना शाकाहारियों की धार्मिक और सांस्कृतिक (cultural) भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा। यह उन लोगों के धर्म को स्वतंत्र रूप से मानने के उनके अधिकार में हस्तक्षेप होगा। सुनवाई के दौरान पीठ को सूचित किया गया कि इंस्टेंट नूडल्स, आलू के चिप्स और कई तरह के अन्य स्नैक्स में एक अवयव (Ingredient) ऐसा होता है, जो कि व्यावसायिक रूप से मांस या मछली से इसे तैयार किया जाता है। वहीं, गूगल पर खोज करने पर यह पता चलता है कि यह सामग्री अक्सर सूअर की चर्बी (Pork Fat) से प्राप्त होती हैं। इसके बाद न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने केंद्र और Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसी भी खाद्य पदार्थ के लेबल पर उसके निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सभी अवयवों (Ingredient) के न केवल नाम लिखें, बल्कि यह भी स्पष्ट करें कि वे पौधे या पशु स्रोत से उत्पन्न हुए हैं या नहीं।
(एजेंसी)।आत्महत्या को लेकर दुनियाभर में हमेशा तमाम बातें होती रहती हैं। इसी बीच यूरोपीय देश स्विटजरलैंड ने आत्महत्या करने में मदद देने वाली मशीन को कानूनी मंजूरी दे दी है। यह मशीन सिर्फ मिनट में आत्महत्या की प्रक्रिया को पूरी कर देती है। इससे इंसान बिना दर्द के हमेशा के लिए मौत की नींद सो सकता है। इसके बाद इस मशीन को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा शुरू हो गई है।
दरअसल, यह मशीन एक ताबूत के आकार की बनी हुई है। ‘द इंडिपेंडेंट’ की एक ऑनलाइन रिपोर्ट के मुताबिक, इस मशीन के माध्यम से ऑक्सीजन का स्तर धीरे-धीरे कम करके हाइपोक्सिया और हाइपोकेनिया के माध्यम से मौत दी जाती है। इस प्रक्रिया में सिर्फ 30 सेकेंड में नाइट्रोजन की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है जिसकी वजह से ऑक्सीजन का स्तर 21 प्रतिशत से 1 हो जाता है और कुछ ही सेकेंड में इंसान की मौत हो जाती है। हालांकि रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि यह मशीन ऐसे मरीजों के लिए मददगार है जो बीमारी के कारण बोल नहीं पाते हैं या हिल नहीं पाते हैं। इस मशीन को यूजर को अपनी पसंदीदा जगह पर ले जाना होगा। इसके बाद मशीन का नष्ट होने योग्य कैप्सूल अलग हो जाता है ताकि उसे ताबूत की तरह से इस्तेमाल किया जा सके।
इस मशीन को बनाने का आइडिया एक्जिट इंटरनेशनल के निदेशक और ‘डॉक्टर डेथ’ कहे जाने वाले डॉक्टर फिलीप निटस्चके ने दिया है। डॉक्टर डेथ ने बताया कि अगर कोई अप्रत्याशित कठिनाई नहीं हुई तो हम अगले साल तक इस सार्को मशीन को देश में मुहैया करा देंगे। यह अब तक बेहद महंगा प्रॉजेक्ट है लेकिन हमें भरोसा है कि हम अब इसे सरल बनाने के बेहद करीब हैं।
एक तथ्य यह भी है कि स्विटजरलैंड में मदद के साथ आत्महत्या करना कानूनी माना जाता है और पिछले साल 1300 लोगों ने इस सेवा का इस्तेमाल आत्महत्या करने के लिए किया। वहीं इस मशीन पर सवाल खड़े होने भी शुरू हो गए हैं। लोग डॉक्टर डेथ की भी आलोचना भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह एक गैस चेंबर की तरह से है। कुछ अन्य लोगों का यह भी कहना है कि यह मशीन आत्महत्या को बढ़ावा देती है।
नूरपुर (बिजनौर)। सोमवार को मुरादाबाद रोड पर गर्ल्स गैलरी लेडीज गारमेंट्स एवं कॉस्मेटिक शॉप का उद्घाटन क्षेत्र के प्रबुद्ध समाजसेवी चौधरी जबर सिंह द्वारा पूजा अर्चना के बाद फीता काटकर किया गया। उदघाटन कार्यक्रम में पश्चिम उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के युवा प्रभारी तसलीम अहमद, युवा नगराध्यक्ष मुकुल गुप्ता, सभासद असलम मलिक, जावेद इदरीसी, राजीव जोशी, पूर्व प्रधानाचार्य राजेंद्र चौधरी, प्रदीप चौधरी, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के ब्लॉक अध्यक्ष चौधरी शेर सिंह, धामपुर तहसील प्रभारी इंदर सिंह चौहान, जिला संगठन मंत्री गुणवंत सिंह राठौर, चौधरी कुशल पाल सिंह, बिरेन्द्र चौधरी, योगेश शर्मा,एडवोकेट अजयवीर चौधरी, सपा नेता सलीम अंसारी, सुहेल अंसारी, जयपाल सिंह, सतपाल सिंह, चौधरी राजेंद्र चौधरी, चौधरी जयवीर सिंह, कामेंद्र सिंह, विपिन कुमार एडवोकेट,बविवेक चौधरी, नितिन मोहन शर्मा, नसीम अहमद सैफी आदि मौजूद रहे। शॉप स्वामी संजीव चौधरी ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट किया।
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने अब तक देश में 20 लाख से ज्यादा अकाउंट को बैन कर दिया है। आईटी रुल्स के तहत ये कार्रवाई की गई है। आपको बता दें कि ‘बैन अपील’ के तहत ये कार्रवाई की गई है।
कंपनी ने अक्टूबर कंप्लायंस रिपोर्ट में बताया कि इसे अक्टूबर महीने में 500 ग्रीवांस रिपोर्ट्स मिलें, जिनमें 18 अकाउंट पर प्रतिबंध लगा दिया गया। लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार व्हाट्सएप ने 2,069,000 भारतीय अकाउंट्स को इस टाइम पीरियड के दौरान बैन किया।
WhatsApp 91 से शुरू होने वाले फोन नंबर को भारतीय अकाउंट कहता है। व्हाट्सएप के एक स्पोक्सपर्सन ने बताया कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सर्विस में व्हाट्सएप एब्यूज रोकने में इंडस्ट्री लीडर है। इसके लिए वॉट्सऐप लगातार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और दूसरे आर्ट टेक्नोलॉजी के स्टेट में इनवेस्ट कर रहा है। इसके अलावा कंपनी डेटा साइंटिस्ट और एक्सपर्ट्स पर भी इनवेस्ट करता है ताकि इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स सेफ रहें। व्हाट्सएप स्पोक्सपर्सन ने आगे बताया कि IT Rules 2021 के तहत कंपनी ने पांचवीं बार मंथली रिपोर्ट को पब्लिश किया है। ये रिपोर्ट अक्टूबर महीने का है। व्हाट्सएप ने पहले बताया था कि 95 फीसदी बैन ऑटोमैटेड या बल्क मैसेजिंग (स्पैम) का अनऑथोराइज्ड यूज करना है। व्हाट्सएप ग्लोबल एवरेज में 80 लाख से ज्यादा अकाउंट्स हर महीने बैन करता है।
सितंबर में भी वॉट्सऐप ने 20 लाख से ज्यादा अकाउंट्स को बैन किया था। इस दौरान इसे 560 ग्रीवांस रिपोर्ट्स मिले। आपको बता दें कि नए IT रूल के अनुसार 5 मिलियन से ज्यादा यूजर्स वाले डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को हर महीने कंप्लायंस रिपोर्ट जारी करना है।
नई दिल्ली। प्रमुख सर्च इंजन साइट गूगल की सर्विस में आज यानी 1 दिसंबर को काफी दिक्कत आ रही है। कई देशों के यूजर्स गूगल पर सर्च नहीं कर पा रहे हैं और कईयों के गूगल न्यूज की फीड अपडेट नहीं हो रही है।
आउटेज को ट्रैक करने वाली साइट डाउन डिटेक्टर ने भी गूगल के ठप होने की पुष्टि की है। डाउन डिटेक्टर के मुताबिक गूगल की सर्विस में दिक्कत 1 दिसंबर को सुबह 7 बजे से हो रही है। डाउन डिटेक्टर पर अभी तक 250 से अधिक लोगों ने शिकायत की है। यूजर्स को सर्च, लॉगिन और साइट में दिक्कत हो रही है।
क्रोम या किसी अन्य ब्राउजर में गूगल ओपन करने पर लंबे समय तक लोडिंग हो रही है और उसके बाद यूजर्स को एरर का मैसेज मिल रहा है। इस आउटेज पर गूगल ने कहा है कि उसके इंजीनियर्स इसे ठीक करने की कोशिश में लगे हैं। यह इंटर्नल सर्वर की दिक्कत है।
बिजनौर। अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के कार्यक्रम में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के लिए उत्कृष्ट कार्य करने एवं सहयोग करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिजनौर को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। योगी अनंत योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष योगेश कुमार इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन के जिला अध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. लीना तोमर, उपाध्यक्ष ओपी शर्मा, सचिव सोमदत्त शर्मा, संरक्षक पंडित विनोद गोस्वामी मेरठ से पधारे माया राम एक्यूप्रेशर स्पेशलिस्ट ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिजनौर डॉक्टर विजय कुमार गोयल को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर उत्कृष्ट कार्य करने के लिए संगठन का सहयोग करने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया।
वक्ताओं ने बताया कि संस्था कोरोना वायरस जन जागरण अभियान, स्वच्छता अभियान, नमामि गंगे कार्यक्रम, सफाई अभियान, वृक्षारोपण आदि के साथ जनपद बिजनौर में नि:स्वार्थ भाव से कार्य कर रही है। लोगों को, समाज को बिना दवाई के यज्ञ योग और प्राकृतिक चिकित्सा, एक्यूप्रेशर चिकित्सा, मर्म चिकित्सा, मिट्टी चिकित्सा, जल चिकित्सा, रंग चिकित्सा के माध्यम से बिना दवाई के लोगों को स्वस्थ कर रहे हैं। यह अभियान प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाना है। सभी साधकों का उद्देश्य नि:स्वार्थ भाव से कार्य करना है। लोगों को जागरूक करना है, स्वस्थ रहने के उपाय बताने हैं, घर-घर तक प्राकृतिक चिकित्सा पहुंचाना है। यही सभी संगठन का उद्देश्य है। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी पदाधिकारियों का उत्साहवर्धन किया और भरोसा दिलाया कि वह तन मन धन से सभी के साथ हैं। इस अवसर पर पंडित विनोद गोस्वामी ने भजन प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। संगठन के सभी लोगों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी का धन्यवाद अदा किया।
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया द्वारा मोबाइल टैरिफ दरों में बढोतरी किये जाने के बाद सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने भी अपने टैरिफ दरों में 20 फीसदी तक की बढोतरी कर दी है। जियो के नए अनलिमिटेड प्लान 1 दिसंबर से लागू होंगे। रिलायंस जियो का दावा है कि उसके टैरिफ रेट अब भी सबसे कम हैं। जियो के विभिन्न प्लान में 31 रुपए से लेकर 480 रुपए तक का इजाफा किया गया है। जियोफोन के लिए विशेष तौर पर लाए गए पुराने 75 रुपए के प्लान की नई कीमत अब 91 रुपए होगी। वहीं अनलिमिटेड प्लान का 129 रुपए वाला टैरिफ प्लान अब 155 रुपए में मिलेगा। एक वर्ष की वैलीडिटी वाले प्लान में रेट सबसे ज्यादा बढ़े हैं। पहले यह प्लान 2399 रुपए का था जिसे अब 2879 रुपए कर दिया गया है।
रिलायंस जियो के डाटा एड-ऑन प्लान के रेट भी बढ़े हैं। 6जीबी वाले 51 रुपए के प्लान के लिए अब 61 रुपए और 101 वाले 12 जीबी वाले एड-ऑन प्लान के लिए अब 121 रुपए लगेंगे। सबसे बड़ा 50 जीबी वाला प्लान भी अब 50 रुपए महंगा हो कर 301 रुपए का हो गया है।
धामपुर (बिजनौर)। शुगर मिल धामपुर में मोबाईल एंबुलेंस सेवा का उद्घाटन हो गया है। इस अवसर पर जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने मोबाईल एंबुलेंस सेवा को ग्रामीणों के लिये हितकारी बताया।
धामपुर शुगर मिल धामपुर मे मोबाईल एंबुलेंस सेवा के उद्घाटन कार्यक्रम में कारखाना प्रबंधक विजय गुप्ता ने बताया कि डीएसएम की ओर से सीएसआर के तहत निःशुल्क स्वास्थ्य कैंप का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह एंबुलेंस सेवा गांव-गांव ग्रामीण मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी और मरीजों को निःशुल्क दवाईयों का वितरण भी किया जायेगा।
उद्घाटन के मौके पर जिलाधिकारी उमेश मिश्र, एसपी डा0 धर्मवीर सिंह, वाईस चेयरमैन अशोक कुमार गोयल, मिल उपाध्यक्ष एमआर खान, विजय गुप्ता, क्षेत्राधिकारी अजय कुमार अग्रवाल, कुलवीर सिंह, मनोज कुमार के अलावा मिल प्रबंधन और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
नई दिल्ली (एजेंसी)। देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने 26 नवंबर से अपने प्रीपेड टैरिफ को संशोधित करने का फैसला किया है। एयरटेल ने प्रीपेड प्लान्स पर टैरिफ दरों में 25 फीसदी का इजाफा किया है। एयरटेल की ओर से घोषित की गई नई टैरिफ दरें 26 नवंबर से लागू होंगी।
कंपनी ने कहा कि भारती एयरटेल ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि प्रति यूजर मोबाइल एवरेज रेवेन्यू (ARPU) 200 रुपये होना चाहिए। अब यह 300 पर होना चाहिए ताकि कैपटिल पर उचित रिटर्न प्रदान किया जा सके जो वित्तीय रूप से स्वस्थ व्यापार मॉडल की अनुमति देता है।
हम यह भी मानते हैं कि एआरपीयू का यह स्तर नेटवर्क और स्पेक्ट्रम में आवश्यक पर्याप्त निवेश को सक्षम करेगा। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह एयरटेल को भारत में 5G को रोल आउट करने में मदद मिलेगी। इसलिए, पहले कदम के रूप में हम नवंबर के महीने के दौरान अपने टैरिफ को रिबैलेंसिंग करने का बीड़ा उठा रहे हैं। नीचे बताए गए हमारे नए टैरिफ 26 नवंबर से प्रभावी होंगे।
एंट्री-लेवल टैरिफ वॉयस प्लान में लगभग 25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, जबकि अनलिमिटेड वॉयस बंडल के लिए ज्यादातर मामलों में बढ़ोतरी लगभग 20 फीसदी है। सभी प्रीपेड पैक के नए टैरिफ 26 नवंबर, 2021 से http://www.airtel.in पर उपलब्ध होंगे।
भारती एयरटेल ने प्रीपेड प्लान्स पर टैरिफ दरों में बदलाव का ऐलान किया है। इसके साथ, 28 दिनों की वैधता अवधि के साथ 75 रुपये के मौजूदा टैरिफ को बढ़ाकर 99 रुपये कर दिया जाएगा, जबकि 149 रुपये के मौजूदा टैरिफ को 28 दिनों की वैधता अवधि के साथ बढ़ाकर 179 रुपये कर दिया जाएगा।
जिन अन्य प्लान्स में बढ़ोतरी की गई है, उनमें 28 दिनों की वैधता के साथ 219 रुपये की मौजूदा टैरिफ प्लान शामिल है, जिसे बढ़ाकर 265 रुपये कर दिया गया है। वहीं, 28 दिनों की वैधता के साथ 249 रुपये के प्लान को बढ़ाकर 299 रुपये कर दिया गया है।
28 दिनों की वैधता के साथ 298 रुपये के मौजूदा टैरिफ को बढ़ाकर 359 रुपये कर दिया गया था. वहीं, 365 दिनों की वैधता अवधि के साथ 2,498 रुपये की मौजूदा टैरिफ प्लान को बढ़ाकर 2,999 रुपये कर दिया गया।
प्रवासी भारतीय मंजु मिश्रा को अमेरिका का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
नई दिल्ली। अमेरिका में हिंदी का प्रचार-प्रसार करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता एवं आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति की अमेरिकी इकाई की अध्यक्ष श्रीमती मंजु मिश्रा को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने “लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड” से सम्मानित किया है।
लखनऊ निवासी श्रीमती मंजु मिश्रा अमेरिका के कैलिफोर्निया में प्रवास कर रही हैं। अमेरिका में आप हिंदी के प्रचार प्रसार के साथ-साथ जरूरतमंदों की हर तरह से मदद करने को हर वक्त तत्पर रहती हैं। अमेरिका में कुछ मित्रों के साथ मिलकर वर्ष 2011 में श्रीमती मंजु मिश्रा ने विश्व हिंदी ज्योति नामक संस्था की शुरुआत की। यह संस्था अमेरिका के प्रवासी भारतीयों के बच्चों के साथ साथ अमेरिकी नागरिकों को भी हिंदी सिखाने का काम करती है। दो दशक से भी अधिक समय से कैलिफोर्निया में रह रहीं श्रीमती मंजु मिश्रा अमेरिका में अब तक हजारों भारतीय मूल के तथा गैर भारतीयों को हिंदी भाषा सिखा चुकी हैं। अपने काम से यह संस्था आज काफी लोकप्रिय हो चुकी है। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले हिंदी संवर्धन के कार्यक्रमों में भारतीय काउंसलेट भी सहयोग करता है। हिंदी की उल्लेखनीय सेवा के लिए आपको वर्ष 2014 में विश्व हिंदी सेवा सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनका सपना है कि अमेरिका के स्कूलों में भी छात्रों के लिए विदेशी भाषा के रूप में हिंदी एक विकल्प हो। अपने इस सपने को पूरा करने में भी वह लगातार प्रयासरत हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा लाइव टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किए जाने पर समिति के संयोजक गौरव अवस्थी, अध्यक्ष विनोद शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह, लेखक पत्रकार श्रीमती कुसुमलता सिंह, सप्रे संग्रहालय के संस्थापक पद्मश्री विजय दत्त श्रीधर, लखनऊ की साहित्यकार स्नेहलता, श्रीमती संध्या सिंह, श्रीमती कल्पना वार्ष्णेय, नई दिल्ली की पत्रकार शेफाली सुरभि ने श्रीमती मंजु मिश्रा को बधाई दी है।
कोरोना संकट में भी भारतीयों की मदद में सक्रिय रहीं मंजु मिश्रा– मंजु मिश्रा का जीवन पूर्ण रूप से समाज सेवा एवं हिंदी की सेवा को समर्पित है। श्रीमती मंजु मिश्रा उत्तर प्रदेश मंडल ऑफ अमेरिका (उपमा) की बोर्ड मेम्बर हैं तथा भारत में चलने वाले संस्था के कार्यक्रमों का काम-काज देखती हैं। प्रवासी भारतीय नीलू गुप्ता द्वारा द्वारा गठित उपमा संस्था उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बच्चों की पढ़ाई और जरूरतमंदों की आर्थिक मदद सुनिश्चित करती है। इस संस्था के प्रोजेक्ट बुंदेलखंड रीजन के चित्रकूट एवं निसवारा में संचालित हो रहे हैं। एक प्रोजेक्ट साईधाम (फ़रीदाबाद- हरियाणा) में भी चल रहा है। कोरोना संकट के दौरान भी उत्तर प्रदेश मंडल ऑफ अमेरिका (उपमा) ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जरूरतमंदों के लिए 20 लाख से अधिक रुपए भेजे। इस आर्थिक मदद से विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई गई। भोपाल की सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती माया विश्वकर्मा की संस्था सुकर्मा को भी श्रीमती मंजु मिश्रा ने आई.सी. सी ट्राई वैली के माध्यम से मास्क सेनीटाइजर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराई थी। कोरोना संकट के दौरान उपमा के किए गए प्रयासों की अभी हाल ही में “गौरव अवस्थी” द्वारा संकलित और संपादित कोरोना योद्धाओं के काम पर केंद्रित पुस्तक “ताकि सनद रहे” में भी प्रमुखता से चर्चा हुई है। “नारिका” नाम की संस्था जो सैन फ़्रैन्सिस्को बे एरिया में घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए काम करती है, उसके साथ बोर्ड मेम्बर के रूप में जुड़ कर आप भारतीय महिलाओं की मदद करने का काम भी कई वर्षों से कर रही हैं।
आचार्य द्विवेदी युग प्रेरक सम्मान से हो चुकी है सम्मानित सात समंदर पार अमेरिका में मातृभाषा और सामाजिक सेवा को देखते हुए ही आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति की ओर से वर्ष 2017 में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी युगप्रेरक सम्मान से रायबरेली के भव्य समारोह में सम्मानित किया गया था। तभी से आप मातृभाषा हिंदी के साथ-साथ आचार्य द्विवेदी स्मृति संरक्षण अभियान को भी अपना संरक्षण-सहयोग-स्नेह प्रदान कर रही हैं। इसी वर्ष उन्होंने आचार्य द्विवेदी की स्मृतियों को जीवंत बनाने के लिए अमेरिकी इकाई की अध्यक्ष का परिवार भी ग्रह किया है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर ने यदुवंशियों का किया सम्मान। अहीर रेजीमेंट का गठन अति आवश्यक।
लखनऊ (मलिहाबाद)। विधानसभा मलिहाबाद के सागर लॉन में भव्य यदुवंशी सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मेलन में यदुवंशी समाज के सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता व पदाधिकारी सहित काफी लोग उपस्थित रहे।
यदुवंशी समाज के कार्यकर्ताओं व राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों की मौजूदगी में बड़े स्तर पर सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि लोकसभा मोहनलाल गंज एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि वैदिक काल से लेकर आज तक यादव वीरों ने समय-समय पर देश के लिए कुर्बानियां दी हैं। आजादी के समय रेजांगला युद्ध इसका जीता जागता उदाहरण है। आज भी देश पर मर मिटने का जज्बा अहीर वीरों में है। इसके लिए उनके सम्मान व स्वाभिमान के लिए सेना में अहीर रेजीमेंट का गठन अति आवश्यक है।
