
पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के अधीन राज्य स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, भोपाल द्वारा 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं किया गया उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश का पालन।
उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त आदेशों को फिर से लागू करने का नायाब कारनामा।
भोपाल। जिला पंचायत पन्ना में जिला समन्वयक, समग्र स्वच्छता अभियान के पद पर पदस्थ मनेन्दु पहारिया को विगत 4 वर्षों से उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा सेवा में रखे जाने के आदेश उपरांत अभी तक राज्य कार्यक्रम अधिकारी, राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), भोपाल द्वारा ना तो कार्यादेश दिया गया ना ही पारिश्रमिक दिया जा रहा है।
जिला पंचायत पन्ना में संविदा में पदस्थ जिला समन्वयक मनेन्दु पहारिया ने बताया कि राज्य कार्यालय एवं कलेक्टर पन्ना के आदेशों से अगस्त 2015 में मेरी सेवा समाप्त की गई थी।
उक्त दोनों आदेशों को उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 14338-2015 में पारित आदेश दिनांक 22.02.2018 के द्वारा निरस्त कर दिया गया एवं विधि अनुसार निर्णय लेने हेतु राज्य कार्यालय को निर्देश प्रदान किए गए। मनेंदु पहारिया द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित आदेश के परिपालन में दिनांक 07-03-2018 को जिला पंचायत पन्ना में अपनी उपस्थिति दी गई। उपस्थिति पर कार्यालय जिला पंचायत पन्ना द्वारा राज्य कार्यक्रम अधिकारी, भोपाल को पत्र प्रेषित कर मार्गदर्शन चाहा गया।
मनेन्दु पहारिया ने बताया कि राज्य स्तर पर आज तक मेरे बारे में कोई निर्णय नहीं लिये जाने के कारण कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत पन्ना में मुझे नियमित उपस्थित होने के उपरांत भी कोई कार्य दायित्व नहीं सौंपा जा रहा है, ना ही मुझे पारिश्रमिक प्रदाय किया जा रहा है।
श्री पहारिया ने ये भी बताया कि वह इस संबंध में व्यक्तिगत तौर पर पंचायत ग्रामीण विकास विभाग में आयुक्त, स्वच्छता मिशन ग्रामीण के राज्य कार्यक्रम अधिकारी, संयुक्त आयुक्त आदि को कई बार व्यक्तिगत रूप से समक्ष उपस्थित होकर लिखित मैं आवेदन भी दे चुके हैं, लेकिन कोई निराकरण नहीं किया गया।
मनेन्दु पहारिया द्वारा सेवा समाप्ती के संबंध में सूचना के अधिकार अंतर्गत चाही गई जानकारी में कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत पन्ना द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 02-11-2021 में स्पष्ट लिखा गया कि मनेन्दु पहारिया को सेवा से हटाने का कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है साथ ही कलेक्टर विधि शाखा जिला पन्ना को प्रेषित पत्र दिनांक 28-10-2021 में स्पष्ट लेख किया है कि प्रकरण में राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया जाना है।
मनेन्दु पहारिया द्वारा बताया गया कि इसके पूर्व कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत पन्ना द्वारा राज्य कार्यक्रम अधिकारी, राज्य स्वच्छ भारत मिशन, भोपाल को प्रेषित पत्र दिनांक 11-02-2021 में स्पष्ट लिखा गया है कि पूर्व में दिनांक 07-03-2018 को भेजे पत्र द्वारा इस प्रकरण में चाहा गया मार्गदर्शन प्राप्त नहीं हुआ है साथ ही जिला पंचायत में लगभग 07 वर्ष के दौरान इनका कार्य अच्छा रहा है।
उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय, जिला पंचायत पन्ना द्वारा प्रेषित पत्रों एवं मेरे द्वारा किए गए पत्राचार के फलस्वरुप राज्य कार्यक्रम अधिकारी, राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन (ग्रामीण), भोपाल के पत्र दिनांक 17-11-2021 में उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा निरस्त आदेशों को पुन: प्रभावशील कर देने की बात कही है।
कुल मिलाकर कलेक्टर पन्ना एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत पन्ना के पास भी मनेन्दु पहारिया की संविदा सेवा अवधि समाप्त करने का भी कोई आदेश आज दिनांक तक नहीं है।
मनेन्दु पहारिया द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य कार्यक्रम अधिकारी, भोपाल द्वारा उन्हें भेजे जाने वाले समस्त पत्र कलेक्टर पन्ना या मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत पन्ना के माध्यम से ही प्रेषित किए जाते हैं।
कार्यालय राज्य कार्यक्रम अधिकारी, राज्य स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण द्वारा मनेन्दु पहारिया को कार्यादेश एवं पारिश्रमिक प्रदान न कर विगत 07 वर्ष से मानसिक एवं आर्थिक रुप से प्रताड़ित किया जा रहा है।