अर्धसैनिक बलों के जवानों का उत्थान पूर्णचंद्र आर्य का कर्तव्य बन गया है

पिछले 20 वर्ष से जवानों के उत्थान के लिए तत्पर हैं हरियाणा के पूर्णचंद्र आर्य
नई दिल्ली। हरियाणा के सोनीपत निवासी पूर्णचंद आर्य ने अपने जज्बे से वह कर दिखाया जो लोगों के लिए मात्र सपना होता है। अपनी कर्म निष्ठा की मिसाल पेश करते हुए पूर्णचंद्र आर्य अर्ध सैनिक बल के लिए देश में 50 से अधिक कैंटीन संचालित कर रहे हैं। पूर्णचंद आर्य का मानना है भारत के जवानों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान कर वो कर्मयोगी बने रहना चाहते हैं, जिसके लिए वो लगातार जी जान से लगे हुए हैं ।

सामान्य परिवार से होते हुए भी बड़े सपने को जी रहे हैं पूर्णचंद्र– पूर्णचंद्र आर्य किसी रसूखदार परिवार से ताल्लुक नहीं रखते। यह इनकी लगन और इच्छाशक्ति ही है, जो इन्हें शुरुआती दिनों के आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद भारत के जवान और अर्धसैनिक बलों के प्रति समर्पित करती रही। शैक्षिक योग्यता की बात करें तो पूर्णचंद्र आर्य मात्र दसवीं कक्षा तक नियमित शिक्षा प्राप्त कर सके। उसके बाद पत्राचार से कक्षा 12वीं और स्नातक करने के बाद उन्होंने सिक्किम मनिपाल यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री ली।

पूर्णचंद्र आर्य 11 साल वित्त मंत्रालय में सेटलमेंट और डायरेक्ट इंचार्ज के रूप में तैनात रहे और यहीं से जवानों के उत्थान का जज्बा मन में आया। लगभग 20 साल पहले जब सैनिक बल के जवानों के उत्थान के लिए वेलफेयर संगठन का गठन हुआ, तब सबसे ज्यादा खुशी पूर्णचंद्र आर्य को हुई। अर्धसैनिक बलों के जवानों की सुविधा के लिए पूर्ण चंद्र आर्य ने दो वेबसाइट भी बनवाई हैं जो http://www.ardhsainik.com और http://www.ardhsainikgroup.com नाम से संचालित हो रही हैं। इन पर पूरे प्रोडक्ट का अवलोकन किया जा सकता है।