सम्मेलन में अतिथि के रूप में आए क्षेत्रीय विधायक जयदेवी कौशल, विकास किशोर (आशू) क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अनु0 मोर्चा, कार्यक्रम के आयोजक निरंजन सिंह उर्फ लल्ला, सौरभ यादव सभासद, ज्ञान यादव सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता एवं यादव समाज के लोग मौजूद रहे।
नई दिल्ली। अगले साल तक दुनिया में करीब 200 करोड़ इंजेक्शन सिरिंज की कमी हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में कोरोना वैक्सीनेशन की वजह से बड़े पैमाने पर सिरिंज का इस्तेमाल हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तक पूरी दुनिया में 725 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं। इनमें सिंगल, डबल और बूस्टर डोज शामिल हैं। वैक्सीन की यह मात्रा आमतौर पर सालभर में लगने वाले कुल टीकों की संख्या से दोगुना ज्यादा है। हर डोज के लिए अलग सिरिंज का इस्तेमाल होता है, इसलिए सिरिंज की खपत भी हर साल से दोगुनी हो गई है।
WhatsApp ने 22 लाख अकाउंट्स पर चलाई कैंची, यूजर्स भूलकर भी न करें ये गलतियां
नई दिल्ली (एजेंसी)। इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप ने अपने एक फैसले के चलते 22 लाख से ज्यादा अकाउंट्स को बैन कर दिया है। इस बात का खुलासा कंपनी की मासिक रिपोर्ट में हुआ है। कहा जा है कि जिन व्हाट्सएप अकाउंट्स को बैन किया गया है, उन्होंने नियमों को तोड़ा था।
जानकारी के अनुसार व्हाट्सएप ने अपने यूजर्स की सेफ्टी और सिक्यॉरिटी को ध्यान में रखते हुए उन यूजर्स को बैन कर दिया है, जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया था। व्हाट्सएप की यूजर सेफ्टी रिपोर्ट से पता लगा है कि कुल बैन किए गए अकाउंट्स की संख्या 22 लाख 9 हजार है। व्हाट्सएप ने कहा कि इस यूजर सेफ्टी रिपोर्ट में यूजर्स की तरफ से मिली शिकायतें और उसपर की गई कार्रवाई के साथ-साथ प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग रोकने के लिए व्हाट्सएप द्वारा की कार्रवाई भी शामिल है।
व्हाट्सएप ने सरकार को बताया कि सितंबर में उन्हें अकाउंट सपोर्ट, बैन अपील, अन्य सपोर्ट व प्रोडक्ट सपोर्ट और सेफ्टी कैटेगरी में 560 यूजर जनरेटेड शिकायत रिपोर्ट मिली थी। अकाउंट सपोर्ट (121), बैन अपील (309), अन्य सपोर्ट व प्रोडक्ट सपोर्ट (49 प्रत्येक) और सेफ्टी (32)। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि व्हाट्सएप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सर्विस देने वाला और मैसेजिंग दुरुपयोग को रोकने में लीडिंग ऐप है। पिछले कुछ साल में, हमने अपने प्लेटफॉर्म पर अपने यूजर्स को सुरक्षित रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और दूसरी टेक्नोलॉजी, डेटा वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों में लगातार निवेश किया है।
कंपनी के मुताबिक, अगर कोई गैर-कानूनी, अश्लील, मानहानि से जुड़ा, धमकाने, डराने, परेशान और नफरत फैलाने वाला या नस्लीय या जातीय भेदभाव फैलाने वाले या फिर किसी को गैर-कानूनी या गलत व्यवहार करने के लिए उकसाने वाले कंटेंट को शेयर करता है तो उसका अकाउंट बैन कर दिया जाता है। इसके अलावा अगर कोई यूजर WhtasApp की टर्म्स एंड कंडीशन का उल्लंघन करता है तो भी उसका अकाउंट बंद हो जाता है। इसलिए ऐसे कंटेंट को किसी के साथ शेयर जो किसी को परेशान करें, इसी तरह आप अपने अकाउंट को सेफ रख पाएंगे।
सैन फ्रांसिस्को (एजेंसी)। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने अपना नाम बदल दिया है। फेसबुक ने कंपनी का नाम बदलकर ‘मेटा’ करने की घोषणा कर दी है। पिछले कुछ दिनों से फेसबुक के नाम बदलने जाने की अटलकें लगाई जा रही थीं। कंपनी के फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने नए नाम का ऐलान कर दिया है।
जुकरबर्ग ने एक वार्षिक डेवलपर्स सम्मेलन के दौरान कहा, ‘हमने सामाजिक मुद्दों से संघर्ष करके और बंद प्लेटफार्मों के नीचे रहकर बहुत कुछ सीखा है, और हमने जो कुछ भी सीखा है उसे लागू करने और उसकी मदद से अगले अध्याय को बनाने का समय आ गया है।’ उन्होंने आगे कहा कि “हमारे एप्स और उनके ब्रांड, वे नहीं बदल रहे हैं।
यानी यह परिवर्तन फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे व्यक्तिगत प्लेटफॉर्म पर लागू नहीं होता है, केवल मूल कंपनी का नाम बदलकर ‘मेटा’ किया गया है, जिसके अंतर्गत ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स आते हैं।
मार्क जुकरबर्ग लंबे समय से अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की दोबारा ब्रान्डिंग करना चाह रहे थे। वे इसे एकदम अलग पहचान देना चाहते हैं, एक ऐसी पहचान जहां फेसबुक को सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के तौर पर ना देखा जाए। अब उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए फेसबुक का नाम बदलकर ‘मेटा’ किया गया है।
कंपनी का फोकस अब एक मेटावर्स बनाने पर है जिसके जरिए एक ऐसी वर्चुअल दुनिया का आगाज होगा जहां पर ट्रांसफर और कम्यूनिकेशन के लिए अलग-अलग टूल का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
WhatsApp यूजर्स के लिए पैसे कमाने का मौका, जानिए क्या है ऑफर
नई दिल्ली (एजेंसी)। WhatsApp पेमेंट सर्विस भारत में कुछ समय से चल रही है। WhatsApp के जरिए एक दूसरे को पैसे भेज सकते हैं। ये दरअसल UPI पर ही काम करता है। पहले आपको व्हाट्सएप पे सेटअप करना होता है फिर आप पेमेंट कर सकते हैं। WhatsApp अब अपने प्लैटफॉर्म पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को पेमेंट सर्विस यूज करने के लिए एनकरेज करने की तैयारी में है। इसके लिए अब यूजर्स को कैशबैक मिलने शुरू हो गए हैं।
WhatsApp ने यूजर्स को पैसे सेंड करने पर 51 रुपये का कैशबैक देना शुरू कर दिया है। पिछले महीने ही कंपनी ने भारत में UPI बेस्ड पेमेंट शुरू किया था। आने वाले समय में Paytm और PhonePe को टक्कर मिलने वाली है।
WhatsApp ने फिलहाल एंड्रॉयड ऐप के लिए बैनर डिस्प्ले किया है। यहां चैट के टॉप में Give Cash, Get 51 back’ लिखा है। कंपनी के मुताबिक अलग अलग कॉन्टैक्ट को पैसे भेज कर पांच बार 51 रुपये का कैशबैक जीत सकते हैं।
अच्छी बात ये है कि इस ऑफर के तहत कोई मिनिमम अमाउंट नहीं रखा गया है। यानी आप 10 रुपये किसी को भेज कर भी 51 रुपये का कैशबैक व्हाट्सएप से पा सकते हैं। इसकी लिमिट पांच बार ही है।
नोट करने वाली बात ये है कि अभी ये कैशबैक ऑफर एंड्रॉयड के बीटा वर्जन व्हाट्सएप यूजर्स के लिए ही है। जल्द ही कंपनी इसे सभी यूजर्स के लिए रोल आउट कर सकती है, क्योंकि कंपनी ज्यादा से ज्यादा यूजर्स को अपने प्लेटफॉर्म पर UPI बेस्ड ट्रांजैक्शन कराना चाहती है।
Paytm, PhonePe और Google Pay भारत में पॉपुलर UPI बेस्ड मनी ट्रांसफर प्लेटफॉर्म माने जाते हैं। Google Pay में भी कैशबैक दिए जाते रहे हैं। अब व्हाट्सएप भी उन्हीं के तर्ज पर चल रहा है।
कैशबैक के लिए वॉट्सऐप ने गूगल Pay की तरह ही कार्ड्स की भी शुरुआत की है। ये दरअसल पर्सनलाइज्ड एक्स्पीरिएंस के लिए है। ये फीचर भी एंड्रॉयड बीटा यूजर्स के लिए ही उपलब्ध होगा। (UHN)
दुबई की सरकार ने जम्मू−कश्मीर में विकास का बड़ा ढांचा तैयार करने का बहुत बड़ा निर्णय लिया है। इसके लिए उसने जम्मू−कश्मीर सरकार से एमओयू (समझौता) किया है। पिछले हफ्ते हुआ यह समझौता देश और दुनिया के लिए बड़ी खबर था, पर देश की राजनीति और अखबारी दुनिया में ये समाचार दम तोड़ कर रह गया। हालत यह है कि इस बड़े कार्य के लिए देश की पीठ थपथपाने वाले भारत के अखबार− पत्रकार और नेता चुप हैं, जबकि इस समझौते को लेकर पाकिस्तान में हलचल है।
जम्मू −कश्मीर के विपक्षी नेताओं से इस समझौते पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। उनके लिए तो ये खबर पेट में दर्द करने वाली ज्यादा है। हाल में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जम्मू−कश्मीर में बाहरी व्यक्तियों की मौत पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने ये भी कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाने का क्या लाभ हुआॽ जब लाभ हुआ तो उनकी बोलती बंद है।
दुनिया के अधिकांश देश जम्मू− कश्मीर को विवादास्पद क्षेत्र मानते रहे हैं। पाकिस्तान जम्मू− कश्मीर विवाद को प्रत्येक मंच पर उठाकार भारत को बदनाम करने की कोशिश करता रहा है। इस सबके बावजूद ये समझौता भारत सरकार की बड़ी उपलब्धि है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस बारे में बताया कि दुबई सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक समझौता किया है। दुबई से समझौते में औद्योगिक पार्क, आईटी टावर, बहुउद्देश्यीय टावर, रसद केंद्र, एक मेडिकल कॉलेज और एक स्पेशलिटी हॉस्पिटल सहित बुनियादी ढांचे का निर्माण होना शामिल है। दुबई और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ यह समझौता इस क्षेत्र में (केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद) किसी विदेशी सरकार की ओर से पहला निवेश समझौता है। यह समझौता आत्मानिर्भर जम्मू-कश्मीर बनाने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
केंद्रीय एवं वाणिज्य उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को एक प्रेस रिलीज़ में बताया था कि इस समझौते के तहत दुबई की सरकार जम्मू-कश्मीर में रियल एस्टेट में निवेश करेगी, जिनमें इंडस्ट्रियल पार्क, आईटी टावर्स, मल्टीपर्पस टावर, लॉजिस्टिक्स, मेडिकल कॉलेज, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल शामिल हैं। ये तो नहीं बताया गया कि दुबई की सरकार कितना निवेश करेगी, पर यदि वह यहां एक भी रूपया लगाता है तो ये देश की बड़ी उपलब्धि है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद दुबई दुनिया का पहला देश है, जो जम्मू कश्मीर के विकास में निवेश करने जा रहा है। ये समझौता ऐसे समय में हुआ है जब घाटी में आतंकियों ने मासूम नागरिकों, खासतौर पर गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
भारत की मीडिया और नेता देश की उपलब्धि पर भले ही चुप हों, पर पाकिस्तान में हलचल है। इस मुद्दे पर पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने इसको भारत की बड़ी जीत बताया है। अब्दुल बासित पाकिस्तान के भारत में राजदूत रह चुके हैं। बासित ने यहां तक कहा है कि इस एमओयू के साइन होने के बाद ये बात साफ होने लगी है कि अब कश्मीर का मुद्दा पाकिस्तान के हाथों से निकलता जा रहा है। उन्होंने कश्मीर मुद्दे के फिसलने को मौजूदा इमरान सरकार की कमजोरी बताया है। उन्होंने ये भी कहा कि नवाज शरीफ सरकार में भी कश्मीर के मुद्दे को कमजोर ही किया गया। बासित के मुताबिक दुबई और भारत के बीच हुए इस सहयोग के बाद निश्चित तौर पर ये भारत की बड़ी जीत है। पाकिस्तान के राजनयिक के मुताबिक दुबई की इस्लामिक सहयोग संगठन में काफी अहम भूमिका है। इस नाते भी ये करार काफी अहमियत रखता है।बासित ने कहा है कि अब ये हाल हो गया है कि एक मुस्लिम देश भारत के जम्मू−कश्मीर में निवेश के लिए एमओयू साइन कर रहा है। बासित ने ये भी कहा कि आने वाले दिनों में ये भी हो सकता है कि ईरान और यूएई जम्मू कश्मीर में अपने काउंसलेट खोल दें। उन्होंने कहा कि हाल के कुछ समय में पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर मुंह की खानी पड़ी है। इस मुद्दे पर वो पूरी तरह से अलग-थलग पड़ चुका है।
छोटी−मोटी बात पर सरकार की आलोचना करने वाला देश का विपक्ष आज इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर चुप्पी साध जाए, मीडिया में खबर को जगह न मिले, इस पर संपादकीय न लिखे जाएं, तो यह आपकी सोच को बताता है। इतिहास सबके कारनामें नोट कर रहा है। वह किसी को माफ नहीं करता। किसी को माफ नहीं करेगा।
नई दिल्ली (एजेंसी)। फेसबुक के स्वामित्व वाला मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप तस्वीरें एडिट करने के लिए Undo और Redo बटन पर काम कर रहा है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार कंपनी WhatsApp Status के लिए भी एक नया Undo बटन लाने जा रही है। यह Undo बटन स्टेटस लगाते समय आपसे हुई गलती को चुटकियों में सुधार देगा।
WABetaInfo की रिपोर्ट के अनुसार पॉपुलर मैसेजिंग ऐप एक ऐसे फीचर पर काम कर रहा है, जो इसके यूजर्स को गलती से पोस्ट किए गए स्टेटस अपडेट को तुरंत डिलीट करने में मदद करेगा। इसके लिए ऐप में एक Undo बटन दिया जाएगा। यह बटन Status Sent मैसेज के ठीक बगल में लिखा होगा। यानी स्टेटस लगते ही आप तुरंत एक्शन ले सकते हैं। ऐसा अक्सर देखा गया है कि कई बार गलती से स्टेटस पर तस्वीरें या वीडियो अपलोड हो जाती हैं।
गौरतलब है कि व्हाट्सएप पर पहले से ही यूजर्स को स्टेटस डिलीट करने का ऑप्शन मिलता है। हालांकि इसके लिए आपको पहले Status सेक्शन में जाकर स्टेटस सिलेक्ट करना होगा और तब डिलीट कर पाएंगे। इतनी देर में हो सकता है आपके कई कॉन्टैक्ट उस स्टेटस को देख भी लें। ऐसे में नया बटन तस्वीर/वीडियो हटाने का काम तेजी से कर पाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक जब आप किसी स्टेटस अपडेट को अनडू करते हैं, तो आप अब डिलीट करने की प्रक्रिया को भी फॉलो कर सकते हैं। पूरा होने पर व्हाट्सएप आपको सूचित करेगा कि आपने स्टेटस डिलीट कर दिया है। स्टेटस अपडेट के लिए Undo बटन फिलहाल व्हाट्सएप बीटा के एंड्रॉइड वर्जन 2.21.22.6 पर टेस्ट किया जा रहा है। टेस्टिंग पूरी होने के बाद इसे सभी यूजर्स के लिए जारी कर दिया जाएगा।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण काल में सभी जगत के लोगों को बड़ा नुकसान हुआ है, जिससे आर्थिक पहिया भी बेपटरी हो गया है। सभी के सामने पैसा कमाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
ऐसे में अगर आप पैसा कमाना चाहते हैं तो सबसे अच्छा मौका होगा। आपको पुराने सिक्के कलेक्ट करके रखने का शौक है तो फिर आपसे ज्यादा किस्मत वाला कोई नहीं। इन दिनों पुराने सिक्कों की निलामी लाखों और करोड़ों रुपए में हो रही है, जिससे आप भी पलक झपकते ही मोटी कमाई कर सकते हैं। आज आपको हम ऐसे सिक्के के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप करोड़ों रुपए की कमाई घर बैठे कर सकते हैं। दरअसल, 1 रुपए का यह सिक्का 10 करोड़ रुपए में नीलाम हुआ, लेकिन यह सिक्का मामूली सिक्का नहीं था। यह सिक्का अंग्रेजों के जमाने का होगा और उस पर सन् 1885 मुद्रण हो तो आपको उसके लिए 10 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसे आप ऑनलाइन नीलामी के लिए डाल सकते हैं।
– यहां करें सिक्के की बिक्री
ऑनलाइन सेल में आप इस सिक्के की नीलामी कर 9 करोड़ 99 लाख रुपए तक आसानी से जीतेंगे। आपके पास ऐसे सिक्के हैं और आप इन्हें बेचना चाहते हैं तो सबसे पहले आप साइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें।सबसे पहले आप इस सिक्के की फोटो क्लिक करें और इसे साइट पर अपलोड करें। खरीदार सीधे आपसे संपर्क करेंगे। वहां से आप पेमेंट और डिलीवरी की शर्तों के मुताबिक अपना सिक्का बेच सकते हैं। साथ ही यहां आप बारगेनिंग भी कर सकते हैं। इसके साथ ही आप indiamart.com पर भी आप अपनी आईडी बना कर सिक्के की नीलामी कर सकते हैं। इसके लिए आपको लाखों रुपए मिल सकते हैं। नीलामी के लिए आपको अपने सिक्के की फोटो शेयर करनी होगी। बहुत से लोग एंटीक सामान खरीदते हैं। कुछ लोग जो पुराने सिक्कों को इकट्ठे करते हैं वे आपको इसके लिए अच्छे पैसे दे सकते हैं। (साभार)
आईआईएमसी की प्रोफेसर अनुभूति यादव की किताब ’मीडिया लिट्रेसी’ का सफ़लता पूर्वक हुआ विमोचन
लखनऊ । वर्तमान मीडिया युग के दौर में सही खबरों का स्थान फेक न्यूज और अफवाहों ने बहुत तेजी से ले लिया है. इसी को मद्देनजर रखते हुए गलत खबरों को रोकने के लिए तमाम मीडिया संस्थानों द्वारा नए –नए प्रयोग किए जा रहे हैं।
खासकर महामारी के दौर में फेक न्यूज ने काफी विकराल रूप धारण कर लिया। सोमवार को आईआईएमसी की प्रोफेसर डॉ.अनुभूति यादव की किताब ’ मीडिया लिट्रेसी ’ का सफलता पूर्वक विमोचन हुआ। इस मौके पर डा अनुभूति यादव ने बताया कि मीडिया लिटरेसी: कीज़ टू इंटरप्रेटिंग मीडिया मैसेजेस नामक पुस्तक में मीडिया और सूचना साक्षरता के क्षेत्र के अपने समृद्ध अनुभवों के साथ इस प्रिंट संस्करण को निकालने का फैसला किया, जब हम सभी गलत सूचना, दुष्प्रचार और विभिन्न प्रकार की अफवाहों से घिरे हैं। महामारी के दौरान दुनिया ने इंफोडेमिक से निपटने के लिए मीडिया और सूचना साक्षरता के महत्व को पहचाना है।
इस किताब में लेखक के तौर पर प्रो. आर्ट सिल्वरब्लैट वेबस्टर यूनिवर्सिटी, सेंट लुइस, मिसौरी में मीडिया कम्युनिकेशंस के प्रोफेसर एमेरिटस प्रो. अनुभूति यादव, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन में न्यू मीडिया के प्रोफेसर भारत, डॉ. वेद व्यास कुंडू, गांधी स्मृति और दर्शन समिति के कार्यक्रम अधिकारी, भारत से वैश्विक एमआईएल समारोहों में एक योगदान है। यह भारतीय संस्करण डिजिटल इंटरनेशनल मीडिया लिटरेसी एजुकेशन प्रोजेक्ट (DIMLE) के तहत विकसित किया गया था।
तमाम मीडिया संस्थानों में कार्यरत पत्रकारों ने बताया कि मीडिया लिटरेसी किताब, मीडिया के छात्रों के अत्यंत उपयोगी साबित होगी। न्यू मीडिया व सोशल मीडिया के त्वरित सूचना प्रवाह में गलत खबरों की समस्त तरीकों से यह किताब रूबरू कराएगी।
पुस्तक के भाग एक में मीडिया पाठ के महत्वपूर्ण विश्लेषण के लिए एक सैद्धांतिक रूपरेखा प्रस्तुत की गई है। भाग दो-छात्रों को इस पद्धतिगत ढांचे को विभिन्न प्रकार के मीडिया प्रारूपों में लागू करने का अवसर देता है: पत्रकारिता, विज्ञापन और राजनीतिक संचार। भाग तीन में मास मीडिया मुद्दों (मीडिया, मीडिया और बच्चों में हिंसा, मीडिया और सामाजिक परिवर्तन, और वैश्विक संचार) पर एक संक्षिप्त विचार शामिल है, साथ ही लोगों के अधिक मीडिया साक्षर होने के बाद संभावित परिणामों की चर्चा भी शामिल है।
जिस साड़ी को हम ठुकरा रहे हैं आज दुनिया के कई देश उसे अपना रहे हैं
आज समय बदल रहा है। जींस पैंट शर्ट, पंजाबी सलवार−सूट ज्यादा पहने जाने लगे। साड़ी को पहनने की परेशानी से बचने के लिए महिलाओं और युवतियों ने टॉप−जीन्स, सलवार−सूट स्वीकार कर लिया। भारतीय महिलाओं का सबसे पसंदीदा परिधान साड़ी अब समारोह में पहनी जाने लगी।
हाल ही में दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में एक महिला को इसलिए प्रवेश नहीं दिया गया कि वह साड़ी पहने थी। समाचार आया। बड़ा अजीब-सा लगा। भारत में महिलाओं की वेशभूषा में सदियों से साड़ी स्वीकार्य है। महिलाएं साड़ी पहनती रही हैं। साड़ी का पहनावा भारतीय है। हालांकि क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग भी पहनावे रहे पर साड़ी भारतीयों की महिलाओं की पहचान मानी गई। साड़ी पहने महिला को रेस्टोरेंट में न जाने देना अजीब-सा लगा। लगा कि आधुनिकता में हम इतने रम गए कि हम अपना पहनावा, रहन सहन, वेशभूषा ही भूल गए।
