
चंडीगढ़ (एजेंसी) पंजाब विधानसभा में गृह मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने BSF की सीमा 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया। इसमें केंद्र सरकार से 11 अक्तूबर को गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना वापस लेने की मांग की गई। इसके बाद विधानसभा ने सर्वसम्मति से इस संबंध में केंद्र सरकार की अधिसूचना को खारिज करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। इस मामले पर विधानसभा में जमकर हंगामा भी हुआ। नवजोत सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया आमने-सामने हो गए। सिद्धू ने सवाल दागा कि सुखबीर बादल सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं आए।
चन्नी ने जमकर साधा अकाली दल पर निशाना:
सदन में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अकाली दल पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा व आरएसएस को पंजाब में दाखिल कराने में अकाली दल की अहम भूमिका है। चन्नी ने आरएसएस व भाजपा को पंजाब की दुश्मन जमात करार दिया। साथ ही कहा कि शिरोमणि अकाली दल पंजाब की गद्दार पार्टी है। इसने हमेशा पंजाब को खराब किया। जम्मू कश्मीर से जब अन्याय हुआ तब अकाली दल भाजपा के साथ था।
तब क्यों चुप था अकाली दल: मुख्यमंत्री चन्नी ने सीधे-सीधे सुखबीर बादल पर निशाना साधा। कहा कि जब संसद में राज्यों के अधिकारों पर हमला किया जा रहा था, तब अकाली दल ने चुप्पी साधे रखी। चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि अकाली दल ने आरोप लगाया कि वह वह पीएम से मिलने गए।
सदन में हंगामा, वॉकआउट: चन्नी के भषण पर सदन में हंगामा हो गया। आप के सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंचे। इसके बाद आप ने सदन से वॉकआउट कर लिया। अकाली दल के सदस्य भी वेल में पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री के भाषण का विरोध करते हुए वेल में नारेबाजी की।