
मुरादनगर हादसा: अब तक 25 लोगों की मौत, EO, JE व सुपरवाइजर गिरफ्तार, ठेकेदार फरार
लखनऊ (धारा न्यूज़): मुरादनगर के शमशान घाट हादसे में अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तत्काल राहत पहुंचाने और कार्रवाई के निर्देश पर लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप में ठेकेदार, नगरपालिका की कार्यपालन अधिकारी समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में निहारिका सिंह ईओ मुरादनगर नगर पालिका, चंद्रपाल जूनियर इंजीनियर व आशीष सुपरवाइजर को गिरफ्तार किया है। अजय त्यागी ठेकेदार समेत कुछ अन्य लोग अभी फरार हैं। एसपी ग्रामीण डॉ. ई. राजा ने बताया कि इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। इसके बाद आगे की विधिक कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद प्रशासन से इस हादसे की पूरी रिपोर्ट मांगी है। मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का ऐलान यूपी सरकार ने कर दिया है।

पीएम मोदी ने जताया दुःख:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा, ‘मुरादनगर में हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे की खबर से अत्यंत दुख पहुंचा है। राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य में तत्परता से जुटी है। इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं, साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’

घोटाला लील गया लोगों की जान!
तीन महीने पहले श्मशान घाट का छत डाली गई थी। अब सवाल उठ रहा है कि क्या शमशान घाट में हुए घोटाले ने लोगों की जान ली। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया, जिसका नतीजा ये हुआ कि जरा सी बारिश में ढह गया। घटना के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू हो गया था। रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देने वाले NDRF के CO प्रवीण तिवारी ने बताया था कि उनकी टीम ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि किसी भी बिल्डिंग की लाइफ 50 साल तक होती है, लेकिन ये बिल्डिंग हाल ही में बनी थी और इसके कंस्ट्रक्शन को देखकर लगता है कि सीमेंट और रेत का इस्तेमाल सही अनुपात में नहीं किया गया होगा, जिसकी वजह से बिल्डिंग इतनी जल्दी गिर गई।