आज समय बदल रहा है। जींस पैंट शर्ट, पंजाबी सलवार−सूट ज्यादा पहने जाने लगे। साड़ी को पहनने की परेशानी से बचने के लिए महिलाओं और युवतियों ने टॉप−जीन्स, सलवार−सूट स्वीकार कर लिया। भारतीय महिलाओं का सबसे पसंदीदा परिधान साड़ी अब समारोह में पहनी जाने लगी। साड़ी अब किसी समारोह या विवाह आदि में ही पहने जाने वाले परिधान में आ गई। हालांकि भारतीय महिलाओं को आज भी सबसे ज्यादा पसंद साड़ी ही है।
लगभग सात साल पहले श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के प्रतिनिधिमंडल में मुझे श्रीलंका जाने का अवसर मिला। सात दिन का प्रवास था। एक बड़े मॉल में हम खरीदारी करने के लिये गए। मॉल में लगभग सभी अटेंडेंट महिलाएं थीं। उनमें एक−दो को छोड़ सब साड़ी पहने थीं। कुछ अजीब-सा लगा। भारत, जहां महिलाओं का पहनावा साड़ी है, वहां की युवतियां अब साड़ी नहीं पहनतीं। यहां शान के साथ युवतियां साड़ी पहने ड्यूटी कर रहीं हैं। श्रीलंका की संसद में हमारे लिए भोजन की व्यवस्था थी। भोजन के बाद संसद का भ्रमण भी कार्यक्रम में शामिल था। मैं देखकर आश्चर्यचकित था कि वहां कार्य करने वाली सभी युवतियां और महिलाएं साड़ी पहने हुए थीं। ऐसा लग रहा था कि श्रीलंका में नहीं भारत में खड़ा हूं। हमारी गाईड भी साड़ी पहने थी। हम कोलंबो के एक पार्क में जाते हैं। यहां एक नवयुगल फोटो शूट करा रहा है। युवती बहुत खूबसूरत रंगबिरंगी साड़ी पहने हुए है। श्रीलंका में घूमने के दौरान काफी तादाद में महिलाएं साड़ी पहने मिलीं। साड़ी श्रीलंका स्टाइल में अलग होती है। भारतीय से अलग श्रीलंकन साड़ी पहनती हैं। ये नीचे से लहंगा टाइप होती है। ऊपर से उसे साड़ी की तरह बांधती हैं।
श्रीलंका की हमारी पत्रकार साथी सुभाषिनी डी. सिल्वा ने बताया कि साड़ी श्रीलंकाई महिलाओं की नेशनल ड्रेस है। कई सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों में भी महिलाओं के लिए साड़ी पहनकर ऑफिस आने के आदेश हैं। महिलाओं के लिये साड़ी पहनना गौरव की बात मानी जाती है। हमारे यहां साड़ी पहनने का प्रचलन कम होता जा रहा है, जबकि दूसरे देश वाले इसे स्वीकार कर रहे हैं। 2012 में मैं नेपाल के होटल ड्रेगन में रुका था। ये एक चाइनीज होटल है। एक दिन सवेरे नाश्ते के दौरान मैंने और मेरी पत्नी ने चीन की दो लड़कियों को सफेद साड़ी पहने देखा। ठिगना कद। गोरा दूधिया रंग और गुलाबी चेहरा। ऐसे बदन पर सफ़ेद साड़ी ऐसा लग रहा था, कि स्वर्ग की अप्सराएं धरती पर उतर आईं हों। उनसे कुछ दूर बैठे हम उन्हें काफी देर देखते रहे। वह तो हिंदी−अंग्रेजी नहीं समझ पा रहीं थीं, किंतु होटल के प्रबंधक ने बताया कि चीन की नई युवतियां साड़ी पसंद करतीं हैं। इसमें नया लुक आता है। ये गर्व की बात है कि हम भारतीय जिस पहनावे को त्याग रहे हैं, दूसरे देश उसे स्वीकार कर रहे हैं।
लखनऊ। कोरोना की रोकथाम को लेकर लड़ी जा रही लड़ाई लगातार जारी है। इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत कसमंडी खुर्द स्थित ग्राम अमानीगंज में आरसी फाउंडेशन संस्था द्वारा वैक्सीनेशन कैंप लगाया गया।
इस मौके पर आरसी फाउंडेशन के संचालक शिव कुमार यादव रिटायर्ड एएसपी एवं डॉ. भानवेंद्र प्रताप सिंह यादव एसोसिएट प्रोफेसर मौजुद रहे।
साथ ही पूर्व ब्लाक प्रमुख काकोरी एवं पूर्व प्रत्याशी 168 मलिहाबाद विधानसभा श्रीमती राजबाला रावत, पार्षद मोनू कनौजिया, ब्लॉक अध्यक्ष मलिहाबाद युवजन सभा, दीपक यादव, अर्जुन कुमार, रामू गुप्ता, संतोष यादव, शशीकांत व संस्था के अन्य सभी सदस्यों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
वैक्सीनेशन कैंप में मुख्य रूप से डॉ. शिव मोहन पांडेय एवं एएनएम अंशु रावत उपस्थित रहीं। कैंप में लगभग 400 लोगों को वैक्सीन लगाई गई।
लखनऊ (एजेंसी)। यूपी में सरकारी शिक्षकों की तरह ही प्राइवेट शिक्षकों को भी वेतन का भुगतान अब उनके बैंक खाते में कराया जाएगा। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने रविवार को शिक्षक दिवस के मौके पर यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रबंध तंत्र द्वारा उन्हें कम वेतन दिए जाने की शिकायतों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
डॉ. शर्मा गोमती नगर स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल के सभागार में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्रदेश के दो शिक्षकों, वर्ष 2019 में राज्य अध्यापक पुरस्कार व मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार प्राप्त करने वाले 17 शिक्षकों तथा उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में चयनित जिले के 75 शिक्षकों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि वित्त विहीन विद्यालयों में फीस से होने वाली आय का 80 फीसदी हिस्सा वेतन मद में व्यय किए जाने की व्यवस्था है। अक्सर ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि इन विद्यालयों के शिक्षकों को कम वेतन दिया जाता है और नियमित रूप से नहीं दिया जाता है। खाते में वेतन भुगतान की व्यवस्था होने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से मृत वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने पर भी विचार किया जा रहा है। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।
अवकाश लेने की प्रक्रिया ऑनलाइन- डिप्टी सीएम ने कहा कि सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को पदोन्नति देने के निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही उनकी अवकाश लेने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। ऐसे सभी शिक्षक अब अवकाश के लिए मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से आवेदन करेंगे। संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों को अब भी राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों की तरह सुविधाएं दी जाएंगी।
सेवाकाल में दिवंगत होने पर उसके आश्रित को नौकरी- शिक्षक के सेवाकाल में दिवंगत होने पर उसके आश्रित को नौकरी दी जाएगी। यह सुविधा पहले नहीं थी। संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पद भी भरे जा रहे हैं। कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षण के लिए शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने साढ़े चार में अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। इससे पहले माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने भी शिक्षकों को संबोधित किया। समारोह में आए शिक्षकों का स्वागत विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा शंभु कुमार ने किया।
नई दिल्ली (एजेंसी): कोरोना के बाद भारत में कई देसी ऐप्स आ गए हैं वो विदेशी ऐप्स को काफी बढ़िया से टक्कर दे रहे हैं, फिर चाहे वह ट्विटर देसी वर्जन Koo हो या PUBG का देसी ऐप बैटलग्राउंड इंडिया। इसी कड़ी में अब भारत में कॉलर आईडी ऐप Truecaller को टक्कर देने के लिए देसी ऐप BharatCaller ने दस्तक दी है। इस ऐप के निर्माता का कहना है कि उनकी ऐप ट्रूकॉलर से कुछ मामलों में आगे है और यह ऐप भारतीयों को ट्रूकॉलर से बेहतर अनुभव देगी।
जानिए इस ऐप के बारे में…:
कॉलर आईडी ऐप के जरिए आपके फ़ोन पर आए किसी भी अनजान कॉल करने वाले का नाम पता चल जाता है। यानि आपको आसानी से पता चल जाता है कि आपको कॉल करने वाले का नाम क्या है, वो कौन है? यहाँ तक कि आपको उसकी email id, facebook id भी नज़र आ सकती है। ऐसे में यदि कोई नंबर आपके फ़ोन में सेव (save) नहीं है तो वो सूचना आपके काफी काम आ जाती है। यानि आपको बिना फ़ोन उठाये पता चल जाता है कि फ़ोन किसी बैंक का है, क्रेडिट कार्ड वालों का है या किसी और का। इस ऐप के जरिए फ्रॉड कॉल को भी ब्लॉक किया जा सकता है। इसके साथ ही रियल स्टेट कंपनी और इंश्योरेंस कंपनी सहित शेयर मार्केट से संबधित कॉल से परेशान है तो आप उन्हें भी ब्लॉक कर सकते हैं।
भारतकॉलर ऐप बाकी कॉलर आईडी ऐप्स से इस तरह भिन्न है कि यह अपने यूजरस के कॉन्टैक्ट्स और कॉल लॉग्स को अपने सर्वर पर सेव नहीं करता जिससे यूजर्स की प्राइवेसी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। साथ ही कंपनी के किसी भी कर्मचारी के पास यूजर्स के फोन नंबर्स का डाटाबेस नहीं होता है और न ही ऐसे किसी डाटा का एक्सेस होता है। इस ऐप का सारा डाटा इन्क्रिप्टेड फॉर्मैट में स्टोर किया जाता है और इसका सर्वर भारत के बाहर कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता है। इसलिए भारतकॉलर ऐप पूरी तरह से सुरक्षित, भारतीय और यूजर-फ्रेंडली है। भारतकॉलर को कई भारतीय भाषाओं में लॉन्च किया गया है, जैसे अंग्रेजी, हिन्दी, तमिल, गुजराती, बांग्ला, मराठी आदि। ऐसे होने से कोई भी अपनी पसंद से भाषा चुन कर इस ऐप का इस्तेमाल आसानी से कर सकता है। यह एओ एंड्रॉयड और iOS दोनों यूजर्स के लिए उपलब्ध है। यह एक फ्री ऐप है। यह ऐप अभी तक 6000 बार डाउनलोड की गई है।
भारतकॉलर ऐप को एक भारतीय कंपनी किकहेड सॉफ्टवेयर्स प्रा. लि. ने बनाया है। इस कंपनी के संस्थापक हैं IIM बैंगलोर से आये प्रज्ज्वल सिन्हा और सह-संस्थापक हैं कुणाल पसरीचा। इनका ऑफिस नॉएडा, उत्तर प्रदेश में स्थित है।
BharatCaller को बनाने के पीछे जो उद्देश्य भारत का अपना कॉलर आईडी ऐप पेश करना है। क्योंकि प्राइवेसी के चलते कुछ ही समय पहले भारतीय सेना ने Truecaller को बैन कर दिया था। इस ऐप में स्पाईवेयर की वजह से ऐसा किया गया था। भारतीय सेना ने अपने जवानों से यह कहा था कि वो सभी अपने फोन्स से TrueCaller ऐप को तुरंत डिलीट कर दें।
बरेली। जैम एनवायरो मैनेजमेंट प्रा.लि. एवं नगर निगम बरेली के द्वारा “ग्रीन अर्थ मूवमेंट मुहिम” कार्यक्रम का आयोजन आईंएमए, बरेली के सभागार में किया गया।
मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार, विशिष्ट अतिथि मंडल आयुक्त रमेश कुमार, महापौर नगर निगम डॉ. उमेश गौतम, नगर आयुक्त बरेली के द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। “ग्रीन अर्थ मूवमेंट मुहिम” के अंतर्गत सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा पंजीकृत “नवज्योति नृत्य नाट्य संस्था” के सरंक्षक डॉ. रजनीश सक्सेना के सरंक्षण में बरेली के कलाकारों ने नाटक का मंचन किया। इसके अंतर्गत कलाकारों ने स्वच्छता एवं सफाई नायकों की भूमिका प्रस्तुत कर दर्शाया कि (रेगपिकर) सफाई नायकों के प्रति हम सभी को कुशल व्यवहार एवं स्वास्थ्य, सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए।
कार्यक्रम का नेतृत्व संस्था की संस्थापक/सचिव हरजीत कौर एवं संचालन रवि सक्सेना के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिनिधि, अधिकारीगण, नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, पर्यावरण अधिशासी अधिकारी एवं जैम एनवायरो मैनेजमेंट प्रा.लि. कंपनी से विक्रम शर्मा के द्वारा कलाकारों की सफल प्रस्तुति के लिए खूब सराहना मिली। कंपनी के द्वारा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट करने वाले सफाई नायकों को सुरक्षा किट भी वितरण किया गया। अन्त में आभार डॉ. रजनीश सक्सेना ने व्यक्त किया।
लखनऊ के बन्धन इंफ्रास्टेट ग्रुप को मिला बेस्ट बिजनेस अवार्ड
लखनऊ (पंचदेव यादव)। रीयल स्टेट के क्षेत्र में तहलका मचाने वाले बन्धन इंफ्रास्टेट ग्रुप ने एक और धमाका करते हुए यूपी की सबसे तेज बिजनेस करने वाली कम्पनी का दर्जा अपने नाम कर लिया है। बन्धन ग्रुप की इस कामयाबी की राजधानी लखनऊ वासियों ने प्रशंसा की तथा उसे और तेजी से बढ़ने का आशीर्वाद दिया।
बन्धन ग्रुप ने दिल्ली में आयोजित एक पुरस्कार वितरण समारोह में भारत का सबसे भरोसेमंद और प्रतिष्ठित पुरस्कार (राजीव गांधी एक्सीलेंस ग्लोबल अवार्ड) प्राप्त किया है। दिल्ली के “द-पार्क” होटल में राजीव गांधी फाउंडेशन की तरफ से पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया था। इसमें कॉरपोरेट सेक्टर में साम्प्रदायिक सद्भाव और मानवता के साथ यूपी में तेजी से आगे बढ़ने वाली कम्पनी बन्धन इंफ्रास्टेट के सीएमडी अनित सिंह, एमडी प्रमोद कुमार, विपिन कुमार तथा अजय यादव को समारोह में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित फ़िल्म जगत के जाने माने अभिनेता रजा मुराद, बागवान फ़िल्म के अभिनेता अमन वर्मा तथा करणवीर बोहरा ने यह पुरस्कार दिया। बहुत कम समय में इस अवार्ड तक पहुंचने पर कम्पनी के सीएमडी अनित सिंह ने कहा कि यह सब हमारी टीम की मेहनत का नतीजा है। उन्होंने कहा कम्पनी शुरू करने के दिन से ही हमारे बिजनेस गुरु अवधेश नारायण पांडेय व सीबी सिंह का आशीर्वाद साथ रहा। उन्होंने एवं उनके पार्टनर प्रमोद पांडेय, विपिन कुमार, अजय यादव के साथ साथ कम्पनी के सहयोगी साथी सत्यम साहू, विमलेश साहू, अंकित पांडेय, अखिलेश यादव सहित सैकड़ों साथियों ने एक परिवार की तरह रहकर काम किया है, जिसका नतीजा है कि आज हम इस मुकाम पर पहुच सके हैं। हम अपने कस्टमर्स को भी एक कम्पनी का हिस्सा मानते हैं और सदैव उनके साथ खड़े रहते हैं और आगे भी खड़े रहेंगे।
आखिरकार बिक ही गई विजय माल्या की प्रापर्टी, 8 बार नीलामी फेल होने के बाद 52 करोड़ रुपये में बिका Kingfisher House
नई दिल्ली (एजेंसी)। भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का किंगफिशर हाउस आखिरकार बिक ही गया। किंगफिशर हाउस को 52 करोड़ रुपये में हैदराबाद स्थित एक डेवलपर को बेचा गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद स्थित Saturn Realtors ने इस प्रॉपर्टी को ऑरिजनल आस्किंग प्राइस से बहुत कम भाव पर खरीदा है। बिक्री भाव अपने रिजर्व प्राइस 135 करोड़ रुपए का लगभग एक तिहाई है।
विजय माल्या की प्रॉपर्टीज को नीलाम करने में कारोबारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। बैंकों की तरफ से माल्या की प्रॉपर्टीज का जो वैल्युएशन किया जा रहा है, उस दाम पर कोई प्रॉपर्टी खरीद ही नहीं रहा। किंगफिशर हाउस की प्रॉपर्टी की नीलामी भी 8 बार फेल हुई थी। मार्च 2016 में बैंकों ने इस बिल्डिंग का रिजर्व प्राइस 150 करोड़ रुपये रखा था। यही वजह है कि ये बिल्डिंग अब तक बिक नहीं पाई थी।
बंदरों के हमले से हुई अशोक चौधरी की दर्दनाक मौत पर सरकार से पीड़ित परिजनों को ₹25 लाख देने की मांग
साभार-(चमकता युग)
मोदी नगर। वार्ड नंबर 2 के गली नंबर 4 में मंगलवार को छत पर मार्निंग वाक कर रहे दम्पति पर बंदरों के हमले में अशोक चौधरी (52) की अचानक छत से गिरने पर दु:खद मौत हो गई । परिवार के इस दु:ख की घड़ी में शहर कांग्रेस कमेटी मोदीनगर के अध्यक्ष आशीष शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिला और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। शहर अध्यक्ष आशीष शर्मा ने दु:ख प्रकट करते हुए परिवार को सांवत्ना दी और आश्वस्त किया कि इस दुःख की घड़ी में संगठन उनके साथ है । साथ ही पालिका प्रशासन व वन विभाग को विभिन्न सामाजिक संगठन के द्वारा बार बार चेताने के बावजूद कोई कार्रवाई न करने पर पर उनके रवैए की निंदा की । उन्होंने कहा कि मोदीनगर के लोग ऐसे कब तक अपनी जान गंवाते रहेंगे? आशीष शर्मा ने पीड़ित परिवार के लिए सरकार से 25 लाख रुपए का मुआवजा व ऐसे मामलों में घायल का इलाज मुफ्त करने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल मे शहर उपाध्यक्ष दिनेश कुमार, डा. रवि सिंह, शहर महासचिव नंदकिशोर शर्मा, प्रवक्ता डा. जेपी सिंह, शहर सचिव गुलबीर, बीना ठाकुर, आकाश वर्मा मौजूद रहे।
WhatsApp लाया कमाल का फीचर, फोटो-वीडियो देखते ही अपने आप हो जाएगा Delete
नई दिल्ली। यूजर्स को उनकी प्राइवेसी पर ज्यादा कंट्रोल देने के लिए व्हाट्सएप ने ‘व्यू वन्स’ नाम से एक नया फीचर लांच किया है। यह फीचर अगले एक सप्ताह में सबको उपलब्ध हो जाएगा। इस फीचर के तहत टेक्स्ट, फोटो या वीडियो भेजने के बाद पाने वाले के देखने के बाद यूजर के चैट बाॅक्स से कंटेंट अपने आप डिलीट हो जाएगा। पाने वाले के देख लेने के बाद उसके चैट बाॅक्स से भी वह कंटेंट डिलीट हो जाएगा। वह उस कंटेंट को सेव, फारवर्ड या शेयर नहीं कर सकेगा।
कंपनी ने अपने एक बयान में कहा कि ‘व्यू वन्स’ फीचर के तहत कंटेंट एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड होगा, जिससे वह पूरी तरह सुरक्षित होगा। उसे बीच मेंं कोई देख नहीं सकेगा। इस फीचर के तहत भेजे जाने वाले मैसेज में वन टाइम आइकन का मार्क दिखेगा। यह फीचर तुरंत फीडबैक पाने के लिए बड़े काम का होगा। उदाहरण के लिए यदि आप कोई नया कपड़ा ट्राइ कर रहे हैं और तुरंत किसी जानने वाले से कंमेंट चाहते हैं तो इस फीचर का यूज कर सकते हैं। वाईफाई पासवर्ड इस फीचर से दे सकते हैं ताकि काम होते ही वह डिलीट हो जाए।
बिजनौर (एकलव्य बाण समाचार)। युवा समाजसेवी व भारतीय बौद्ध संघ के जिलाध्यक्ष गामेंद्र सिंह गजरौलिया ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि एक तरफ कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका तो दूसरी ओर बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है। कोरोना महामारी व महंगाई के चलते आम आदमी बहुत परेशान है क्योंकि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के चलते एक और जहां लोगों काम-धंधा चौपट हो गया तो वहीं उन में काम करने वाले लोगों का रोजगार भी प्रभावित हुआ है। जिला अध्यक्ष गामेंद्र सिंह गजरौलिया ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम और आसमान छूते खाद पदार्थों के रेट के चलते आम आदमी की कमर टूट रही है। एक तरफ आम आदमी के खर्चे बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ उसकी बचत में लगातार गिरावट आ रही है। गामेंद्र सिंह गजरौलिया ने आगे कहा कि जुलाई माह में ही कई बार पेट्रोल के दाम बढ़ चुके हैं। इसके साथ ही पिछले माह घरेलू रसोई गैस के दाम में केंद्र सरकार द्वारा ₹25 की बढ़ोतरी की गई थी। खाद्य तेलों के दाम पिछले साल की तुलना में दोगुने तक हो चुके हैं। सरसों के तेल की कीमत तो पिछले साल करीब ₹90 थी इस साल बढ़कर ₹190 तक जा पहुंची है, और रिफाइंड तेल के दाम ₹160 के करीब तक पहुंच चुके हैं वही सब्जियों के दाम भी खूब बढ़ रहे हैं। गामेंद्र सिंह गजरौलिया कहते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 17 से बढ़कर 28 फ़ीसदी कर दिया गया है लेकिन निजी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों का काम छिन चुका है, उन्हें नया काम मिलना बहुत मुश्किल हो रहा है। अतः निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए केंद्र व राज्य सरकारों को विशेष पैकेज देकर उनकी मदद करनी चाहिए।
सामाजिक दर्पण सोशल मिरर फाउंडेशन मध्यप्रदेश की विचारगोष्ठी। सोशल मीडिया के अमानवीयकरण पर सार्थक चर्चा। शामिल हुए वरिष्ठ समाजसेवी, शिक्षक व पत्रकार
पंचदेव यादव वरिष्ठ पत्रकार लखनऊ
लखनऊ (एकलव्य बाण समाचार)। सामाजिक दर्पण सोशल मिरर फाउंडेशन ग्वालियर मध्यप्रदेश से संचालित है। निरंतर सामाजिक मुद्दों पर आयोजनों के अंतर्गत सोशल मीडिया के अमानवीयकरण विषय पर लाइव संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सामाजिक मुद्दों से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार विकास त्रिपाठी, शिक्षिका मृदुल मौर्य, महिला पत्रकारिता से जुड़ी वरिष्ठ पत्रकार ममता सिंह, भारतीय नागरिक परिषद की महामंत्री रीना त्रिपाठी, पटल की संस्थापिका एवं संचालिका शिक्षिका व कई सामाजिक जागरूकता मंच से जुड़ी हुई शकुन्तला तोमर ने प्रतिभाग किया। जैसा की सर्वविदित है बदलते परिवेश में मोबाइल, सोशल मीडिया की महती भूमिका है और समय के साथ सोशल मीडिया के दुरुपयोग या मर्यादा हनन के केस अक्सर देखने को मिलते हैं। वर्तमान रफ्तार के युग में सोशल मीडिया का एक चेहरा अमानवीय भी हो रहा है।
कड़े कानून की वकालत- कार्यक्रम का संचालन करते हुए रीना त्रिपाठी ने बताया कि इंटरनेट एक वर्चुअल वर्ड है, जिसमे सोशल मीडिया एक विशाल नेटवर्क विभिन्न वेबसाइटों का समूह होने के कारण अक्सर हमें कुछ अप्रत्याशित तस्वीरें वीडियो देखने को मिल जाते हैं, जिनकी वर्तमान में कोई प्रासंगिकता नहीं है, जिन्हें देखकर मन विचलित होता है, जिन्हें पढ़कर और सुनकर भावनाएं आहत होती हैं, फिर भी कड़े नियम कानून ना होने के कारण, सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट अक्सर देखने को मिलती हैं।
…ताकि कम हो सकें मोबाइल से नजदीकियां- वरिष्ठ पत्रकार ममता सिंह ने सोशल मीडिया के मानवीय करण का एक चेहरा लव जिहाद के रूप में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लड़के लड़कियों द्वारा अक्सर एक दूसरे को ठगी का शिकार बनाने के मामलों को संज्ञानित कराते हुए कहा कि कड़े कानून क्रियान्वित होने चाहिए जिससे कि फेक आईडी से लोग भावनाओं को आहत ना करें। परिवार में संयुक्त परिवार की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए एक दूसरे के साथ बैठकर खानपान और बातचीत का सिलसिला पुनः शुरू किया जाना चाहिए, ताकि मोबाइल से बढ़ती नजदीकियां कुछ कम हो सके। आने वाली पीढ़ी को कुछ अच्छे परिवारिक संस्कार मिल सके।
अच्छा पहलू भी है- संगोष्ठी में विकास त्रिपाठी ने बताया कि वर्तमान परिवेश में सोशल मीडिया का अच्छा पहलू हमें विभिन्न रूपों में मिलता है। विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने हितों को साधने के लिए सोशल मीडिया का बहुत ही अच्छा उपयोग किया है परंतु ज्यादा सोशल मीडिया को समय देने के कारण आपसी संबंधों में दूरियां आ गई हैं। बच्चे ज्यादा से ज्यादा समय मोबाइल और इंटरनेट को दे रहे हैं और इन सब में महती भूमिका अभिभावकों की रहती है।
टेक्नोलॉजी के दबाव में आ रहे बच्चे- सोशल मीडिया के अमानवीयकरण और बच्चों में एडवेंचरस फोटो खींचने की परंपरा क्या उचित है ???सोशल मीडिया का युवाओं पर विशेषकर किशोरावस्था में पहुंचे हुए बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है ? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए शिक्षिका मृदुल मौर्य ने बताया कि बच्चों के कोमल मन और मस्तिष्क पर सोशल मीडिया के अमानवीयकरण का बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बच्चे टेक्नोलॉजी के दबाव में आ रहे हैं। कोरोना काल में ऑनलाइन क्लास होने की वजह से बच्चे ज्यादा से ज्यादा समय मोबाइल को दे रहे हैं जिसके कारण उनकी एकाग्रता में कमी आ रही है। फिजिकल एक्सरसाइज कम हो रही है और इन सब का प्रभाव बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर निश्चित रूप से नकारात्मक ही पड़ रहा है।
व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से ज्ञान- लाइव संगोष्ठी के इस पेज में जुड़े हुए डॉक्टर कन्हैयालाल ने बताया कि आज के दौर में युवक और बच्चे हमारी संस्कृति शास्त्र और महापुरुषों के द्वारा रचित साहित्य को पढ़ने में समय नहीं दे रहे हैं और सारा ज्ञान व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से ही लेना चाहते हैं, जिससे पठन-पाठन की प्रक्रिया कमजोर पड़ रही है।
सोशल मीडिया से बच्चों को किया जाए दूर- शकुन्तला तोमर ने बताया कि आज समय आ गया है कि हम लोग सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव सोशल मीडिया के अमानवीय चेहरे के बारे में समाज को जागरूक करें। उन्होंने इस ओर इंगित किया कि कोरोना महामारी के पहले लगभग दो महीने तक मानव अधिकार प्रोटेक्शन की तरफ से एक मुहिम चलाई गई थी। आदरणीय प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र झा जी एवं शकुन्तला तोमर जी एवं जिले की टीम द्वारा प्रतिदिन 2 से 3 घण्टे प्रत्येक वार्ड में हर आयुवर्ग को समाज, आस-पड़ोस के लोगों को सोशल मीडिया के मानवीय चेहरे के प्रति जागरूक करना था और इस मुहिम को काफी हद तक सफलता भी मिली। आज बहुत ही गंभीर प्रश्न है कि बच्चों को सोशल मीडिया से दूर किया जाए? हम एक दूसरे को ज्यादा से ज्यादा समय दे, गलतियां किस स्तर पर हो रहे हैं इस पर ध्यान दिया जाए। शकुंतला तोमर ने बताया कि माना कि कोरोना काल में सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग किया गया है। रिश्तों को मजबूत रखने में सोशल मीडिया ने महती भूमिका निभाई तथा सोशल मीडिया का महत्वपूर्ण साधन के रूप में उपयोग किया गया। यदि हम सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग करें तो सामाजिक भलाई भी की जा सकती है, पर कभी-कभी सामाजिक भलाई के नाम पर लोग किसी बच्चे के गुमशुदगी की तस्वीर या किसी मृत हुए शरीर की तस्वीर डालकर उस पर लाइक और कमेंट की अपेक्षा करते हैं, जो निश्चित रूप से दु:खद है।
मानवीय संस्कार जरूरी- ममता सिंह ने बताया कि मीडिया वर्ग से जुड़े होने के कारण हमने कई बार देखा है कि किसी दुर्घटना की स्थिति में लोग वहां खड़े होकर अमूमन वीरता पूर्वक वीडियो बनाते हैं। जबकि दुर्घटना से जो प्रभावित हो रहा है, उसकी किसी प्रकार की मदद नहीं करते। मंच के माध्यम से अनुरोध किया कि विषम परिस्थिति में यदि कोई दिख जाए तो उसकी मदद करें ना कि वहां खड़े होकर वीडियो बनाएं। समय पर की गई मदद भी कितने निर्दोष लोगों की जान बचा सकती है।
अभिभावक करें निगरानी तंत्र मजबूत- संगोष्ठी में बात निकल कर आई कि आज साइबर क्राइम नवयुवकों को भावनात्मक अपराध करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। एडवेंचरस फोटो डालने के चक्कर में कितने ही युवक और युवतियां हादसे के शिकार हो जा रहे हैं। भावात्मक और फोटो आईडी जोकि फेक हो सकते हैं। ऐसे बने हुए खाते बच्चे और युवकों को गुमराह करने तथा नशे की तरफ ले जाने के लिए काफी होते हैं। इन सब से निजात दिलाने का एक ही तरीका है कि अभिभावकों को चाहिए कि वह अपने बच्चों को इनसे बचाने के लिए अपना निगरानी तंत्र मजबूत करें।
नासमझी बन सकती है अभिशाप- रीना त्रिपाठी ने बताया कि इंटरनेट से जानकारी प्राप्त करें ना कि अपनी पर्सनल जानकारियों को इंटरनेट के माध्यम से साझा करें क्योंकि आपके द्वारा की गई साझा जानकारियों का दुरुपयोग कभी भी कोई कर सकता है। इंटरनेट निश्चित रूप से एक वरदान का युग है, परंतु नासमझी और नियमों की जानकारी के बिना यह अभिशाप भी बन सकता है।
संगोष्ठी में निष्कर्ष- शकुन्तला तोमर जी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज जहां सामाजिक मजबूरियों की वजह से न्यूक्लियर फैमिली बढ़ने का प्रचलन जोरों पर है फिर भी हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम अपने क्वालिटी टाइम को बच्चों के साथ स्पेंड करें। परिवार के साथ बैठे औऱ अपनी खुशियों को अपनों के साथ साझा करें फेसबुक इंस्टाग्राम और ट्विटर का साथ कम दें तथा अपने युवाओं और बच्चों को आवाज, स्विग्गी वन शैली जो कि इंटरनेट के द्वारा दी गई है, जिसमें खुशी और गम, दिन और रात के सभी मूवमेंट को युवा इंटरनेट में साझा कर रहे हैं, से निकालते हुए ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाते हुए डिप्रेशन का शिकार होने से बचाने का प्रयास करें।
संबंधों का ताना बाना है संस्कृति- विकास त्रिपाठी, एडीटर इन चीफ ने बताया कि संस्कृति क्या है? जहां तक मैं समझता हूं, यह संबंधों का ताना बाना है, जिनको हम निभाते चले आ रहे हैं और आज की इस भागमभाग जिंदगी में हम इसी ताने बाने को अपनी भावी पीढ़ी को देने में असफल सिद्ध हो रहे हैं। बच्चे भी संचार क्रांति के नित नए आयामों के साथ इस दौर में इन सबसे दूर होते जा रहे है। कई बार ऐसे दु:खद और विध्वंसक दृश्यों को परोस दिया जाता है, जिन्हें देखकर आत्मा दु:खी और मन विचलित हो जाता है फिर भी अपेक्षा की जाती है कि उन पर लाइक और कमेंट किए जाएं क्या यह उचित है? इसलिए नीति नियंताओ के साथ ही हम सभी की ये जिम्मेदारी है कि अपनी भावी पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से परिचित कराएं और सावधानी पूर्वक सोशल मीडिया का निगरानी में एक्सेस करने दें। सोशल मीडिया की अमानवीयता इसी बात से दर्शाई जा सकती है कि यदि कोई धोखे का शिकार होता है तो वह अपना मन और मस्तिष्क दुख के सागर में डुबो देता है जो हैकिंग का शिकार होता है वह अपना आर्थिक नुकसान कर बैठता है और जो इसके लत के शिकार हो जाते हैं वह अपना समय तो बर्बाद करते हैं कई बार अनजान मौतों के कारण भी बनते हैं। फिर भी इस प्रकार भी क्षति का खामियाजा कोई भी प्लेटफार्म उठाने को तैयार नहीं।
कानून की जानकारी जरूरी-भारतीय नागरिक परिषद की महामंत्री रीना त्रिपाठी ने कहा कि सरल, आसानी से उपलब्ध, सभी सीमाओं को तोड़ता हुआ, सामाजिक जुड़ाव को बढ़ाने का सस्ता तरीका तो सोशल मीडिया हो सकता है परंतु हमें यदि किसी भी कारण से सोशल मीडिया के द्वारा मानहानि, भेजी गई तस्वीरों का दुरुपयोग, महिलाओं की फोटो का गलत साइटों द्वारा इस्तेमाल किया जाना, डिजिटल डॉक्यूमेंट से छेड़खानी या ऑनलाइन आईटी की चोरी, हैकिंग इत्यादि या किसी ऐसी तस्वीर या वीडियो जो कि अशांति फैलाने के लिए काफी हैं , इनसे बचने के लिए जरूरी है कि इनसे जुड़े हुए कानूनों को जानें। भारतीय दंड संहिता 1870 के उन सभी प्रावधानों को हमारा युवा हमारे सोशल मीडिया से जुड़े हुए यूजर्स जानें ताकि उनका दुरुपयोग ना हो सके। तो भारतीय सभ्यता और संस्कृति को बनाए रखने के लिए बच्चों को मानसिक शारीरिक वेदना से बचाने के लिए युवाओं का समय सही दिशा में लगाने के लिए आवश्यक है कि सोशल मीडिया का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग किया जाए .....पर कम समय में। प्रकृति, परिवार और समाज से जुड़कर ही हम देश और काल की उन्नति कर सकते हैं और अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य का सपना साकार कर सकते हैं। आइए मिलकर सोशल मीडिया के अमानवीय चेहरे को दूर करने का प्रयास करें।
अंत में सामाजिक दर्पण सोशल मिरर की संस्थापिका शकुन्तला तोमर ने पटल पर उपस्थित सभी श्रोताओं को विद्वानों को साहित्यकारों को सभी सहभागिता करने वाले साहित्यकारों अतिथियों की उपस्थिति को कोटि कोटि नमन एवं आभार व्यक्त किया।
3,000 रुपए से भी कम की कीमत में Nokia ने लॉन्च किया 4G फोन। लगातार 12 दिन तक चल सकती है बैटरी।
नई दिल्ली (एकलव्य बाण समाचार)। नोकिया ने भारतीय बाजार में 110 4G फोन लॉन्च कर दिया है। फोन में HD Voice Call का मजा उठाया जा सकता है। साथ ही इसमें 4G VoLTE कनेक्टिविटी भी मिलेगी।
Nokia 110 4G में बैक कैमरा, टॉर्च, इंटरनेट एक्सेस, वायरलेस FM रेडियो, MP3 प्लेयर और 3-in-1 स्पीकर और गेम भी दिया गया। नोकिया 100 में लंबे समय तक चलने वाली बैटरी दी गई है। इस फोन की कीमत 2799 रुपए रखी गई है। फोन को तीन कलर ऑप्शन Yellow, Black और Aqua में लॉन्च किया गया है। इसमें 1.8 इंच का QQVGA डिस्प्ले मिलता है। फोन में डुअल Nano Sim Slot और Micro USB पोर्ट भी है। इस फोन में 1020mAh की बैटरी दी गई है।
लखनऊ (एकलव्य बाण समाचार)। पर्यावरण बचाओ अभियान के तहत आयोजित प्लान्टेशन ड्रॉइव – 2021 के तहत टास्क फोर्स लखनऊ स्थित एनएसजी द्वारा वन विभाग के सहयोग से रिजर्व फोरेस्ट कुकरैल में पौधारोपण किया गया।
इस दौरान इमली, आंवला, जामुन, मोलसरी तथा सहजन जैसे पौधे लगाए गए। पौधारोपण के दौरान एनएसजी टास्क फोर्स लखनऊ के टीम कमांडर देशराज, राकेश, सुनील व प्रदीप, सुमेर सिंह सहायक कमांडर व अन्य कार्मिकों ने भागेदारी की। साथ ही वन विभाग की तरफ से दिनेश, रामप्रकाश,व विकास तथा अशोक कुमार आदि उपस्थित रहे। सभी जवानों ने इस दौरान पर्यावरण संरक्षण के साथ भविष्य में भी समय समय पर इसी तरह के पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित करते रहने का भी संकल्प लिया।
नई दिल्ली (एकलव्य बाण समाचार)। भारतीय रेलवे की शौचालय प्रणाली को बनाए रखने के लिए शौचालय कचरे के संग्रहण के लिए एक स्वचालित तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।स्वचालित तकनीक का रखरखाव आसान है। एक भारतीय वैज्ञानिक द्वारा विकसित जैव शौचालय सात गुना सस्ता विकल्प है।
वर्तमान जैव शौचालय मानव अपशिष्ट को गैस में बदलने के लिए एनारोबिक बैक्टीरिया का उपयोग करते हैं, लेकिन वह बैक्टीरिया यात्रियों द्वारा शौचालयों में फेंकी गई प्लास्टिक और कपड़े की सामग्री को विघटित नहीं कर सकते। इसलिए टैंक के अंदर ऐसी गैर-विघटित सामग्रियों का रखरखाव और उन्हें हटाना कठिन है।
चेब्रोलु इंजीनियरिंग कॉलेज के डॉ. आर. वी. कृष्णैया द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी चलती ट्रेनों से शौचालय कचरे के संग्रह और विभिन्न सामग्रियों के अलगाव और उपयोग करने योग्य चीजों में प्रसंस्करण के लिए एक स्वचालित प्रणाली है।
‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ जुड़े विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के उन्नत मैन्युफैक्चरिंग प्रौद्योगिकी कार्यक्रम के समर्थन से विकसित प्रौद्योगिकी को पांच राष्ट्रीय पेटेंट प्रदान किए गए हैं और यह परीक्षण के चरण में है।
स्वचालित प्रणाली में तीन सरल चरण होते हैं-सेप्टिक टैंक (जो ट्रैक के नीचे रखा जाता है, यानी ट्रेन लाइन) टॉप कवर तब खोला जाता है जब ट्रेन क्रमशः इंजन और सेप्टिक टैंक स्थिति में रखे गए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) सेंसर और रीडर का उपयोग करके सेप्टिक टैंक स्थान पर पहुंच जाती है, शौचालय टैंक में सीवरेज सामग्री को सेप्टिक टैंक में छोड़ दिया जाता है जब वे पारस्परिक रूप से तालमेंल में होते हैं और अंत में सेप्टिक टैंक कवर बंद हो जाता है जब ट्रेन इससे दूर हो जाती है।
ट्रेन के शौचालयों से एकत्र सीवरेज सामग्री को अलग किया जाता है ताकि मानव अपशिष्ट को एक टैंक में संग्रहित किया जा सके, और अन्य सामग्री जैसे प्लास्टिक सामग्री, कपड़े की सामग्री दूसरे टैंक में संग्रहीत की जाती है। मानव अपशिष्ट को उपयोग करने योग्य सामग्री में बदलने के लिए अलग से प्रसंस्कृत किया जाता है। प्लास्टिक और कपड़े की सामग्री अलग से प्रसंस्कृत की जाती है।
इस तकनीक को विशेष रूप से लागत में कमी लाने और समय लेने वाले एनारोबिक बैक्टीरिया उत्पादन की आवश्यकता का निराकरण करने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे को लक्षित करते हुए विकसित किया गया है। बायो टॉयलेट के विपरीत, जिसकी लागत एक लाख प्रति यूनिट है, नई तकनीक से लागत घटकर केवल 15 हजार रुपये रह जाती है। डॉ. आर.वी.कृष्णैया ने इस तकनीक को और अधिक बढ़ाने के लिए एमटीई इंडस्ट्रीज के साथ करार किया
विस्तृत विवरण के लिए डा. आर.वी.कृष्णैया (9951222268, r.v.krishnaiah@gmail.com) से संपर्क किया जा सकता है।
नई दिल्ली (एकलव्य बाण समाचार) WhatsApp यूजर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है जिस फीचर का यूजर्स को बेसब्री से इंतजार था, वह आखिरकार रोलआउट होना शुरू हो गया है। व्हाट्सएप का यह नया फीचर Multi-Device सपोर्ट है। इस फीचर की मदद से यूजर फोन के अलावा चार अलग-अलग डिवाइसेज पर एक साथ व्हाट्सएप चला सकेंगे। खास बात है कि अलग-अलग डिवाइसेज से व्हाट्सएप अकाउंट लिंक होने के बावजूद यूजर्स की प्रिवेसी पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि कंपनी इस फीचर को एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन के साथ ऑफर कर रही है।
मल्टी-डिवाइस सपोर्ट की खासियत है कि फोन ऐक्टिव न रहने या इंटरनेट से कनेक्टेड न होने पर भी यूजर दूसरे डिवाइस जैसे लैपटॉप या डेस्कटॉप पर व्हाट्सएप चैटिंग का लुत्फ उठा सकेंगे।
हालांकि, दूसरे डिवाइस पर व्हाट्सएप ऐक्सेस करने के लिए इंटरनेट कनेक्शन जरूरी होगा। कंपनी इस फीचर को अभी बीटा वर्जन में रोलआउट कर रही है। अगर फोन बंद भी है तभी आप चैटिंग कर सकते हैं। वॉट्सऐप के हेड विल कैथकार्ट ने बीटा वर्जन के लिए रोलआउट किए जा रहे मल्टी-डिवाइस सपोर्ट फीचर की जानकारी अपने ऑफिशल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके दी। उन्होंने ट्वीट में कहा कि अब यूजर फोन ऐक्टिव न रहने पर भी वॉट्सऐप का डेस्कटॉप या वेब एक्सपीरियंस ले सकते हैं। नए फीचर को कंपनी ने बुधवार से रोलआउट करना शुरू किया है।
कंपनी शुरुआत में इस फीचर को उन यूजर्स को उपलब्ध करा रही है, जो वॉट्सऐप की बीटा प्रोग्राम का हिस्सा हैं। कंपनी की प्लानिंग है कि आने वाले समय में वह स्टेबल वर्जन यूजर्स को बीटा वर्जन में स्विच करने का ऑप्शन भी देगी। आने वाले दिनों में यह ऑप्शन Linked Devices स्क्रीन में ऑफर किया जा सकता है।
जिन यूजर्स को व्हाट्सएप मल्टी-डिवाइस फीचर मिल रहा है, उन्हें फोन के अलावा दूसरे डिवाइस पर व्हाट्सएप ऐक्सेस करने के लिए एक QR Code को स्कैन करना होगा। यह वैसा ही जैसा अभी हम लोग फोन के साथ लैपटॉप या डेस्कटॉप पर वॉट्सऐप चलाने के लिए लिंक डिवाइस QR Code को स्कैन करते हैं। दूसरे डिवाइस पर वॉट्सऐप लिंक करने के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की भी जरूरत पड़ेगी। खास बात है कि यूजर कभी भी लिंक्ड डिवाइस से लॉगआउट कर सकते हैं और यह भी देख सकते हैं कि लिंक्ड डिवाइस पर उनका व्हाट्सएप अकाउंट आखिरी बार कब ऐक्टिव था।
नई दिल्ली (एकलव्य बाण समाचार)। जियो ने इस बार एक शानदार सर्विस Emergency Data Loan’ की शुरूआत की है। अगर आपका डेटा खत्म हो जाए तो आप तुरंत डेटा लोन ले सकते हैं। इसका पेमेंट बाद में किया जा सकता है।
यह सुविधा उन ग्राहकों के लिए काफी लाभदायक है, जो डेली मिलने वाले हाई स्पीड डेटा के खत्म होने पर तुरंत रिचार्ज नहीं कर पाते। यह एमरजेंसी डेटा लोन की सुविधा ‘Recharge Now and Pay Later’ की फ्लैक्सिबिलिटी देता है। इसके तहत जियो अपने प्रीपेड यूजर्स को 5 एमरजेंसी डेटा लोन पैक उधार पर लेने की अनुमति देगा, जिसमें 1GB डेटा मिलेगा और इसकी कीमत 11 रुपए होगी।
फॉलो करें डेटा लोन की सुविधा के लिए ये स्टेप्स
1- MyJio App को ओपन करने के बाद पेज के टॉप लेफ्ट में दिए गए ‘menu’ पर जाएं। 2- इसके बाद मोबाइल सर्विस के भीतर दिए गए ‘Emergency Data Loan’ को सिलेक्ट करें। 3- अब एमरजेंसी डेटा लोन बैनर पर दिए गए ‘Proceed’ बटन पर क्लिक करें। 4- उसके बाद ‘Get emergency data’ ऑप्शन को सिलेक्ट करें। 5- अब एमरजेंसी लोन का लाभ लेने के लिए ‘Activate now’ पर क्लिक करें। 6- इसके बाद एमरजेंसी लोन बेनिफिट एक्टिवेट हो जाएगा। नोट- लोन पर लिए गए एमरजेंसी डेटा का पेमेंट भी उसी पेज से किया जा सकता है।
नई दिल्ली। एक हजारों में मेरी बहना है फेम एक्ट्रेस तरला जोशी का निधन हो गया है। उन्होंने कई शोज में बीजी का रोल अदा किया है। रविवार की सुबह तरला जोशी को हार्ट अटैक आया था, जिसके चलते उनका निधन हुआ। निया शर्मा समेत टीवी इंडस्ट्री की कई हस्तियों ने तरला जोशी के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके परिवार के प्रति अपने संवेदना जताईं।
निया शर्मा द्वारा तरला जोशी के निधन की जानकारी दी गई। निया ने अपने सोशल मीडिया पर तरला जोशी के निधन की सूचना देते हुए उन्हें याद किया और उनके साथ बिताए गए पलों को साझा किया। एक फोटो में निया शर्मा ने लिखा- “आपकी आत्मा को शांति मिले बड़ी बीजी। आपको बहुत याद किया जाएगा।” आपको बता दें कि एक हजारों में मेरी बहना है सीरियल में तरला जोशी ने बड़ी बीजी का किरदार निभाया था।
एक अन्य फोटो में निया ने लिखा कि तरला जी आप हमेशा हमारी बड़ी बीजी रहेंगी। निया के अलावा कुशाल टंडन, करन टैकर और क्रिस्टल डिसूजा जैसे टीवी कलाकारों ने भी तरला जोशी को श्रद्धांजलि देते हुए अपने सोशल मीडिया पर उनकी फोटो शेयर की, जिस पर उन्होंने लिखा- आपकी आत्मा को शांति मिले दादी। एक हजारों में मेरी बहना है साल 2011 में स्टार प्लस चैनल पर लॉन्च किया गया था। यह शो दो साल तक सफलतापूर्वक चला। तरला जोशी ने इस सीरियल में जीविका और मानवी (क्रिस्टल और निया) की दादी की भूमिका निभाई थी। निया शर्मा के अलावा इस सीरियल में क्रिस्टल डिसूजा भी अहम भूमिका में थीं। क्रिस्टल और निया ने दो सगी बहनों का किरदार किया था।
इस सीरियल के अलावा, तरला जोशी ‘साराभाई vs साराभाई’ और ‘बंदिनी’ जैसे शो में अपने प्रदर्शन के लिए भी जानी जाती थीं। अभिनय की दुनिया में कदम रखने से पहले तरला जोशी ने कॉस्ट्यूम डिजाइनर के रूप में अपना करियर शुरू किया था। तरला जोशी की गांधी माई फादर, मजियारा हैया और हम जो कह ना पाए जैसी फिल्मों में उनके शानदार अभिनय के लिए भी काफी तारीफ की जाती है।
बिजनौर (एकलव्य बाण समाचार) खाकी और खादी के संरक्षण में नगीना देहात क्षेत्र की नदी और ग्राम सुंदर वाली में खनन माफिया बिना किसी खौफ के सरेआम खनन कर रातों रात लखपति बनते जा रहे हैं। साथ ही अधिकारी और सत्ताधारी छूट भैया नेता भी मालामाल हो रहे हैं, वहीं योगी सरकार बदनामी का पात्र बन गई है। इसका असर अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा।
आधा दर्जन खनन माफियाओं ने खो नदी में 28 बीघा एक पट्टा सरकार से लेकर उस पार खनन का काम शुरू किया था, जिसकी आड़ में खनन माफिया लगभग 500 से 800 बीघा तक अवैध खनन कर योगी सरकार की छवि को धूमिल करने में लगे हैं।खनन माफिया नदियों से पॉप मशीन, जेसीबी, मशीनों से नदियों का सीना चीर कर बड़े-बड़े ट्रैक्टरों और ट्रकों से रेत बजरी का खनन बिना किसी डर खौफ के 24 घंटे खनन का काम कर रहे हैं। बताया गया है कि इस संबंध में यदि कोई हलका पुलिस या जिला स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों को रात दिन खनन होने की शिकायत करते हैं तो पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी अधिकारी अनसुनी कर देते हैं। यही नहीं खनन माफियाओं को शिकायतकर्ता का नाम बता देते हैं, जिससे खनन माफिया शिकायत करने वालों को रास्ते में या उनके घर जाकर दोबारा शिकायत करने पर देख लेने की धमकियां देते हैं। तमाम शिकायतों के बावजूद कोई भी अधिकारी खनन स्थान का निरीक्षण करने को तैयार नहीं।
सत्ताधारी नेता और हर छोटे बड़े अधिकारी को पहुंच रहा पैसा! खनन माफिया क्षेत्र के सत्ताधारी नेता और हर छोटे बड़े अधिकारी को पैसा पहुंचाने की बात भी सरेआम कह रहे हैं। खनन माफियाओ का कहना है कि जब हम नेता और अधिकारियों को पैसा देते हैं, तो हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, जिसकी गवाही पिछले दो माह से सुंदर वाली गांव के साथ-साथ क्षेत्र की सभी नदियों से खनन माफियाओं द्वारा किया जा रहा रेत बजरी का खनन दे रहा है।
मीडिया भी शामिल! आरोप है कि खनन माफियाओं ने पुलिस, खनन विभाग के अधिकारी, क्षेत्रीय सत्ताधारी नेता और जिला स्तर के अनेक अधिकारियों के पैरों मे नोटों की गड्डी बांध दी हैं, जिससे उन से उठा और खड़ा भी नहीं हुआ जा पा रहा है। कई ग्रामीणों ने अपना नाम ना छापने की पर बताया कि खनन के इस गोरखधंधे में खादी और खाकी वे संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ साथ चंद बहरुपिए तथाकथित मीडिया कर्मी भी शामिल है। जो नदियों का सीना चीर कर निकाला जा रहा रेत बजरी का खनन से लहूलुहान होता देख रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खनन रात्रि के समय भी बड़ी-बड़ी मशीनों से किया जा रहा है। नदियों में 10 से 15 फीट गहरे गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिनसे आने-जाने वाले ग्रामीणों को और पशुओं को हर समय जान का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि जब से यहां खनन शुरू हुआ है, गांव वालों का नदियां पार करना भी कठिन हो रहा है, लेकिन ग्रामीणों और पशुओं की ब्रा टोपी समस्या अधिकारियों को दिखाई नहीं दे रही हैं। अधिकारियों के दम पर चल रहा खुलेआम अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा, कोरोना मे खनन माफिया रायल्टी और टैक्स की चोरी भी कर रहे हैं, जिससे प्रदेश सरकार को करोड़ों का चूना लग रहा है। लेकिन बिजनौर प्रशासन खनन माफियाओं के सामने नतमस्तक है। आवाज उठाने वाले को मिलती धमकी अधिकारियों की खामोशी की वजह से गरीब तबके के ग्रामीणों व छोटे किसानों का बुरा हाल है। अगर कोई आवाज उठाता है तो खनन माफिया जान से मारने की धमकियां दे देते हंै, जिसकी वजह से किसानों में और गरीबों में भय व्याप्त है। सूत्रो की मानें तो अवैध खनन का यह गोरखधंधा बिजनौर पुलिस-प्रशासन और राजस्व विभाग की मिलीभगत से चल रहा है। सुन्दरवाली खो नदी में दो मन्दिर और देवता महाराज का थला भी है। यह लोग मन्दिरों को भी ढ़हाने मे लगे हैं। समय रहते अधिकारियों द्वारा खनन माफिया पर नकेल नहीं कसी गई तो वहां खड़े धार्मिक स्थल भी धराशाई हो सकते हंै।
नए डीएम के सामने गंभीर चुनौतियां: नवागत जिलाधिकारी के लिए चुनौतियों से कम नहीं होगा खनन माफियाओं पर नकेल कसना, क्योंकि इस गोरखधंधे में पुलिस के साथ साथ सत्ता की खादी भी शामिल है!
थोक व फुटकर सब्जी विक्रेताओं की अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त। सुबह से फिर हो जाएगा कामकाज शुरु।
बिजनौर। आढ़त एसोसिएशन धामपुर थोक एवं फुटकर विक्रेताओं की अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त हो गई है। स्थानीय प्रशासन ने 24 मई से रात्रि 3 बजे से सुबह 7 बजे तक बड़ी मण्डी में सब्जी व्यापार करने का आदेश जारी कर दिया है। इस कारण सब्जी आढ़त एसोसिएशन ने स्थानीय प्रशासन का आदेश मानकर हड़ताल खत्म कर सब्जी व्यापार सुचारू रूप से शुरु करने की घोषणा कर दी।
विदित हो कि कोरोना महामारी के चलते बड़ी मंडी क्षेत्र में नितिन शर्मा (40 वर्ष), गौरव अग्रवाल (35 वर्ष), श्रीमती यशोदा मोदी (70 वर्ष), श्रीमती सारिका गुप्ता (50 वर्ष), दिनेश कुमार अग्रवाल (60 वर्ष) की मौत हो चुकी है और इस क्षेत्र में काफी लोग बीमारी से ग्रस्त है। इस मामले में क्षेत्र के लोगों द्वारा की गयी शिकायत के बाद स्थानीय प्रशासन ने बड़ी मण्डी में संचालित थोक एवं फुटकर व्यापार को पिछले साल की भांति केएम इंटर कालेज के मैदान ले जाने का आदेश जारी कर दिया था। इसके बाद गत 21 मई से सब्जी थोक एवं फुटकर विक्रेताओं ने अनिश्चितकालीन बन्द करने की घोषणा कर दी थी। लगातार तीन दिन से सब्जी आढ़त एसोसिएशन से जुड़े थोक एवं फुटकर विक्रेता हड़ताल पर चल रहे थे। इस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना उठाना पड़ रहा था। स्थानीय प्रशासन ने काफी कोशिश की, कि बड़ी मण्डी से सब्जी व्यापार बाहर ले जाए पर कामयाबी नहीं मिली। आखिरकार स्थानीय प्रशासन ने सब्जी आढ़त एसोसिएशन धामपुर से जुड़े थोक एवं फुटकर विक्रेताओं को 24 मई से रात्रि 3 बजे से सुबह 7 बजे तक सब्जी कार्य बड़ी मण्डी में करने की इजाजत दे दी। यह जानकारी सब्जी आढ़त एसोसिएशन धामपुर के अध्यक्ष खुशीराम सैनी, हैदर अली आढ़ती, अबरार अहमद ने देते हुए बताया कि हड़ताल वापिस ले ली है, क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने हमें उसी स्थान पर सब्जी व्यापार करने की इजाजत दे दी है। बस समय में परिवर्तन किया गया है। उन्होंने सभी नगरवासियों से संयम बरतने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
सुबह 7 से 11 मिलेगी सब्जी धामपुर बड़ी मण्डी में थोक सब्जी व्यापार का समय निर्धारित होने के बाद 24 मई से फुटकर सब्जी विके्रताओं का भी समय निर्धारित कर दिया गया है, जो प्रतिदिन सुबह 7 बजे से पूर्वान्ह 11 बजे तक रहेगा। नगर की जनता उक्त निर्धारित समयावधि में फुटकर विक्रेताओं से सब्जी की खरीदारी कर सकती है।
ऑफिस न जाने का परफेक्ट बहाना! गुजरात के अफसर ने कहा- मैं विष्णु का 10वां अवतार, काम पर नहीं आ सकता
अहमदाबाद। गुजरात सरकार के एक अधिकारी ने दावा किया है कि वो भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि हैं और वो ऑफिस नहीं आ सकते क्योंकि वह ‘‘विश्व का अंत: करण’’ बदलने के लिए ‘‘तपस्या’’ कर रहे हैं।
सरदार सरोवर पुनर्वास एजेंसी के इंजीनियर रमेश चंद्र फेफर ने कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि उनकी तपस्या को धन्यवाद कि देश में अच्छी बारिश हो रही है। फेफर को जारी किया गया नोटिस और उनका अजीबो गरीब जवाब वायरल हो गया है। फेपर ने अपने राजकोट स्थित घर पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि – आप विश्वास नहीं करेंगे, लेकिन मैं भगवान विष्णु का दसवां अवतार हूं और आने वाले दिनों में मैं इसे साबित कर दूंगा। मैं मार्च 2010 में ऑफिस में था तो मुझे महसूस हुआ कि मैं कल्कि अवतार हूं। तब से मेरे पास दिव्य शक्तियां हैं।
तीन दिन पहले एजेंसी की ओर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। 50 साल पूरे कर चुके फेफर ने नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि वो ऑफिस नहीं आ सकते हैं, क्योंकि तपस्या में लीन हैं। फेफर ने कहा कि वैश्विक अंत:करण के बदलाव के लिए अपने घर में तपस्या कर रहा हूं। मैं आफिस में बैठ कर इस तरह की तपस्या नहीं कर सकता हूं। उन्होंने दावा किया कि उनकी तपस्या की वजह से ही भारत में पिछले 19 साल से अच्छी बारिश हो रही है। अब यह एजेंसी को तय करना चाहिए कि मुझे ऑफिस में बैठाकर टाइम पास कराना ज्यादा महत्वपूर्ण है या फिर देश को सूखे से बचाने के लिए कुछ ठोस काम करना है। मैं कल्कि अवतार हूं, इसलिए भारत में अच्छी बारिश हो रही है।
नोटिस के मुताबिक, फेफर पिछले आठ महीने में वडोदरा स्थित अपने आफिस में सिर्फ 16 दिन गए। नोटिस में कहा गया है कि गजटेड ऑफिसर का इस तरह से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहना शोभा नहीं देता है। आपकी अनुपस्थिति के चलते एजेंसी के काम रुकावट आ रही है। गौरतलब है कि सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित लोगों के पुनर्वास का काम SSPA देख रही है। (साभार)
मलिहाबाद, लखनऊ। कोरोना के लगातार सामने आ रहे मामलों के बीच विभिन्न सामाजिक संस्थाओं जन जागरूकता के साथ-साथ जनता की सेवा के कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सामाजिक संस्था द आरसी फाउंडेशन की ओर से सैनिटाइजेशन व मासिक वितरण का कार्यक्रम किया गया।
सामाजिक संस्था द आरसी फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. भानुवेंद्र प्रताप सिंह यादव एवं श्रीमती पुष्पा यादव ने बताया कि आरसी फाउंडेशन की टीम की ओर से मलिहाबाद के अमानीगंज में सैनिटाइजेशन व मासिक वितरण के साथ-साथ कोविड-19 मेडिकल किट भी वितरित की गई। आरसी फाउंडेशन द्वारा यह सराहनीय काम ऐसे वक्त में किया गया है जब संसाधनों के अभाव के चलते लोगों को उनकी जरूरतों की चीजें सामान्य रूप से नहीं मिल पा रही हैं।
फाउंडेशन के इस कार्य के चलते जनता ने फाउंडेशन के संस्थापक तथा उनके सदस्यों के कार्य की काफी सराहना की। संस्था की ओर से आरसी फाउंडेशन के संरक्षक शिव कुमार यादव, अमर सिंह यादव, राहुल यादव, सुरेंद्र यादव, शशिकांत यादव, दीपक, पूर्व प्रधान वसी अहमद व अन्य लोग उपस्थित रहे ।
लखनऊ। कोरोना के लगातार सामने आ रहे मामलों के बीच विभिन्न सामाजिक संस्थाओं जन जागरूकता के साथ-साथ जनता की सेवा के कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सामाजिक संस्था द आरसी फाउंडेशन की ओर से सैनिटाइजेशन व मास्क वितरण का कार्यक्रम चलाया गया।
सामाजिक संस्था द आरसी फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. भानुवेंद्र प्रताप सिंह यादव ने बताया कि आरसी फाउंडेशन की टीम की ओर से मलिहाबाद लखनऊ, पश्चिम सरोजनी नगर और काकोरी क्षेत्र के विभिन्न गांवों में सैनिटाइजेशन व मास्क वितरण के साथ-साथ कोविड-19 मेडिकल किट भी वितरित की गई।
आरसी फाउंडेशन द्वारा यह सराहनीय काम ऐसे वक्त में किया गया है जो संसाधनों के अभाव के चलते लोगों को उनकी जरूरतों की चीजें सामान्य रूप से नहीं मिल पा रही हैं।
फाउंडेशन के इस कार्य के चलते जनता ने फाउंडेशन के संस्थापक तथा उनके सदस्यों के कार्य की काफी सराहना की। संस्था की ओर से आरसी फाउंडेशन के संरक्षक शिव कुमार यादव, अमर सिंह यादव, पुष्पा यादव, शालू यादव, सूर्यांश यादव, उज्जवल यादव, पूर्व पार्षद प्रत्याशी जीशान सफीक, राहुल यादव व अन्य लोग उपस्थित रहे ।
बिहार की तरह यूपी में भी एम्बुलेंस मालिकों चालकों की मनमानी पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है। वहां स्वास्थ्य विभाग व परिवहन विभाग बिहार के आपसी समन्वय से गठित समिति द्वारा विस्तृत समीक्षा की गई और राज्य भर में निजी एंबुलेंस का किराया निर्धारित करने की अनुशंसा कर दी गई। उत्तर प्रदेश में भी ऐसा होने से गरीब एवं मध्यम वर्ग को राहत मिल सकेगी और वो मनमानी व लूट खसोट का शिकार होने से बच सकेंगे।
विदित हो कि बिहार सरकार द्वारा कोविड 19 संक्रमण को देखते हुए एम्बुलेंस की मनमानी को रोकने के लिए एंबुलेंस का दर निर्धारण किया गया है। स्वास्थ्य विभाग एवं परिवहन विभाग, बिहार के आपसी समन्वय से गठित समिति के द्वारा विस्तृत समीक्षोपरांत राज्य भर में निजी एंबुलेंस का किराया निर्धारित करने की अनुशंसा की गई है। इस एंबुलेंस में बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम, जीवन रक्षक दवाएं एवं प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी उपलब्ध रहेंगे। समिति की अनुशंसा के आलोक में The Bihar Epidemic Disease, Covid-19 regulation 2021 के तहत प्रदत शक्तियों के आलोक में उपरोक्त आदेश का उल्लंघन किए जाने पर The Bihar Epidemic Disease, Covid-19 regulation में निहित प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। राज्य भर में विभिन्न श्रेणियों के निजी एंबुलेंस का किराया निम्नवत निर्धारित किया गया है :- 01. छोटी कार (सामान्य) – कोरोना से उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए एंबुलेंस अनुशंसित दर (50 कि.मी. तक आने-जाने सहित) 1500 रुपये निर्धारित किया गया है तथा 50 किलोमीटर से अधिक परिचालन होने पर 18 रुपये प्रति किलोमीटर (आने-जाने सहित) देय होगा। 02. छोटी कार (वातानुकूलित) – कोरोना से उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए एंबुलेंस अनुशंसित दर (50 कि.मी. तक आने-जाने सहित) 1700 रुपये निर्धारित किया गया है तथा 50 किलोमीटर से अधिक परिचालन होने पर 18 रुपये प्रति किलोमीटर (आने-जाने सहित) देय होगा। 03. बोलेरो/सुमो/मार्शल (सामान्य) – कोरोना से उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए एंबुलेंस अनुशंसित दर (50 कि.मी. तक आने-जाने सहित) 1800 रुपये निर्धारित किया गया है तथा 50 किलोमीटर से अधिक परिचालन होने पर 18 रुपये प्रति किलोमीटर (आने-जाने सहित) देय होगा। 04. बोलेरो/सुमो/मार्शल (वातानुकूलित) – कोरोना से उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए एंबुलेंस अनुशंसित दर (50 कि.मी. तक आने-जाने सहित) 2100 रुपये निर्धारित किया गया है तथा 50 किलोमीटर से अधिक परिचालन होने पर 18 रुपये प्रति किलोमीटर (आने-जाने सहित) देय होगा। 05. मैक्सी/सी.टी. राईड/विंगर/टेम्पों/ट्रेवलर एवं समकक्षीय (14-22 सीट) – कोरोना से उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए एंबुलेंस अनुशंसित दर (50 कि.मी. तक आने-जाने सहित) 2500 रुपये निर्धारित किया गया है तथा 50 किलोमीटर से अधिक परिचालन होने पर 25 रुपये प्रति किलोमीटर (आने-जाने सहित) देय होगा। 06. जाइलो/स्कॉर्पियो/क्वालिस/ट्वेरा (वातानुकूलित) – कोरोना से उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए एंबुलेंस अनुशंसित दर (50 कि.मी. तक आने-जाने सहित) 2500 रुपये निर्धारित किया गया है तथा 50 किलोमीटर से अधिक परिचालन होने पर 25 रुपये प्रति किलोमीटर (आने-जाने सहित) देय होगा।
डॉक्टर दंपती की तकनीक और रिटायर्ड वैज्ञानिक की मदद से इंदौर के उद्योगपति ने आधी कीमत में बनाया वेंटिलेटर। 10 महीने की मेहनत से 50 हजार में किया तैयार। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी मंजूरी। सिलेंडर खत्म होने पर वातावरण से ऑक्सीजन लेकर मरीज को देगा।
इंदौर। (एजेंसी) कोरोना के गंभीर मरीजों को आ रही वेंटिलेटर की समस्या को देखते हुए शहर के एक उद्योगपति ने आधी कीमत में देसी वेंटिलेटर बना लिया है। विदेश से लौटे डॉक्टर दंपती की तकनीक और कैट के रिटायर्ड सांइटिस्ट की मदद से यह हो सका है। उनके वेंटिलेटर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। पोलोग्राउंड में साईं प्रसाद उद्योग के संचालक संजय पटवर्धन ने बताया कि नान इन्वेजिव टाइप का वेंटिलेटर 10 माह में तैयार हुआ है। इसकी कीमत करीब 50 हजार है, जबकि विदेशी वेंटिलेटर एक-डेढ़ से 10 लाख में मिलते हैं। यह कम ऑक्सीजन फ्लो में भी सपोर्ट करता है। सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म होने पर तीन-चार घंटे वातावरण से ऑक्सीजन लेकर मरीज को दे सकेगा। मरीज को कहीं शिफ्ट करना हो या फिर छोटी जगहों पर मरीज गंभीर हो जाए और संक्रमण 50-60 फीसदी हो तो ऐसी स्थिति में यह जिंदगी बचा सकता है। इसका वजन दो किलो है, जिससे इसे आसानी से कहीं भी ले जा सकते हैं।
बना है यूरोपीय मानकों के अनुसार-पटवर्धन बताते हैं कि डॉ. एसके भंडारी और उनकी पत्नी डॉ. पूर्णिमा के पास इसकी तकनीक थी। कैट के रिटायर्ड वैज्ञानिक अनिल थिप्से ने मदद की। मेडिकल उपकरण के लिए जरूरी लाइसेंस लेने, यूरोप के मानक के अनुसार बनाने के लिए पार्ट्स अमेरिका, मुंबई आदि जगह से मंगाए। टेस्टिंग, रजिस्ट्रेशन आदि में भी काफी समय लगा।
इसलिए पड़ती है वेंटिलेटर की जरूरत–वेंटिलेटर तब उपयोग में आता है, जब मरीज खुद सांस नहीं ले पाता। वेंटिलेटर दो तरह के होते हैं। पहला – इन्वेजिव, जिसमें लंग्स तक पाइपलाइन जाती है। दूसरा- नाॅन इन्वेजिव, जिसमें नाक में पाइपलाइन जाती है। मरीज के लंग्स चलते हैं। (दै.भा.)
टेलिकॉम सेवाएं देने वाली कंपनियां भारत के विभिन्न स्थानों पर 5जी ट्रॉयल शुरू कर सकेंगी
ग्रामीण, अर्द्ध शहरी और शहरी इलाकों को 5जी ट्रॉयल में शामिल किया जाएगा
ट्रॉयल के तहत 5जी से जुड़ी घरेलू तकनीकी को भी शामिल किया जाएगा
नई दिल्ली। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने मंगलवार को दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को 5जी तकनीक के उपयोग और एप्लीकेशन के लिए परीक्षण करने की अनुमति दे दी। आवेदक कंपनियों में भारती एयरटेल लिमिटेड, रिलायंस जिओ इंफोकॉम लिमिटेड, वोडाफोन इंडिया लिमिटेड और एमटीएनएल शामिल हैं। इन कंपनियों (टीएसपी) ने मूल उपकरण निर्माताओं और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ समझौता किया है। जिसमें एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट शामिल हैं। इसके अलावा रिलायंस जिओ इंफोकॉम लिमिटेड भी अपनी स्वदेशी तकनीक का उपयोग करते हुए परीक्षण करेगी।
डीओटी ने यह मंजूरी टीएसपी द्वारा पहचान की गई प्राथमिकताओं और प्रौद्योगिकी सहयोगी कंपनियों के आधार पर दी है। प्रयोग के लिए यह स्पेक्ट्रम विभिन्न बैंडों में दिया जा रहा है जिसमें मिड-बैंड (3.2 गीगाहर्ट्ज़ से 3.67 गीगाहर्ट्ज़), मिलीमीटर वेव बैंड (24.25 गीगाहर्ट्ज़ से 28.5 गीगाहर्ट्ज़) और सब-गीगाहर्ट्ज़ बैंड (700 गीगाहर्ट्ज़) शामिल हैं। टीएसपी को इसके अलावा 5 जी परीक्षणों के संचालन के लिए उनके मौजूदा स्पेक्ट्रम (800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज) के तहत ट्रॉयल की अनुमति होगी।
वर्तमान में परीक्षणों की अवधि 6 महीने के लिए है। इसमें उपकरणों की खरीद और स्थापना के लिए 2 महीने की अवधि शामिल है।
अनुमति पत्र के अनुसार प्रत्येक टीएसपी को शहरों के अलावा ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी परीक्षण करना होगा ताकि देश भर में 5जी टेक्नोलॉजी का लाभ प्राप्त हो और यह केवल शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित न हो।
टीएसपी को पहले से ही मौजूद 5जी प्रौद्योगिकी के अलावा 5जी आई तकनीक का उपयोग परीक्षण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) ने 5जीआई तकनीक को भी मंजूरी दी है। इसकी भारत ने वकालत की थी, क्योंकि यह 5जी टावरों और रेडियो नेटवर्क की पहुंच को आसान बनाता है। 5जीआई तकनीक का विकास आईआईटी मद्रास वायरलेस टेक्नोलॉजी के उत्कृष्ट केंद्र (सीईडब्ल्यूआईटी) और आईआईटी हैदराबाद द्वारा विकसित किया गया है।
5जी परीक्षणों का संचालन विशेष रुप से भारतीय संदर्भ में उद्देश्यों में 5जी स्पेक्ट्रम का प्रसार भारतीय जरूरतों के आधारों पर करना है। मॉडल ट्यूनिंग और चुने हुए उपकरण औऱ उनके वेंडर का मूल्यांकन, स्वदेशी तकनीक का परीक्षण, एप्लीकेशन आधारित तकनीकी का परीक्षण (जैसे टेली-मेडिसिन, टेली-शिक्षा, संवर्धित / वर्चुअल रियल्टी, ड्रोन-आधारित कृषि निगरानी, आदि।) और 5जी फोन और उपकरणों का परीक्षण करने के लिए किया गया है।
5 जी तकनीक से डेटा डाउनलोड दरों (4 जी के 10 गुना होने की उम्मीद) है। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेगी, जिसके जरिए स्पेक्ट्रम क्षमता से तीन गुना अधिक उपयोग किया जा सकेगा और उद्योग जगत को 4.0 एप्लीकेशन के लिए सक्षम कर सकेगा। इन एप्लीकेशंस का इस्तेमाल कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, यातायात प्रबंधन, स्मार्ट शहरों, स्मार्ट घरों और आईओटी (इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स) में हो सकेगा।
डीओटी ने निर्दिष्ट किया है कि परीक्षण को अलग से किया जाएगा और टीएसपी के मौजूदा नेटवर्क के साथ नहीं जोड़ा जाएगा। परीक्षण गैर-वाणिज्यिक आधार पर होंगे। परीक्षणों के दौरान उत्पन्न डेटा भारत में संग्रहीत किया जाएगा। टीएसपी से यह भी उम्मीद है कि वह परीक्षण के हिस्से के रूप में स्वदेशी रूप से विकसित उपकरणों और तकनीकी का इस्तेमाल करेंगी। हाल ही में 5 जी एप्लीकेशन पर हैकाथन आयोजित करने के बाद डीओटी द्वारा चुने गए 100 एप्लीकेशन / इस्तेमाल मामलों का भी इन परीक्षणों को उपयोग किया जा सकता है।
लॉक डाउन उल्लंघन में तुलाराम होटल के 2 कर्मियों का चालान। लॉक डाउन उल्लंघन करने, संक्रमण फैलाने सहित महामारी आपदा अधिनियम में मामला दर्ज।
बिजनौर। नगीना पुलिस ने लॉक डाउन उल्लंघन करने व संक्रमण फैलाने के मामले में तुलाराम होटल के दो कर्मचारियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर उनका चालान कर दिया।
थाना प्रभारी कृष्ण मुरारी दोहरे के अनुसार एसआई योगेश कुमार व सहयोगी पुलिस कर्मियों द्वारा शुक्रवार की रात्रि को लॉक डाउन के चलते चैकिंग की जा रही थी। इस दौरान स्टेशन रोड स्थित तुला राम का होटल खुला व चलता पाया। पुलिस ने मौके पर मौजूद होटल के कर्मचारी अनिल कुमार पुत्र जयप्रकाश निवासी मोहल्ला शाहजाहीर व सोनू पुत्र जयप्रकाश निवासी पंजाबी कॉलोनी नगीना को गिरफ्तार कर लिया तथा उनके विरुद्ध लॉक डाउन उल्लंघन करने, संक्रमण फैलाने सहित महामारी आपदा अधिनियम में मामला दर्ज कर सुसंगत धाराओं में उनका चालान कर दिया।
ऑक्सीजन की किल्लत से तीमारदार खासे परेशान। नजीबाबाद क्षेत्र में संचालित एकमात्र फैक्ट्री बंद। हल्दौर से आपूर्ति को इंकार पर बैरंग लौटे तीमारदार।
बिजनौर। जनपद में ऑक्सीजन की कमी न होने के प्रशासन और राज्य नोडल अधिकारी के सभी दावे उस समय हवा-हवाई हो गए जब नजीबाबाद के कोरोना संक्रमित मरीजों के तीमारदारों को हल्दौर से भी बिना ऑक्सीजन दिए बैरंग लौटा दिया गया। दरअसल यह किल्लत नजीबाबाद क्षेत्र में चल रहे ऑक्सीजन प्लांट के एकाएक बंद हो जाने से सामने आयी है, जिसे लेकर लोग खासे परेशान घूम रहे हैं। शुक्रवार को भी दूसरे दिन नजीबाबाद के कोरोना संक्रमित मरीजों के तीमारदारों को ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पायी। दरअसल नजीबाबाद-नगीना वाया बुंदकी मार्ग पर ग्राम सिकन्दरपुर बसी क्षेत्र में चल रहे गोयल इंडस्र्टियल (ऑक्सीजन) प्लांट से नजीबाबाद क्षेत्र के कोरोना संक्रमित लोगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही थी। उपजिलाधिकारी नजीबाबाद परमानंद झा ने कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन की कमी से न जूझने की शिकायतों को गंभीरता से लिया था। इसके विगत सप्ताह ही उन्होंने उक्त गैस प्लांट पर पहुंचकर जांच की और ऑक्सीजन की कॉमर्शियल सप्लाई बंद करा दी थी। यही नहीं अन्यत्र भेजी जा रही ऑक्सीजन पर भी पाबंद लगा दी थी। एसडीएम ने प्लांट पर पुलिसकर्मी भी तैनात कर दिए थे। इसके अलावा कोरोना संक्रमित रोगियों के तीमारदारों की ओर से दिए गए प्रार्थनापत्र के आधार पर उक्त प्लांट से ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति कराया जाना प्रारंभ कर दिया था। गुरुवार को गोयल इंडस्ट्रीयल प्लांट के स्वामी हर्ष गोयल ने अपनी ऑक्सीजन उत्पादक इकाई के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया, जिसमेें अंग्रेजी व हिंदी में ऑक्सीजन गैस उपलब्ध न करा पाने के लिए लिखा गया। गैस उत्पादक इकाई की ओर से जानकारी दी गयी है कि ऑक्सीजन गैस निर्माण के लिए कच्चे माल के रूप में उपयोग की जाने वाली तरल चिकित्सा आक्सीजन की कमी है, इसलिए कारखाने को अस्थाई रूप से बंद कर दिया जाता है, जब तक कि आगे की सूचना नहीं दी जाती है। वहीं गैस प्लाट के बंद हो जाने से नजीबाबाद क्षेत्र में भी आक्सीजन गैस की कमी होने की वजह से कोरोना संक्रमितों के तीमारदार इधर-उधर भटक रहे हैं।
हल्दौर से लौटाया बैरंग! बताया जाता है कि तहसील नजीबाबाद की ओर से कुछ लोगों को ऑक्सीजन गैस लेने के लिए पत्र लिखकर हल्दौर भेजा गया। जहां से उन्हें ऑक्सीजन गैस उपलब्ध न कराकर बैरंग लौटा दिया गया। हालांकि जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार की ओर से नामित नोडल अधिकारी योगेश कुमार ने दावा किया था कि जनपद में ऑक्सीजन गैस की कोई कमी नहीं है। दो दिन पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नजीबाबाद पर निरीक्षण के लिए पहुंचे नोडल अधिकारी योगेश कुमार ने कहा था कि जनपद के सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन मुहैया करा दी गयी है। ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति हरिद्वार से की जा रही है। जनपद में दवाओं के साथ ही ऑक्सीजन गैस की भी कमी नहीं होने दी जाएगी, जबकि उनकी ओर से किए गए दावे के अगले दिन ही नजीबाबाद क्षेत्र में ऑक्सीजन गैस की किल्लत दिखायी देने लगी।
“ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति न हो पाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारी से बातचीत की गयी है। जनपद स्तर पर ऑक्सीजन की कमी होने की बात सामने आयी है। इस सम्बन्ध में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक चल रही है। शनिवार तक ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति के मामले में कुछ न कुछ हल निकल आने की उम्मीद बनी हुई है।” राधेश्याम शर्मा, तहसीलदार नजीबाबाद।
Fact Check Viral Message on WhatsApp claiming to change into pink color साइबर विशेषज्ञों ने लिंक के जरिये फोन पर भेजे जा रहे वायरस को लेकर आगाह किया है। इस लिंक में दावा किया जाता है कि वॉट्सऐप गुलाबी रंग (Pink WhatsApp) का हो जाएगा और उसमें नई विशेषताएं (WhatsApp New Features) जुड़ जाएंगी। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार लिंक में दावा किया जाता है कि यह वॉट्सऐप (WhatsApp Updates) की तरह से आधिकारिक अद्यतन के लिये है, लेकिन लिंक पर क्लिक करते ही संबंधित यूजर्स का फोन हैक हो जाएगा और हो सकता है कि वे वॉट्सऐप का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ राजशेखर राजहरिया ने सोशल मीडिया पर लिखा है, ‘‘व्हाट्एसऐप पिंक को लेकर सावधान! एपीके डाउनलोड लिंक के साथ व्हाट्सऐप ग्रुप वायरस फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। व्हाट्सऐप पिंक के नाम से किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करें। लिंक को क्लिक करने पर फोन का उपयोग करना मुश्किल हो जाएगा।’’
साइबर सुरक्षा से जुड़ी कंपनी वोयागेर इनफोसेक के निदेशक जितेन जैन ने कहा कि उपयोगकर्ताओं को यह सलाह दी जाती है कि वे गूगल या एप्पल के ऑधिकारिक ऐप स्टोर के अलावा एपीके या अन्य मोबाइल ऐप को इंस्टॉल नहीं करें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के ऐप से आपके फोन में सेंध लग सकते हैं और फोटो, एसएमएस, संपर्क आदि जैसी सूचनाएं चुरायी जा सकती हैं।
इस बारे में संपर्क किये जाने पर व्हाट्स ऐप के अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर किसी को संदिग्ध संदेश या ई-मेल समेत कोई संदेश आते हैं, उसका जवाब देने से पहले पूरी जांच कर लें और सतर्क रुख अपनाएं। व्हाट्सऐप पर हम लोगों को सुझाव देते हैं कि हमने जो सुविधाएं दी हैं, उसका उपयाग करें और हमें रिपोर्ट भेजे, संपर्क के बारे में जानकारी दें या उसे ब्लॉक करें।’’
मुंबई। वेटरन एक्टर और फिल्मकार ललित बहल का निधन हो गया है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार वो कोविड-19 संबंधित समस्याओं से जूझ रहे थे। 71 वर्षीय ललित बहल को पिछले हफ्ते कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद इलाज के लिए अपोलो हॉस्पिटल ले जाया गया था। उन्हें फेफड़ों में इन्फेक्शन हो गया था, जो तेजी से बढ़ता चला गया। इसी के साथ उनकी पुरानी बीमारियों का भी उनकी सेहत पर काफी असर पड़ा। वो ह्रदय संबंधित रोगों से परेशान थे और उसके बाद उन्हें कोविड-19 संक्रमण भी हुआ।
रंगमंच के एक जाने माने कलाकार, ललित ने बतौर निर्देशक और प्रोड्यूसर अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने दूरदर्शन टेलेफिल्म्स के लिए तपिश, आतिश, सुनहरी जिल्द जैसी शोज बनाए। इसी के साथ उन्होंने टीवी शो ‘अफसाने’ में बतौर एक्टर काम किया। ‘मुक्ति भवन’ में उनके साथ काम करने वाले आदिल हुसैन ने ट्विटर पर उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए लिखा, “मेरे को-एक्टर और सम्मानीय कलाकार के निधन की खबर से बेहद दु:खी हूं। मुक्ति भवन में उन्होंने पिता का किरदार शानदार तरीके से निभाया था! मैं इस नुकसान के लिए बेहद व्यथित हूं।”
जनपद के विभिन्न स्थानों पर कराया सैनिटाइजेशन। उत्तम शुगर मिल बरकातपुर ने रेलवे स्टेशन व बस अड्डे पर कराया छिडक़ाव। पुलिस अधीक्षक समेत कई अधिकारियों के परिसरों में भी कराया गया सैनिटाइजेशन।
बिजनौर। उत्तम शुगर मिल्स लि. बरकतपुर की ओर से कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जनपद के विभिन्न उच्चाधिकारियों के कार्यालयों, रेलवे स्टेशन व रोडवेज बस स्टैन्ड परिसरों में सैनिटाइजर का छिडक़ाव कराया गया। बुधवार को उत्तम शुगर मिल बरकातपुर की ओर से कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए चीनी मिल में ही तैयार किए गए सैनिटाइजर से पुलिस अधीक्षक कार्यालय, पंडित दीन दयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय, रेलवे स्टेशन, रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म, राजकीय रेलवे पुलिस चौकी, सहायक चीनी आयुक्त कार्यालय, अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग कार्यालय, उत्तर प्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम के बस अड्डे, कलक्ट्रेट, गन्ना समिति, गन्ना परिषद, पुलिस लाइन आदि के परिसरों में मिल के ट्रैक्टर से जुड़े टैंकर के माध्यम से सैनिटाइजेशन कराया गया।
मिल के महाप्रबन्धक (गन्ना) विश्वासराज सिंह ने बताया कि बरकातपुर मिल की ओर से गत वर्ष भी चीनी मिल क्षेत्र के लगभग 150 गांवों में और बिजनौर, चन्दक, नजीबाबाद, किरतपुर एवं मण्डावर आदि क्षेत्रों के सार्वजनिक स्थानों पर सेनिटाईजेशन का कार्य कराकर समाज में अपना योगदान दिया जा चुका है। उनकी मिल समय-समय पर सामाजिक उत्थान के कार्य करती रहती है। समाज को कोरोना से बचाने के लिए एक बार फिर मिल कोरोना वारियर्स के रूप में आगे बढकर कार्य कर रही है। उत्तम शुगर मिल्स लि. बरकातपुर के संयुक्त अध्यक्ष नरपत सिंह राठौर ने बताया कि उनकी ओर से कृषकों, मजदूरों तथा कर्मचारियों को कोरोना से बचने के लिए समय-समय पर मास्क का वितरण किया जा रहा है। मिल में प्रवेश के समय प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्केनर से जांच की जा रही है। साथ ही साथ सेनिटाइजर टनल से होकर गुजरने के बाद ही मिल में प्रवेश दिया जा रहा है। मिल यार्ड, कांटों, टोकन, बुग्गी, ट्राली, ट्रक आदि का भी सेनिटाइजेशन किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि सभी लोग मिलकर ही कोरोना को हरायेंगे।
लॉस आल्टोस। सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी एडोब (Adobe) के सह-संस्थापक और ‘पोर्टेबल डॉक्यूमेंट फॉर्मट’ (PDF) तकनीक का विकास करने वाले चार्ल्स चक गेश्की का निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। एडोब कंपनी के अनुसार गेश्की का शुक्रवार को निधन हो गया। वह सैन फ्रांसिस्को बे एरिया के लॉस आल्टोस उपनगर में रहते थे।
एडोब के सीईओ शांतनु नारायण ने कंपनी के कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में लिखा कि यह पूरे एडोब समुदाय और प्रौद्योगिकी जगत के लिए बड़ी क्षति है जिनके लिए वह (गेश्की) दशकों तक मार्गदर्शक और नायक रहे। नारायण ने लिखा कि एडोब के सह-संस्थापक के रूप में चक और जॉन वार्नोक ने एक परिवर्तनकारी सॉफ्टवेयर बनाया था जिसने लोगों के सृजन और संचार के तरीके को बदल दिया।
उन्होंने कहा कि चक ने कंपनी में नवोन्मेष के लिए अथक प्रयास किए और उसके परिणामस्वरूप ही पीडीएफ, एक्रोबेट, इलस्ट्रेटर, प्रीमियर प्रो और फोटोशॉप जैसे बड़े बदलावकारी सॉफ्टवेयर विकसित हुए। गेश्की की पत्नी नैन्सी ने कहा कि उनके पति को अपने परिवार पर गर्व था। साल 2009 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गेश्की और वरनॉक को नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी से नवाजा था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 1992 में गेश्की के अपहरण का प्रयास किया गया था। हालांकि, इसमें वे सुरक्षित रहे थे। दरअसल, काम पर आने के दौरान गेश्की पर दो लोगों ने बंदूक की नोक पर गेश्की को रोका और उन्हें लेकर हॉलिस्टर ले गए। यहां उन्हें 4 दिनों तक रखा। इस मामले में एक संदिग्ध को 6 लाख 50 हजार डॉलर की फिरौती की रकम के साथ पकड़ा था।
न्यूट्रिशन में ग्लोबल लीडर एमवे ने आयुर्वेद पर बड़ा दांव खेला अपने न्यूट्रिशन पोर्टफोलियो को मजबूती प्रदान की; च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट लॉन्च किया
च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट 16 प्रमाणित ऑर्गेनिक तत्वों से मिलकर बना है, जो डीएनए फिंगरप्रिंटेड जड़ी-बूटियों के साथ मान्यताप्राप्त है और इसमें कोई प्रिजर्वेटिव्स भी नहीं हैं। इसी के साथ एमवे का 1000 करोड़ रुपए के च्यवनप्राश बाजार में प्रवेश; लॉन्च के पहले साल में ही प्रीमियम च्यवनप्राश सेगमेंट की 20% बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा करने का लक्ष्य
लखनऊ। देश की अग्रणी एफएमसीजी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों में से एक एमवे इंडिया ने आज अपने प्रमुख ब्रांड न्यूट्रीलाइट के तहत च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट लॉन्च करने की घोषणा की। च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट पोषक तत्वों से भरपूर 32 जड़ी-बूटियों का एक गाढ़ा मिश्रण है, जिसे 16 प्रमाणित कार्बनिक अवयवों के साथ डीएनए फिंगरप्रिंटिंग द्वारा मान्यता प्रदान की गई है, और इसमें कोई प्रिजर्वेटिव्स भी नहीं हैं। पारंपरिक भारतीय रेसिपी से प्रेरित न्यूट्रीलाइट च्यवनप्राश का सूत्रीकरण मुख्य रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, शरीर के कायाकल्प का समर्थन करता है, साथ ही ताकत और आंतरिक बल को बढ़ाता है, इसके अलावा दिन-प्रतिदिन के संक्रमणों से लड़ने में मदद भी करता है। इस लॉन्च के साथ ही एमवे ने च्यवनप्राश सेगमेंट में देश में फलते-फूलते आयुर्वेद बाजार के एक बड़े हिस्से पर कब्जा जमाने की रणनीति के साथ प्रवेश किया।
लॉन्च की घोषणा करते हुए एमवे इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशु बुधराजा ने कहा, “पारंपरिक हर्बल श्रेणी पर विशेष ध्यान देने के साथ विटामिन और डाइटरी सप्लिमेंट्स बाजार में एमवे की शानदार उपस्थिति ने हमें च्यवनप्राश वर्ग में विस्तार करने के लिए स्वाभाविक रूप से विवश कर दिया। सफल विकास प्रक्षेपवक्र और श्रेणी की क्षमता के दम पर हमने पहले वर्ष में प्रीमियम च्यवनप्राश वर्ग की 20% बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा करने का लक्ष्य रखा है। हम पारंपरिक जड़ी-बूटियों की श्रेणी पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने के साथ न्यूट्रिशन श्रेणी में नवाचार करना और इसे मजबूत करना आगे भी जारी रखेंगे। न्यूट्रिशन सेगमेंट में एक वैश्विक अगुवा एमवे लगातार उत्पाद नवाचार और अद्वितीय सीड-टू-सप्लिमेंट प्रक्रिया के माध्यम से स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा के क्षेत्र में अपने नेतृत्व को मजबूत करने के लिए सतत रूप से प्रयासरत है।“
लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए एमवे इंडिया के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट,उत्तर एवम दक्षिण विभाग, उपाध्यक्ष, गुरशरण चीमा ने कहा, “चूंकि लोग न्यूट्रिशन पर ध्यान देने के साथ कल्याण के लिए समग्र दृष्टिकोण को अपना रहे हैं, तो गुणवत्ता वाले पोषण उत्पादों, विशेष रूप से भारतीय पारंपरिक जड़ी-बूटियों से बने न्यूट्रिशन सप्लिमेंट्स की मांग बढ़ रही है। न्यूट्रिशन और कल्याण के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के साथ हमने स्वदेशी तौर पर च्यवनप्राश बाई न्यूट्रिलाइट विकसित किया है। यह पारंपरिक भारतीय ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का सच्चा सम्मिश्रण है। हमारा उत्पाद उ]च्चतम स्तर की शुद्धता, सुरक्षा और सामर्थ्य सुनिश्चित करता है और यह सरल, किंतु जानकारीपूर्ण लेबलिंग के साथ आता है, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर और सूचित विकल्प चुनने में मदद मिलती है। इष्टतम पहुंच सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं को जोड़ने के लिए हम विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर डिजिटल एक्टिवेशंस शुरू कर रहे हैं। पश्चिम विभाग में, हम डायरेक्ट सेलर्स के लिए शैक्षिक सत्रों के साथ लॉन्च का समर्थन करेंगे, साथ ही प्रबुद्ध उपभोक्ताओं पर लक्षित श्रेणी के बारे में जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित मल्टीमीडिया अभियान भी संचालित करेंगे। न्यूट्रीलाइट ब्रांड की मजबूत विरासत और इसकी स्वीकार्यता को देखते हुए हमें विश्वास है कि च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट निश्चित रूप से उपभोक्ताओं का विश्वास जीतने में सफल होगा।”
हर्बल न्यूट्रिशन के प्रदर्शन के बारे में आगे बात करते हुए ॲमवे इंडिया के सीएमओ अजय खन्ना ने कहा, “पारंपरिक सामग्रियों से युक्त हर्बल उत्पादों के प्रति उपभोक्ताओं के झुकाव के अनुरूप एनटीएचआर रेंज ने 2020 में मजबूत दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की है। यह रेंज अंडर-35 आयु वर्ग के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है, जैसा कि हमने पाया है कि एनटीएचआर के अंडर-35 आयु वर्ग के खरीदार 2020 में 35% से बढ़कर 45% तक पहुंच गए, जिससे पारंपरिक जड़ी-बूटियों की न्यूट्रिशन रेंज के लिए उनकी मजबूत प्राथमिकता का पता चलता है। चूंकि इष्टतम पोषण उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता बनी हुई है, ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि एमवे की पारंपरिक जड़ी-बूटियों की रेंज तीन गुना बढ़ेगी, जो कि कुल न्यूट्रिशन रेंज में 20% का योगदान करेगी, जो 2024 तक कुल व्यवसाय का 65% होने का अनुमान है, जिसमें च्यवनप्राश के 2024 तक एनटीएचआर बिक्री के 10% तक पहुंचने की उम्मीद है।”
कंपनी ने 2018 में न्यूट्रीलाइट ट्रेडिशनल हर्ब्स रेंज (एनटीएचआर) के साथ पारंपरिक जड़ी-बूटी पोषण के क्षेत्र में प्रवेश किया। सिर्फ छह उत्पादों के साथ इस रेंज से 2020 में 100 करोड़ रुपए की आय हुई, जिससे एक बड़ी विकास क्षमता का संकेत मिलता है। बाजार की प्रवृत्ति के आधार पर कंपनी पारंपरिक जड़ी-बूटियों की श्रेणी में तेजी लाने के लिए नवाचार में अपनी ज्यादा ऊर्जा लगा रही है, जिससे न्यूट्रिशन श्रेणी के लिए और एमवे के लिए भी विकास में तेजी को सुनिश्चित किया जा सके। च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट पारंपरिक जड़ी-बूटियों की रेंज का नया संस्करण है, जिसके इस रेंज के लिए प्रमुख विकास कारकों में से एक होने की उम्मीद है।
न्यूट्रीलाइट च्यवनप्राश के बारे में • च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट पोषक तत्वों से भरपूर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग द्वारा प्रमाणित 32 जड़ी-बूटियों का एक गाढ़ा सम्मिश्रण है, जो 16 प्रमाणित कार्बनिक अवयवों से बना है, और इसमें किसी भी तरह के प्रिजर्वेटिव्स नहीं हैं। • च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट ECOCERT नेशनल प्रोग्राम फॉर ऑर्गेनिक प्रोडक्शन (एनपीओपी) स्टैंडर्ड के अंतर्गत इकोसर्ट प्रमाणित है, क्योंकि यह 16 ऑर्गेनिक अवयवों से निर्मित है। • उत्पाद में उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटियां वैज्ञानिक अनुसंधान की एक मजबूत विरासत द्वारा समर्थित हैं, जो उच्च स्तर की शुद्धता, सुरक्षा और शक्ति का दावा करती हैं। • आंवला (भारतीय करौदा), जिसे प्रतिरक्षा निर्माण संबंधी गुणों के लिए जाना जाता है, न्यूट्रीलाइट च्यवनप्राश का प्राथमिक घटक है, जो 100% ऑर्गेनिक है, ऐसे ही उत्पाद में प्रयुक्त 15 अन्य ऑर्गेनिक तत्व, जैसे कि गोखरू, गिलोय, शतावरी और अन्य हैं, जो उत्पाद के प्राथमिक भागफल में जुड़े हैं। • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शरीर को नई ऊर्जा प्रदान करने के अलावा न्यूट्रीलाइट च्यवनप्राश श्वसन प्रणाली के सामान्य संक्रमणों और एलर्जी को कम करता है, पाचन, हृदय स्वास्थ्य और स्मृति को बढ़ाता है और इस प्रकार मानवीय मस्तिष्क और शरीर के समग्र स्वास्थ्य में योगदान देता है।
वर्तमान में यह उत्पाद प्रति 500 ग्राम पैक के लिए 499 रुपए की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया गया है। इस उत्पाद को पूरे भारत में एमवे डायरेक्ट सेलर्स द्वारा विशेष रूप से बेचा जाएगा। और अधिक जानने के लिए कंपनी की वेबसाइट http://www.amway.in पर विजिट करें।
खनन सामग्री लदेे दो वाहन सीज, मंडी समिति में खड़े कराए एसडीएम को कागजात नहीं दिखा पाए वाहन चालक
बिजनौर। उपजिलाधिकारी नजीबाबाद ने राष्ट्रीय राजमार्ग-119 पर ओवरलोड खनन सामग्री लादकर दौड़ रहे हो वाहनों को रोककर जांच पड़ताल की। जांच में चालक खनन सामग्री से सम्बन्धित कागजात नहीं दिखा पाए। इस पर दोनों वाहनों को सीज कर कृषि उत्पादन मंडी समिति परिसर में खड़ा करा दिया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-119 पर उपजिलाधिकारी परमानंद झा ने नजीबाबाद-किरतपुर के बीच खनन सामग्री लादकर दौड़ रहे वाहनों पर छापामारी करते हुए उन्हें रोक लिया। एसडीएम ने वाहन संख्या यूके 15 सीए-1131 में रेत तथा यूपी 20 एटी-7386 में आरबीएम भरा हुआ पाया। एसडीएम ने चालकों मोहम्मद कासिम आदि से खनन सामग्री से सम्बन्धित दस्तावेज दिखाने को कहा, जिस पर वे बगले झांकने लगे। मांगे जाने पर कोई भी कागजात न दिखा पाने पर एसडीएम ने खनन से लदे दोनों वाहनों को सीज कर दिया। चालकों ने उपजिलाधिकारी को पूछताछ में बताया कि वे आज तक बिना कागजों के ही खनन सामग्री ले जाते रहे हैं। उधर वाहनों में भरी खनन सामग्री जांच में ओवरलोड भरी होना भी पाई गई। एसडीएम परमानंद झा ने बताया कि उन्होंने दोनों खनन वाहनों को सीज कर कृषि उत्पादन मंडी समिति परिसर में खड़ा करा दिया और उसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को कार्यवाही के लिए भेज दी है।
निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर रहे एलआईसी कर्मचारी कार्यालय का कामकाज ठप होने से बैरंग लौटे ग्राहक
बिजनौर। आल इंडिया इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन के राष्ट्रीय आह्वान पर निजीकरण प्रयासों का विरोध करते हुए भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारी कामकाज से विरत रहे। कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। नजीबाबाद में गुरुवार को मेरठ डिवीजन इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन के शाखा अध्यक्ष ज्ञानदेव वर्मा, मंत्री रोहित कुमार के नेतृत्व में कर्मचारियों ने आल इंडिया इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन के राष्ट्रीय आह्वान पर हड़ताल की। हड़ताल पर रहे भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारियों ने एलआईसी शाखा पर कामकाज से दूरी बनाए रखी। शाखा अध्यक्ष ज्ञानदेव वर्मा ने कहा कि बीमा कर्मचारी जिन मांगों को लेकर विरोध आंदोलन चला रहे हैं, उनमें आईपीओ और 74 प्रतिशत एफडीआई के विरोध के साथ वेज रिविजन की मांगें शामिल हैं। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी की। प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने कार्यालय कर्मचारी कपिल कुमार के पिता के निधन पर संवेदना व्यक्त किया।
धामपुर में एलआईसी कर्मचारियों ने क्षत्रिय नगर स्थित कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। शाखा सचिव मोहित ने कहा कि देश भर में एलआईसी के 40 करोड़ से अधिक पॉलिसी धारक हैं। एलआईसी सरकार की पंचवर्षीय योजना में योगदान करती है। सन 1956 में 245 निजी कंपनियों को लेकर तत्कालीन सरकारों ने एलआईसी का 1956 से राष्ट्रीयकरण किया। अब देश भर के करोड़ों बीमा धारकों के हितों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने सरकार से देश के सर्वाधिक सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण एवं एफडीआई तत्काल वापस लिए जाने की मांग उठाई। प्रदर्शन करने वालों में नरेश वत्स, सुनील दिनेश, राकेश, विवेक, राजेंद्र, कुलवीर, विनीत, विकास, इंद्रजीत आदि शामिल रहे।
अपने सभी कर्मचारियों का वैक्सीनेशन खर्च वहन करेगाएचडीएफसी बैंक 1 लाख से अधिक कर्मचारियों को कवर किया जाएगा इस अभियान में कर्मचारियों के आश्रित परिवार के सदस्यों को भी टीकाकरण की सुविधा मिलेगी
लखनऊ। एचडीएफसी बैंक ने घोषणा की है कि वह बैंक के 1 लाख से अधिक कर्मचारियों और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को कोरोनो वायरस से प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने के लिए टीकाकरण का खर्च वहन करेगा। बैंक दो अनिवार्य वैक्सीनेशन के लिए आने वाली लागत राशि की प्रतिपूर्ति करेगा। इस नई पहल के बारे में बात करते हुए, विनय राजदान, समूह प्रमुख-एचआर, एचडीएफसी बैंक ने कहा कि हमने लगातार इस पूरे दौर में अपने कार्यालयों और बैंक शाखाओं में अपने कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी अनिवार्य दिशानिर्देशों का पालन किया है। हमारे कर्मचारियों ने लाखों ग्राहकों की सेवा करने के लिए अनुकरणीय दृढ़ता, व्यावसायिकता और समर्पण दिखाया है। हमारे कर्मचारियों और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों के लिए टीकाकरण की लागत को वहन करना हमारे कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए संगठन की ओर से एक छोटा सा प्रयास है। सुश्री आशिमा भट्ट, समूह प्रमुख, एचडीएफसी बैंक ने कहा कि हमारे लिए, हमारे कर्मचारी फ्रंट-लाइन वर्कर्स की तरह ही हैं, जिन्होंने सुनिश्चित किया कि लॉकडाउन के दौरान भी ग्राहकों के लिए बैंकिंग जैसी आवश्यक सेवा निरंतर उपलब्ध रहें। और हम उनके समर्पण के लिए उनके दिल से शुक्रगुजार हैं। उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे कर्मचारी और उनके आश्रित परिवार के सदस्य कोविड 19 से सुरक्षा के लिए वैक्सीन का सुरक्षा चक्र प्राप्त करें। एचडीएफसी बैंक ने प्रमुख स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और मेडिकल चिकित्सकों के साथ टाई-अप के माध्यम से, लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए कई उपायों को लागू किया। शाखाओं और कार्यालयों में कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाए रखने के अलावा, बैंक ने विभिन्न ऑनलाइन पहलों के माध्यम से अपने कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों की मानसिक तौर पर भी स्वस्थता सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया।
खुशी रेडीमेड लेडीज गारमेंट्स का शुभारंभ, बेहतरीन वस्त्रों की रेंज से सुसज्जित है खुशी रेडीमेड लेडीज गारमेंट्स,
बिजनौर। जिला मुख्यालय स्थित पॉश कॉलोनी आवास विकास में महिलाओं के लिए बेहतरीन वस्त्रों की रेंज से सुसज्जित खुशी रेडीमेड लेडीज गारमेंट्स का शुभारंभ हो गया है। दुकान का शुभारंभ वैदिक रीति से किया गया। इस दौरान काफी संख्या में संभ्रांत नागरिक उपस्थित रहे।
शुभारंभ अवसर पर दुकान में आर्य समाज के पंडित राजपाल आर्य द्वारा वैदिक रीति से यज्ञ किया गया। उसके बाद ग्राहकों के लिए दुकान को खोला गया। दुकान का शुभारंभ समाजसेवी रश्मि गुप्ता ने फीता काटकर किया।
खुशी लेडीज गारमेंट्स की स्वामिनी पवित्रा देवी उपाध्याय ने बताया कि हमारे यहां लेडीज की जीन्स, टॉप, प्लाजो, लैगी, कुर्ती,लोवर व गाउन आदि महिलाओं व लड़कियों के कपड़ों की विस्तृत रेंज उचित दाम पर उपलब्ध रहेगी।
इस मौके पर अरुण कुमार उपाध्याय, सहदेव उपाध्याय, शिवम उपाध्याय, कंचन शर्मा, सर्वजीत त्यागी, सुनील शर्मा, गौरव शर्मा, नरेश वर्मा, अवधेश चौधरी, नईम, तारिम आदि उपस्थित रहे।
स्पेक्ट्रम नीलामी संपन्न, उम्मीद से बेहतर रही नीलामी
स्पेक्ट्रम के लिए कुल 77,814.80 करोड़ रुपये की बोली प्राप्त हुई
अधिग्रहित किए गए कुल 855.60 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के उपयोग का अधिकार दिया गया
दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के नेटवर्क में अधिग्रहित किए गए अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के शामिल होने से सेवा गुणवत्ता और ग्राहक अनुभव में सुधार की उम्मीद
नई दिल्ली। स्पेक्ट्रम नीलामी 2021 के दूसरे और समापन दिवस के अवसर पर संचार मंत्रालय में दूरसंचार विभाग के सचिव श्री अंशु प्रकाश ने कहा कि, “जिस स्पेक्ट्रम को हासिल करने के लिए बोली लगाई जा रही है, उसका मूल्य 77,814.80 करोड़ रुपये है। इसलिए आज 668.20करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी के साथ बोली लगाई गई।” 01 मार्च 2021 को शुरू हुई नीलामी 6 राउंड की बोली के बाद आज दोपहर 12.45 बजे संपन्न हुई। यह ई-नीलामी साइमल्टेनियस मल्टीपल राउंड एसेंडिंग ऑक्शन (एसएमआरए) पद्धति पर आधारित थी।
श्री अंशु प्रकाश ने बताया कि स्पेक्ट्रम के लिए 800 मेगाहर्ट्ज, 900मेगाहर्ट्ज, 1800मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड श्रेणी में बोली लगाई गई। स्पेक्ट्रम की कुल मात्रा 855.60 मेगाहर्ट्ज है, जिसके लिए इन बैंड श्रेणी में उपयोग के अधिकार दिए जाने हैं। 700 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड श्रेणी में किसी भी प्रतिभागी ने बोली नहीं लगाई। 01 मार्च 2021 को 4 राउंड की नीलामी (80% और 90% की निर्धारित गतिविधि के साथ प्रत्येक स्तर में 2 बोली) संपन्न हुई। 100% की निर्धारित गतिविधि स्तर के साथ 2 राउंड की नीलामी आज संपन्न हुई।
तीन बोलीदाता – भारती एयरटेल लिमिटेड, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड और रिलाइंस जियोइंफोकॉम लिमिटेड ने नीलामी में भाग लिया।
बोलीदाता के अनुसार अधिग्रहित किए गए स्पेक्ट्रम की मात्रा और देय राशि का विवरण- बोलीदाता, कुल मात्रा (मेगाहर्ट्ज़), कुल राशि (करोड़ में)
भारती एयरटेल लिमिडेट, 355.45, 18,698.75
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड, 11.80, 1,993.40
रिलाइंस जियोइंफोकॉम लिमिटेड, 488.35, 57,122.65
स्पेक्ट्रम की कुल 2308.80 मेगाहर्ट्ज़ मात्रा की नीलामी की गई, इसमें वो स्पेक्ट्रम भी शामिल है, जिसकी मियाद दिसंबर 2021 में समाप्त हो रही है। नीलामी में शामिल स्पेक्ट्रम की कुल मात्रा में से 855.60 मेगाहर्ट्ज़ स्पेक्ट्रम के लिए बोलियाँ प्राप्त हुईं। जिन स्पेक्ट्रम के लिए बोली प्राप्त हुईं, वे 700 मेगाहर्ट्ज़ और 2500 मेगाहर्ट्ज़ को छोड़कर नीलामी में शामिल कुल स्पेक्ट्रम का करीब 60 प्रतिशत है। वर्ष 2016 में स्पेक्ट्रम की नीलामी के दौरान कुल 7 बोलीदाताओं ने बोली लगाई थी। इस दौरान मात्रा के हिसाब से नीलामी में शामिल कुल स्पेक्ट्रम के 41 प्रतिशत और कीमत के हिसाब से 12 प्रतिशत की बिक्री हुई थी। वहीं 2021 के स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान यह आंकड़ा मात्रा के हिसाब से 37 प्रतिशत और कीमत के हिसाब से 19 प्रतिशत है। साथ ही इस बार कुल 3 बोलीदाताओं ने नीलामी के दौरान बोली लगाई। इस नीलामी में अधिग्रहित किए गए स्पेक्ट्रम के लिए लाइसेंसधारी को अपने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के 3% की दर से स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) देना होगा। हालाँकि इसमें वायरलाइन सेवाओं से प्राप्त राजस्व शामिल नहीं है।
नीलामी की प्रक्रिया संपन्न हो गई है। नीलामी के प्रोविज़नल परिणाम सरकार द्वारा जांच और अनुमोदन के अधीन हैं।
नीलामी के दौरान दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के नेटवर्क में अधिग्रहित किए गए अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के शामिल होने से देशभर में सेवा गुणवत्ता और ग्राहक अनुभव में सुधार की उम्मीदहै।
Reliance Jio का नया धमाका, 749 रुपये में साल भर तक अनलिमिटेड कॉल और डेटा
रिलायंस जियो ने Jio Phone ग्राहकों के लिए NEW JioPhone 2021 ऑफर लॉन्च किया है। इस प्लान की शुरुआती कीमत 749 रुपये है।
जियोफोन ग्राहक 1,999 रुपये में 2 साल तक अनलिमिटेड सर्विस का फायदा ले सकेंगे 1,499 रुपये में नए जियो फोन ग्राहक 1 साल तक अनलिमिटेड सर्विस ले पाएंगे मौजूद जियोफोन ग्राहकों को 1 साल की अनलिमिटेड सर्विस के लिए 749 रुपये देने होंगे
नई दिल्ली। रिलायंस जियो ने एक बार फिर अपने फीचर फोन ग्राहकों के लिए नए ऑफर का ऐलान कर दिया है। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली Jio अब THE NEW JIOPHONE 2021 OFFER लेकर आई है। कंपनी ने एक रिलीज भेजकर यह जानकारी साझा की। द न्यू जियोफोन 2021 ऑफर का फायदा देशभर में 1 मार्च से लिया जा सकेगा। यह ऑफर देशभर के रिलायंस रिटेल और जियो रिटेलर्स के पास उपलब्ध होगा। आइये आपको बताते हैं JioPhone यूजर्स के लिए खासतौर पर पेश किए गए इस किफायती प्लान के बारे में सबकुछ…
जियो का कहना है कि कंपनी ने ‘2G मुक्त भारत’ अभियान में तेजी लाने के इरादे से नया किफायती ऑफर पेश किया है। गौर करने वाली बात है कि देशभर में 10 करोड़ से ज्यादा लोग जियोफोन का इस्तेमाल करते हैं। इस लिहाज से देखें तो जियो के इस नए ऑफर का फायदा करोड़ों जियो ग्राहकों को मिलेगा।
1. नए यूजर्स 1,999 रुपये की कीमत अदा करने पर जियोफोन डिवाइस के साथ ही 24 महीनों यानी 2 साल के लिए अनलिमिटेड सर्विस का मजा ले सकेंगे। इस ऑफर के तहत ग्राहक अनलिमिटेड वॉइस कॉल, अनलिमिटेड डेटा (हर महीने 2GB हाई-स्पीड डेटा) इस्तेमाल कर पाएंगे। कंपनी का कहना है कि इस ऑफर के साथ ग्राहकों को 2 साल तक रिचार्ज करने की जरूरत नहीं होगी।
2. इसके अलावा अगर 1,499 रुपये खर्च करना चाहते हैं तो आपको जियोफोन डिवाइस और 12 महीने के लिए अनलिमिटेड सर्विसेज़ मिलेंगी। 1,499 रुपये खर्च कर यूजर्स अनलिमिटेड वॉइस कॉल, अनलिमिटेड डेटा (2GB हाई स्पीड डेटा हर महीने) का फायदा ले सकेंगे। यानी आपको 1 साल तक रिचार्ज नहीं करना होगा और आप फोन इस्तेमाल कर पाएंगे।
जियो ने नए जियोफोन यूजर्स के अलावा मौजूदा जियोफोन यूजर्स के लिए भी नया ऑफर पेश किया है। इस ऑफर की कीमत 749 रुपये है। अगर आपके जियोफोन के मौजूदा ग्राहक हैं तो आप 749 रुपये खर्च करके 1 साल यानी 12 महीनों तक अनलिमिटेड सर्विस का फायदा ले सकते हैं। इस ऑफर के तहत ग्राहक अनलिमिटेड वॉइस कॉल, अनलिमिटेड डेटा (2GB हाई-स्पीड डेटा हर महीने) का फायदा ले सकेंगे। यानी 1 साल तक रिचार्ज की छुट्टी। इस ऑफर का फायदा 1 मार्च से लिया जा सकता है।
जियो ने जुलाई,2017 में अपना पहला 4G फीचर फोन लॉन्च किया था। यह फोन KaiOS पर चलता है। हैंडसेट में 2.4 इंच डिस्प्ले, 2 मेगापिक्सल रियर और 0.3 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा दिया गया है। इसके अलावा जियो के इस फोन में वॉट्सऐप और यूट्यूब जैसे ऐप्स भी सपॉर्ट करते हैं।
ईपीएफओ ने जारी किए पेरोल आंकड़े, चालू वित्त वर्ष (अप्रैल से नवंबर, 2020 तक) लगभग 45.29 लाख नए सदस्य जोड़े
नई दिल्ली। ईपीएफओ ने 20 जनवरी को, अनंतिम पेरोल आंकड़े जारी किए हैं। इसके अंतर्गत नवंबर, 2020 के माह में ईपीएफओ के साथ 10.11 लाख नए सदस्य जुड़ गए हैं। कोविड-19 महामारी होने के बावजूद, ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष (अप्रैल से नवंबर, 2020 तक) लगभग 45.29 लाख नए सदस्य जोड़े हैं। प्रकाशित किए गए आंकड़ों में उन सभी नए सदस्यों को भी शामिल किया गया है जो इस माह के दौरान शामिल हुए हैं और जिनका योगदान प्राप्त हो चुका है। नवंबर, 2020 माह में, लगभग 6.41 लाख नए सदस्य ईपीएफओ में शामिल हुए हैं। लगभग 3.70 लाख कुल सदस्य बाहर निकल गए और फिर ईपीएफओ से जुड़ गए, जो ईपीएफओ द्वारा कवर किए गए प्रतिष्ठानों के अंदर सदस्यों द्वारा नौकरियों की अदला-बदली का संकेत देते हैं और सदस्यों द्वारा अंतिम निपटारा का विकल्प चुनने के बजाय फंड के हस्तांतरण के माध्यम से अपनी सदस्यता बरकरार रखने की पुष्टि करते हैं। बाहर निकलने वाले सदस्यों का फिर से इसमें वापस आना इस बात का भी संकेत देता है कि भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों में हो रही गिरावट के साथ ही सदस्य अपनी नौकरी पर वापस लौट रहे हैं। अगर उम्र के आधार पर नए सदस्यों का विश्लेषण किया जाये तो नवंबर 2020 माह में सबसे ज्यादा जुड़ने वाले नए सदस्य 22-25 वर्ष के हैं, जिसकी संख्या 2.72 लाख है। उसके बाद 18-21 वर्ष के लोग हैं जिनकी संख्या 2,21 लाख है। 18-25 आयु वर्ग के सदस्यों को श्रम बाजार में नए रोजगार के रूप में देखा जा सकता है और नवंबर, 2020 में इन नए सदस्यों द्वारा लगभग 48.72 प्रतिशत का योगदान दिया गया है।
राज्यों के पेरोल आंकड़ों की तुलना करने से पता चलता है कि महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक रोजगार रिकवरी चक्र में सबसे आगे बने हुए हैं और इन राज्यों में वित्त वर्ष 2020-21 (अप्रैल से नवंबर, 2020 तक) के दौरान सभी उम्र के लोगों के आधार पर नए सदस्यों की संख्या में 53 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। विशेषज्ञ सेवा श्रेणी में उद्योग का श्रेणीवार विश्लेषण करने से पता चलता है कि (जिसमें मुख्य रूप से मैनपावर एजेंसियां, निजी सुरक्षा एजेंसियां और छोटे ठेकेदार शामिल हैं) सभी आयु समूहों में चालू वित्त वर्ष के दौरान 23.45 लाख की संख्या में संयुक्त पेरोल में योगदान करके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी अवधि के लिए यह शीर्ष दस उद्योग श्रेणियों के लिए शुद्ध नए पेरोल का लगभग 60 प्रतिशत हैं। हालांकि, बिल्डिंग और निर्माण उद्योग, इंजीनियर और इंजीनियरिंग कांट्रैक्टर क्षेत्र, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल या जनरल इंजीनियरिंग उत्पाद जैसे अन्य उद्योगों के प्रदर्शन का वर्गीकरण करने से पता चलता है कि अन्य क्षेत्रों में भी रिकवरी शुरू हो चुकी है।
महिलाओं की कुल संख्या 1.43 लाख- नवंबर 2020 माह के लिए, लिंग-वार विश्लेषण करने से पता चलता है कि नए सदस्यों में महिलाओं की हिस्सेदारी अक्टूबर, 2020 में 21.64 प्रतिशत और नवंबर, 2020 में 22.40 प्रतिशत हो गई है। नवंबर, 2020 माह में ईपीएफ योजना में कुल 6.41 लाख शुद्ध सदस्य शामिल हुए, जिनमें महिलाओं की कुल संख्या 1.43 लाख है। ईपीएफओ, एक सामाजिक सुरक्षा संगठन के रूप में अपनी अवधारणा की पुष्टि करता है, जिसका उद्देश्य सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करना है और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से अपने हितधारकों को निर्बाध और निरंतर सेवाओं का वितरण सुनिश्चित करना है। पेरोल के यह आंकडे अनंतिम है क्योंकि कर्मचारियों के रिकॉर्ड को अपडेट करना एक निरंतर होने वाली प्रक्रिया है और इसलिए इन्हें प्रत्येक माह के आधार पर अपडेट किया जाता है।
निरीक्षण दलों ने धूल और उससे होने वाले वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए नियमों का अनुपालन न करने वाली एजेंसियों पर लगभग 76 लाख रुपये का शुल्क लगाया। 27 स्थानों पर काम रोकने के आदेश दिए गए। दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 31 दिसंबर 2020 से 15 जनवरी 2021 के बीच निरीक्षण अभियान चलाया गया
नई दिल्ली। निर्माण व विध्वंस गतिविधियों से निकलने वाली धूल और उससे होने वाले वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार सख्त हो गई है। इस उद्देश्य से दिल्ली-एनसीआर एवं आसपास के क्षेत्रों के लिए गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को विशेष टीमों का गठन करने का निर्देश दिया गया। इसी के साथ परियोजना से जुड़े परिसरों के साथ-साथ एनसीआर में निर्माण व विध्वंस (सीएंडडी) गतिविधियों से संबंधित सामग्री की ढुलाई का निरीक्षण करने का अभियान शुरू करने का भी निर्देश दिया। इसके अनुपालन में 1600 से भी अधिक सीएंडडी स्थलों पर लगभग 174 टीमों का गठन करके इन एजेंसियों द्वारा 31.12.2020 से 15.01.2021 तक निरीक्षण किया गया। इनमें से लगभग 119 स्थलों पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित विभिन्न सीएंडडी अपशिष्ट प्रबंधन नियमों/दिशा-निर्देशों और धूल शमन उपायों का अनुपालन न करते हुए पाया गया। इसमें दोषी पाई गई एजेंसियों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति प्रभार के रूप में लगभग 51 लाख रुपये का शुल्क लगाया गया। इसके अलावा 27 स्थानों पर काम रोकने के आदेश दिए गए। निरीक्षण दलों ने सीएंडडी गतिविधियों से संबंधित सामग्री की ढुलाई के संबंध में भी नियम अनुपालन की जांच की। सीएंडडी सामग्री की ढुलाई से संबंधित दिशा-निर्देशों का अनुपालन न करने वाले लगभग 563 वाहनों पर लगभग 25 लाख रुपये का पर्यावरण क्षतिपूर्ति प्रभार या शुल्क लगाया गया। सीएक्यूएम ने सीएंडडी क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले धूल प्रदूषण में कमी लाने हेतु सीएंडडी अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और संबंधित दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए राज्य प्रदूषण बोर्डों से कहा है कि वे इस तरह के पाक्षिक अभियान को निरंतर जारी रखें। सीएंडडी क्षेत्र से होने वाले धूल प्रदूषण के कारण ही इस क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता निरंतर बिगड़ती जा रही है। ***
12 घंटे करना होगा दफ्तर का काम ! 1 अप्रैल से बदल जाएंगे नियम
नई दिल्ली। वर्ष 2020 में संसद में पारित तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल) इस साल 1 अप्रैल से लागू होने की संभावना है। इसके तहत आपकी ग्रेच्युटी, पीएफ और काम के घंटों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। कर्मचारियों को ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (पीएफ) मद में बढ़ोतरी होगी। वहीं, हाथ में आने वाला पैसा (टेक होम सैलरी) घटेगा और कंपिनयों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होगी।
नई परिभाषा- वेज यानी मजदूरी की नई परिभाषा के तहत भत्ते कुल सैलेरी के अधिकतम 50 फीसदी होंगे। इसका मतलब है कि मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) अप्रैल से कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए। बताया जा रहा है कि देश के 73 साल के इतिहास में पहली बार इस प्रकार से श्रम कानून में बदलाव किए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि ये नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
नए ड्राफ्ट कानून में कामकाज के समय सीमा को 8 घंटे से बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव है। इसके लागू होने के बाद दफ्तर में आपको ज्यादा काम करना होगा यानि की 12 घंटे काम करना होगा। हालांकि, ओएसच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। इसके अलावा इस नए नियम में कर्मचारी से लगातार 5 घंटे से ज्यादा काम कराने पर भी रोक लगाया गया है। इसका मतलब ही कि हर पांच घंटे काम करने के बाद कर्मचारियों को आधा घंटे का आराम देने का निर्देश भी इस ड्राफ्ट नियम में शामिल है। रिटायरमेंट के बाद आपको मिलने वाली राशि में बदलाव आएगा अगर ग्रेच्युटी और पीएफ में योगदान बढ़ता है तो रिटायरमेंट के बाद आपको मिलने वाली राशि में भी इजाफा होगा। पीएम और ग्रेच्युटी बढ़ेगी तो कंपनियों की लागत भी बढ़ेगी। कंपनियों को कर्मचारियों के पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा। इसका असर कंपनियों की बैलेंस शीट पर भी नजर आएगा।
Swiggy समेत 20 कंपनियों को मिली मंजूरी Pizza से लेकर Vaccine तक की ड्रोन से होगी Delivery
नई दिल्ली (धारा न्यूज): नागरिक विमानन मंत्रालय ने 7 और कंपनियों को ड्रोन की लंबी अवधि की उड़ानों के प्रयोग करने की इजाजत दे दी है, जिसमें फूड डिलीवरी कंपनी Swiggy भी शामिल है। इसी के साथ ऐसी कंपनियों की संख्या 20 हो गई है। आज लगभग हर काम टेक्नोलॉजी के सहारे हो रहा है। वह दिन भी दूर नहीं जब ड्रोन के जरिये जरूरी सामानों को मीलों दूर तक पहुंचाया जाएगा। मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में पिज्जा (Pizza) से लेकर वैक्सीन (Vaccine) तक की डिलीवरी ड्रोन के जरिये होगी। ऐसा इसलिए संभव लग रहा है क्योंकि हाल ही में नागरिक विमानन मंत्रालय ने 7 और कंपनियों को ड्रोन की लंबी अवधि की उड़ानों के प्रयोग करने की अनुमति दे दी है, इसमें फूड डिलीवरी कंपनी Swiggy भी शामिल है। स्विगी, Skylark के साथ मिलकर इस पर प्रयोग कर रही है। मारूत ड्रोनटेक तेलंगाना सरकार के साथ मेडिकल सप्लाई डिलिवरी पर काम कर रही है। कोरोना के दौरान इस कंपनी ने काफी काम किया। इसके करीब 52 ड्रोन काम में लगे हैं। मारूत ड्रोनटेक ने वैक्सीन की सप्लाई के लिए इच्छा जताई है। इसके अलावा AutoMicroUAS, Centillion Networks, Terradrone, Virginatech को भी BVLOS की इजाजत मिली है।
पिछले साल 13 कंपनियों को मिली थी मंजूरी-बताया गया है कि पिछले साल 13 कंपनियों को ड्रोन से सप्लाई की मंजूरी मिली थी। इन कंपनियों के पहले स्पाइसजेट (SpiceJet) के डिलीवरी विंग SpiceXpress को पहले ही DGCA द्वारा मंजूरी दे दी गई थी। इसके साथ ही अब तक कुल 20 कंपनियों को इस तरह की इजाजत मिल चुकी है। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने किफायती विमान कंपनी स्पाइसजेट की कार्गो ईकाई SpiceXpress को ड्रोन के जरिये ई-कॉमर्स पार्सल डिलीवरी की अनुमति मई में दे दी थी। DGCA द्वारा दी गई इस मंजूरी के बाद अब स्पासजेट ड्रोन की मदद से ई-कॉमर्स पार्सल, मेडिकल, फार्मा और अन्य जरूरी वस्तुओं की सप्लाई कर सकेगा।
गुणवत्तापूर्ण उत्पादों और दिलों को जीतने पर हो जोर: मोदी आकार और मानकों के दोहरे सिद्धांतों पर निर्भर है आत्मनिर्भर भारत
नई दिल्ली (धारा न्यूज़): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत, गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनाने और वैश्विक स्तर पर उनकी व्यापक स्वीकार्यता सुनिश्चित करने से जुड़े कुछ विचार लिंक्डइन पर साझा किए हैं।
“कुछ दिन पहले, मैं मैट्रोलॉजी (मापविद्या) पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहा था। भले ही इस पर व्यापक स्तर पर चर्चा नहीं की जाती है, इसके बावजूद यह एक महत्वपूर्ण विषय है। मेरे संबोधन के दौरान, कुछ विषयों में से एक ने मुझे खासा प्रभावित किया। वह यह था कि कैसे मैट्रोलॉजी या माप का अध्ययन आत्मनिर्भर भारत और हमारे उद्यमियों की आर्थिक संपन्नता में योगदान कर सकता है। भारत कौशल और प्रतिभा का एक बड़ा केंद्र है। हमारे स्टार्ट-अप उद्योग की सफलता से हमारे युवाओं के कुछ नया करने के प्रति उत्साह का पता चलता है। नए उत्पाद और सेवाएं तेजी से सामने आ रही हैं। घरेलू और वैश्विक दोनों स्तर पर बाजार में व्यापक संभावनाएं भी हैं। दुनिया आज सस्ते, टिकाऊ और प्रयोग करने योग्य उत्पादों की खोज में लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत आकार और मानकों के दोहरे सिद्धांतों पर निर्भर है। हम ज्यादा निर्माण करना चाहते हैं। इसके साथ ही हम ऐसे उत्पाद बनाना चाहते हैं, जो अच्छी गुणवत्ता वाले हों। भारत सिर्फ अपने उत्पादों से वैश्विक बाजारों को भरना नहीं चाहता है। हम चाहते हैं कि भारतीय उत्पाद दुनिया भर के लोगों के दिलों को जीतें। जब हम ‘मेक इन इंडिया’ की बात करते हैं तो हमारा लक्ष्य सिर्फ वैश्विक मांग को पूरा करना ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्वीकार्यता हासिल करना भी होता है। मैं आप सभी से आपके द्वारा निर्मित किसी भी उत्पाद या सेवा में ‘जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट’ को ध्यान में रखने का आह्वान करता हूं।
उद्योगपतियों, व्यावसायिक प्रतिनिधियों, स्टार्टअप क्षेत्र से जुड़े युवाओं और पेशेवरों के साथ अपने संवाद के दौरान, मैं देख सकता हूं कि इसको लेकर वे पहले से ही काफी सचेत हैं। आज, दुनिया हमारा बाजार है। भारत के लोगों में क्षमता है। एक राष्ट्र के रूप में दुनिया भारत पर एक विश्वसनीय राष्ट्र के रूप में भरोसा करती है।
हमारे लोगों की क्षमता और राष्ट्र की विश्वसनीयता के साथ शीर्ष गुणवत्ता वाले भारतीय उत्पादों की पहुंच व्यापक होगी। यह ‘आत्मनिर्भर भारत- वैश्विक संपन्नता को बढ़ाने वाला बल’ की लोकनीति के प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
A few thoughts on Aatmanirbhar Bharat and how it is as much about scale and standards.
We want Indian products to be accepted and admired worldwide.
नए पारिश्रमिक नियम के तहत प्रावधान, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी होंगे प्रभावित
अप्रैल से घट सकती है आपकी टेक-होम सैलरी
सरकार ने नए पारिश्रमिक नियम के तहत जिन ड्राफ्ट नियमों की अधिसूचना जारी की है, उसके तहत कंपनियों को अपने सैलरी पैकेज के स्ट्रक्चर में बदलाव लाना पड़ेगा। ये नए नियम Code on Wages, 2019 के तहत आते हैं, जो संभवत: इस साल अप्रैल से प्रभावी होने वाला है।
नई दिल्ली (धारा न्यूज़): अगले वित्त वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल, 2021 से कर्मचारियों की इन-हैंड या टेक-होम सैलरी (Take-Home Salary) के कंपोनेंट या स्ट्रक्चर (Salary Structure) में बदलाव किए जा सकते हैं, जिससे आपकी टेक होम सैलरी कम हो सकती है। सरकार ने नए पारिश्रमिक नियम के तहत जिन ड्राफ्ट नियमों की अधिसूचना जारी की है, उसके तहत कंपनियों को अपने सैलरी पैकेज के स्ट्रक्चर में बदलाव लाना पड़ेगा। ये नए नियम Code on Wages, 2019 के तहत आते हैं, जो संभवत: इस साल अप्रैल से प्रभावी होने वाला है। नए नियमों के तहत allowance component यानी सैलरी के साथ मिलने वाले भत्ते, कुल सैलरी या CTC से 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकते और इसका सीधा मतलब है कि बेसिक सैलरी, सैलरी स्ट्रक्चर का 50 फीसदी होगी। इस नियम का पालन करने के लिए, कंपनियों को सैलरी के बेसिक पे कंपोनेंट को बढ़ाना होगा, जिसके चलते ग्रेच्युटी पेमेंट और कर्मचारी की ओर से भरे जाने वाले प्रॉविडेंट फंड की रकम बढ़ जाएगी। रिटायरमेंट के लिए डाली जाने वाली रकम बढ़ने का मतलब है कि आपकी टेक-होम सैलरी कम हो जाएगी लेकिन आपका रिटायरमेंट फंड बढ़ेगा।
प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों पर पड़ेगा प्रभाव
वर्तमान में, अधिकतर प्राइवेट कंपनियां कुल CTC के बड़े हिस्से में गैर-भत्ते वाला हिस्सा कम और भत्ते वाला हिस्सा ज्यादा रखने को वरीयता देती हैं। हालांकि, नया नियम आ जाने के बाद से यह बदल जाएगा। संभावना है कि इन नियमों से प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की सैलरी प्रभावित होगी क्योंकि आमतौर पर उन्हें ज्यादा भत्ता मिलता है। नए नियमों के मुताबिक, कंपनियों को 50 फीसदी बेसिक सैलरी की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए उनकी बेसिक सैलरी को बढ़ाना होगा। इन नियमों से भले ही टेक-होम सैलरी घट जाएगी। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि इससे लोगों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा और रिटायरमेंट बेनेफिट्स मिलेंगे।
You must be logged in to post a comment.